बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले कटिहार जिले के बारसोई प्रखंड के जबतपुर क्षेत्र में ग्रामीणों ने सरकार और जनप्रतिनिधियों के खिलाफ बड़ा कदम उठाया है। ग्रामीणों ने ऐलान किया है कि जब तक महानंदा नदी पर चचरी पुल का पक्का निर्माण नहीं होगा, वे आगामी चुनाव में वोट नहीं डालेंगे। प्रदर्शन में महिलाएं, बुजुर्ग और स्कूली बच्चे तक शामिल हुए। ग्रामीणों का आरोप है कि पिछले 25 वर्षों से पुल निर्माण का सिर्फ आश्वासन दिया जा रहा है, लेकिन जमीनी स्तर पर कोई ठोस काम नहीं हुआ।
जाताहार गांव के ग्रामीणों ने बताया कि मौजूदा चचरी पुल से हर दिन लोग जोखिम उठाकर नदी पार करते हैं। बारिश और बाढ़ के समय स्थिति और भी खतरनाक हो जाती है। बच्चों को स्कूल जाने में कठिनाई होती है और गर्भवती महिलाओं को अस्पताल तक पहुंचने के लिए 20 किलोमीटर का चक्कर लगाना पड़ता है। ग्रामीण मोहम्मद शाहिद और मुज्जिसर के नेतृत्व में हुए इस प्रदर्शन में हजारों लोग शामिल हुए। उन्होंने विधायक महबूब आलम और स्थानीय सांसद पर “झूठे वादे” करने का आरोप लगाया।
ग्रामीणों ने स्पष्ट कहा है कि जब तक महानंदा नदी पर पक्का पुल नहीं बनेगा, तब तक वे किसी भी दल को वोट नहीं देंगे। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि जल्द निर्माण कार्य शुरू नहीं हुआ तो आंदोलन और तेज किया जाएगा। स्थानीय प्रशासन ने इस मामले की गंभीरता को स्वीकार करते हुए कहा कि पुल निर्माण को प्राथमिकता सूची में शामिल करने पर विचार किया जा रहा है। यह घटना एक बार फिर बिहार में ग्रामीण बुनियादी ढांचे और अधूरे वादों की हकीकत उजागर करती है।


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