रीटलाल यादव इस समय भागलपुर जेल में बंद हैं। इससे पहले उन्हें एमपी/एमएलए कोर्ट की अनुमति पर पुलिस सुरक्षा में दानापुर लाकर नामांकन दाखिल करने की अनुमति दी गई थी। नामांकन के बाद उन्हें दोबारा जेल भेज दिया गया। राजद प्रत्याशी ने हाईकोर्ट में यह दलील दी थी कि वे अपने निर्वाचन क्षेत्र में चार सप्ताह के लिए प्रचार करना चाहते हैं ताकि वे जनता से जुड़ सकें और लोकतांत्रिक प्रक्रिया में हिस्सा ले सकें। इस पर राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता पी.के. शाही ने कहा कि यह याचिका सुनवाई योग्य नहीं है और आवेदक को सक्षम न्यायालय से ही राहत मांगनी चाहिए।
रीटलाल यादव इस समय भागलपुर जेल में बंद हैं। इससे पहले उन्हें एमपी/एमएलए कोर्ट की अनुमति पर पुलिस सुरक्षा में दानापुर लाकर नामांकन दाखिल करने की अनुमति दी गई थी। नामांकन के बाद उन्हें दोबारा जेल भेज दिया गया। राजद प्रत्याशी ने हाईकोर्ट में यह दलील दी थी कि वे अपने निर्वाचन क्षेत्र में चार सप्ताह के लिए प्रचार करना चाहते हैं ताकि वे जनता से जुड़ सकें और लोकतांत्रिक प्रक्रिया में हिस्सा ले सकें। इस पर राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता पी.के. शाही ने कहा कि यह याचिका सुनवाई योग्य नहीं है और आवेदक को सक्षम न्यायालय से ही राहत मांगनी चाहिए।
कोर्ट के इस फैसले के बाद रीतलाल यादव को चुनाव प्रचार के लिए जेल से बाहर आने की उम्मीदों पर पानी फिर गया है। अब उन्हें एमपी/एमएलए कोर्ट का दरवाजा खटखटाना होगा। बता दें कि दानापुर सीट पर मुकाबला काफी दिलचस्प है, जहां राजद के उम्मीदवार के तौर पर जेल में बंद विधायक रीटलाल यादव मैदान में हैं। चुनाव आयोग के अनुसार, इस सीट पर 6 नवंबर 2025 को मतदान होना है।

