Nationalist Bharat
Other

बिहार में प्रवासियों को क्वारेंटाइन करने का कागज़ी खेल,आम आदमी पार्टी ने उठाया सवाल

 

 

Advertisement

आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता नियाज अहमद के अनुसार शुक्रवार 3 अप्रैल को कुछ मीडिया कर्मियों ने जब पूर्णिया जिला मुख्यालय से तकरीबन 35 किलोमीटर दूर पश्चिम बंगाल की सीमा से लगे बायसी प्रखंड के कवैया पंचायत स्थित पहुंची जो कि केंद्र सीमा आपदा राहत केंद्र है. यहां पर प्रवासी बिहारियों को अवासन और भोजन, रेगुलर चेकअप की सुविधा की बात कही जा रही थी. लेकिन, सेंटर पर सन्नाटा पसरा नजर आया.

 

Advertisement

पूर्णिया/बिहारकोरोना वायरस को लेकर पूरे देश में लॉक डाउन हैं. इस वजह से बड़ी संख्या में लोग दिल्ली जैसे बड़े शहरों से निकलकर वापस बिहार की ओर लौटने लगे . इसके बाद संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए बिहार सरकार ने बिहार के बाहर से वापस आने वाले लोगों के लिए क्वारेंटाइन सेंटर बनाने और बाहर से आने वाले लोगों को इन सेंटरों मे 14 दिनों तक रखने का निर्देश जारी किया. हालांकि, सरकार ने अपने आदेश में क्वारेंटाइन सेंटर को सभी सुविधाओं से लैस होने की बात कही थी. लेकिन, धरातल पर सरकार के दावे कुछ और ही नजर आते हैं. सरकारी आंकड़ो के अनुसार 22 मार्च से अब तक बिहार के पूर्णिया में 1500 से भी अधिक प्रवासी मजदूर देश के दूसरे राज्यों से वापस आ चुके हैं. इनमें अधिकांश दिल्ली,पश्चिम बंगाल ,पंजाब, राजस्थान, हैदराबाद, कर्नाटक ,केरल, गुजरात, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र समेत कई दूसरे अन्य राज्यों से शामिल हैं. प्रदेश के सरकार के निर्देश पर गौर करें तो सभी मजदूरों की स्क्रीनिंग और टेस्टिंग के बाद फिट पाए जाने के बावजूद उन्हें क्वारंटाइन सेंटर में रखा जना था. लेकिन कई मीडिया कर्मियों की पड़ताल में सभी सरकारी दावे खोखले साबित हुए. ऐसे ही एक पड़ताल में शुक्रवार को कुछ मीडिया कर्मियों ने जब पूर्णिया जिला मुख्यालय से तकरीबन 35 किलोमीटर दूर पश्चिम बंगाल की सीमा से लगे बायसी प्रखंड के कवैया पंचायत स्थित पहुंची जो कि केंद्र सीमा आपदा राहत केंद्र है. यहां पर प्रवासी बिहारियों को अवासन और भोजन, रेगुलर चेकअप की सुविधा की बात कही जा रही थी. लेकिन, सेंटर पर सन्नाटा पसरा नजर आया.सरकारी आंकड़े के मुताबिक 15 सौ प्रवासी बिहारी मजदूर पश्चिम बंगाल दालकोला चेकपोस्ट से वापस बिहार आए थे. राज्य सरकार के निर्देश के मुताबिक यहां स्क्रीनिंग और टेस्टिंग के बाद सभी मजदूरों को 14 दिनों तक रखा जाना था.

 

Advertisement

आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता नियाज अहमद ने इस विषय पर अपनी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि जिस प्रकार प्रिंट मीडिया एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से प्रशासनिक अमले कि लापरवाही सामने आ रही है वो बहुत भयवाह है।

 

Advertisement

केंद्र पर भोजन के लिए रसोइए और मेडिकल चेकअप के लिए मेडिकल टीम भी मौजूद होनी चाहिए थी. लेकिन, क्वारेंटाइन सेंटर पर कहीं कोई प्रवासी मजदूर और कैंप अधिकारी नजर नहीं आए. इस बाबत सीमा आपदा राहत कैम्प में तैनात होमगार्ड के जवानों ने बताया कि यहां प्रवासी बिहारी तो आते हैं. लेकिन, किसी को एक दिन के लिए भी इस क्वारेंटाइन सेंटर में रखा नहीं गया है. मजदूरों को लेकर एक बस आती है और उसे लेकर वापस चली जाती है. इस दौरान उनके साथ मेडिकल टीम रहती है. प्रवासी बिहारीयों की बसें वापस जाते ही कैंप में तैनात सभी अधिकारी भी यहां से निकल जाते हैं.
आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता नियाज अहमद ने इस विषय पर अपनी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि जिस प्रकार प्रिंट मीडिया एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से प्रशासनिक अमले कि लापरवाही सामने आ रही है वो बहुत भयवाह है।
उन्होंने बिहार सरकार एवं पुर्णीया प्रशासन से सभी क्वारेंटाइन सेंटरों पर कड़ी निगरानी रखने की मांग की ताकि बाहर से आ रहे प्रवासीयों से राज्य को सुरक्षित रखा जा सके।प्रदेश प्रवक्ता ने संकट इस घड़ी मे भी निर्भयता से अपने दायित्व का पालन करने के लिए सभी पत्रकार बंधुओं का भी धन्यवाद किया।

Advertisement

Related posts

बुखार और सर्दी-जुकाम: कारण, बचाव और उपचार

Nationalist Bharat Bureau

दीघा से भाजपा प्रत्याशी संजीव चौरसिया के चुनावी कार्यालय का केंद्रीय मंत्री ने किया उद्घाटन

Nationalist Bharat Bureau

सामाजिक नहीं,हाइजेनिक दूरी की ज़रूरत

Leave a Comment