पटना: बिहार में पलायन के मुद्दे पर सियासी बयानबाजी तेज हो गई है। बीजेपी नेता ऋतुराज सिन्हा ने सोमवार को तेजस्वी यादव और राहुल गांधी पर पलायन को लेकर झूठ और भ्रम फैलाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव मजदूरों के कष्ट का उल्लेख तो करते हैं, लेकिन यह नहीं बताते कि बिहार से पलायन की शुरुआत 1990 के दशक में लालू यादव के शासनकाल में हुई, जब बिहार से उद्योगपति और निवेशक राज्य छोड़कर चले गए। सिन्हा ने कहा कि “उसी दौर में बिहार में जंगलराज कायम हुआ, जिससे भय और असुरक्षा का माहौल बना।”
ऋतुराज सिन्हा ने तेजस्वी यादव पर तंज कसते हुए कहा कि उन्हें सबसे पहले अपने घर में जाकर पूछना चाहिए कि पलायन रोकने के लिए क्या किया गया था। उन्होंने कहा कि आज जब तेजस्वी रोजगार की बात करते हैं, तो बिहार की जनता जानती है कि यह सिर्फ चुनावी जुमला है। उन्होंने कहा, “तेजस्वी यादव खुद नौंवी फेल हैं, लेकिन बिहार की जनता पढ़ी-लिखी है और जानती है कि ऐसे वादे कभी पूरे नहीं हो सकते।”
बीजेपी नेता ने आगे कहा कि बिहार में करीब ढाई करोड़ परिवार हैं, तो अगर तेजस्वी यादव हर परिवार को नौकरी देना चाहते हैं, तो ढाई करोड़ नौकरियों की आवश्यकता होगी। उन्होंने तंज कसा कि शायद तेजस्वी “500 रुपये महीने की नौकरी देने या 12 लाख करोड़ का इश्वरीय वरदान पाने की सोच रहे हों।” ऋतुराज सिन्हा के इस बयान ने बिहार की राजनीति में नया विवाद खड़ा कर दिया है।

