बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के बीच तेज प्रताप यादव ने एक बार फिर बड़ा राजनीतिक बयान देकर हलचल मचा दी है। मीडिया से बातचीत में उन्होंने राहुल गांधी को ‘जननायक’ मानने से इनकार कर दिया और कहा कि पोस्टर पर नाम होना किसी को जननायक नहीं बनाता। तेज प्रताप ने कहा कि “जननायक वे हैं जिन्हें जनता चाहती है”, और उदाहरण के रूप में कर्पूरी ठाकुर, राम मनोहर लोहिया, डॉ. भीमराव अंबेडकर और महात्मा गांधी के नाम लिए। उनके इस बयान से महागठबंधन के भीतर नेतृत्व की राजनीति पर नई बहस शुरू हो गई है।
तेज प्रताप यादव ने कहा कि “लालू जी ही असली जननायक हैं।” उन्होंने राहुल गांधी और तेजस्वी यादव पर टिप्पणी करते हुए कहा कि “दोनों लालू जी की छत्रछाया में हैं।” इस बयान के जरिए उन्होंने यह संकेत दिया कि बिहार की राजनीति में आज भी लालू यादव का कद सबसे बड़ा है और महागठबंधन की राजनीति उन्हीं के अनुभव पर टिकी है। तेज प्रताप के इस बयान ने न सिर्फ कांग्रेस और राजद के रिश्तों पर चर्चा छेड़ दी है, बल्कि गठबंधन में नेतृत्व की भूमिका पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।
तेज प्रताप यादव ने कहा कि उनके ऊपर किसी की छत्रछाया नहीं है, “मेरे ऊपर बिहार की गरीब जनता और नौजवानों का आशीर्वाद है।” उन्होंने राहुल गांधी और तेजस्वी यादव को चुनौती दी कि वे अपने दम पर चुनाव जीतकर दिखाएं। तेज प्रताप का यह बयान न केवल उनके आत्मविश्वास को दर्शाता है, बल्कि यह भी बताता है कि राजद परिवार के भीतर राजनीतिक विचारों और नेतृत्व को लेकर मतभेद अब खुलकर सामने आने लगे हैं।

