बिहार विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं, शिवहर और बेलसंड में “हाथी की दौड़” यानी बसपा की एंट्री ने चुनावी समीकरण बदल दिए हैं। बेलसंड में पूर्व जदयू नेता और प्रदेश महासचिव राणा रणधीर सिंह चौहान ने बसपा से मैदान में उतरकर सभी दलों में हलचल मचा दी है। उनकी पत्नी सुनीता सिंह चौहान तीन बार विधायक रह चुकी हैं, जिससे इस क्षेत्र में उनका मजबूत पकड़ और पारिवारिक वोट बैंक है। बेलसंड से राजद के संजय गुप्ता, एनडीए के अमित रानू और जनसुराज की अपर्णा सिंह भी मैदान में हैं, जिससे मुकाबला त्रिकोणीय नहीं बल्कि चतुष्कोणीय हो गया है।
वहीं शिवहर विधानसभा में भी बसपा प्रत्याशी मोहम्मद सरफुद्दीन की एंट्री ने चुनाव को दिलचस्प बना दिया है। दो बार के जदयू विधायक रहे सरफुद्दीन ने टिकट कटने के बाद पार्टी छोड़ बसपा का दामन थाम लिया है। उनके पास अपने कार्यकाल का अनुभव और मजबूत जनाधार दोनों हैं। इधर राजद से स्वर्गीय रघुनाथ झा के पौत्र नवनीत कुमार झा, जदयू से डॉ. वरुण कुमार की पत्नी डॉ. श्वेता गुप्ता, और जनसुराज से उद्योगपति नीरज कुमार सिंह चुनावी अखाड़े में हैं।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि बसपा के दोनों नेताओं की मौजूदगी से एनडीए और राजद दोनों का पारंपरिक वोट बैंक प्रभावित हो सकता है। “हाथी” की एंट्री ने शिवहर और बेलसंड दोनों सीटों को राज्य की सबसे रोमांचक सीटों में बदल दिया है।

