खगड़िया: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के बीच शनिवार को बड़ा राजनीतिक विवाद सामने आया है। राजद नेता और महागठबंधन के मुख्यमंत्री उम्मीदवार तेजस्वी यादव की खगड़िया में प्रस्तावित चुनावी रैली अंतिम समय में रद्द कर दी गई। बताया जा रहा है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की रैली के कारण तेजस्वी यादव को हेलिकॉप्टर लैंडिंग की अनुमति नहीं दी गई, जिसके चलते उनकी सभा रद्द करनी पड़ी।
तेजस्वी यादव ने इस फैसले पर कड़ी नाराज़गी जताते हुए केंद्र सरकार पर तानाशाही और सत्ता के दुरुपयोग का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “हमारी सभा की अनुमति रोकना यह दिखाता है कि बीजेपी हमारी लोकप्रियता से डर गई है। जनता अब उनके झांसे और दबाव में नहीं आने वाली। यह लोकतंत्र नहीं, तानाशाही है।” तेजस्वी को शनिवार को तीन विधानसभा क्षेत्रों — परबत्ता, अलौली और खगड़िया में जनसभाएँ करनी थीं, लेकिन खगड़िया में अचानक अनुमति रद्द होने से उनके कार्यक्रम पर असर पड़ा।
सूत्रों के मुताबिक प्रशासन की ओर से यह अनुमति “सुरक्षा कारणों” का हवाला देते हुए नहीं दी गई। तेजस्वी की रैली जवाहरलाल नेहरू मेमोरियल क्रिकेट (JNKT) ग्राउंड के पास संसारपुर मैदान में होनी थी, जबकि अमित शाह की सभा पास के जननायक कर्पूरी ठाकुर मैदान में निर्धारित थी। अधिकारियों ने दोनों रैलियों की निकटता को देखते हुए सुरक्षा जोखिम बताया। हालांकि राजद नेताओं का कहना है कि यह राजनीतिक दबाव में लिया गया निर्णय है।
इधर, अमित शाह की बिहार में शनिवार को तीन चुनावी सभाएँ निर्धारित थीं — पहली खगड़िया, दूसरी मुंगेर जिले के नौवागढ़ी हाई स्कूल मैदान, और तीसरी नालंदा के श्रम कल्याण मैदान में। शाह की सभाओं में बड़ी भीड़ जुटने की उम्मीद है, जबकि तेजस्वी की रैली रद्द होने को लेकर विपक्ष ने सवाल उठाए हैं।
राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि यह विवाद बिहार चुनाव में राजनीतिक ध्रुवीकरण को और तेज कर सकता है। जहां राजद इसे “लोकतांत्रिक अधिकारों पर रोक” बता रही है, वहीं बीजेपी का कहना है कि सुरक्षा एजेंसियों के निर्णय को राजनीति से जोड़ना गलत है। आने वाले दिनों में यह मुद्दा राज्य की सियासत का प्रमुख चुनावी हथियार बन सकता है।

