श्रमिक स्पेशल ट्रेन, दिल्ली के अलग-अलग रैन बसेरों में रह रहे बिहार के तकरीबन 1200 प्रवासी कामगारो को लेकर मुजफ्फरपुर के लिए रवाना हुई है.
नई दिल्ली/पटना : दिल्ली में फंसे बिहार के प्रवासी मजदूरों के लिए भारतीय रेलवे ने पहली ट्रेन चलाने का फैसला कर लिया था. भारतीय रेलवे ने शुक्रवार को बिहार के लिए पहली ट्रेन दोपहर 3 बजे रवाना हुई. श्रमिक स्पेशल ट्रेन, दिल्ली के अलग-अलग रैन बसेरों में रह रहे बिहार के तकरीबन 1200 प्रवासी कामगारो को लेकर मुजफ्फरपुर के लिए रवाना हुई है.आम आदमी पार्टी बिहार के प्रदेश अध्यक्ष सुशील सिंह ने बताया कि राज्यों में जाने वाली ट्रेनों का खर्च 85% केंद्र सरकार देगी। 15% राज्य सरकार देना है। लेकिन दिल्ली से बिहार जाने वाली ट्रेन का खर्च दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की सरकार ने उठाया है.
उन्होंने बताया कि तीसरे चरण का लॉकडाउन 17 मई तक बढ़ने के साथ ही दिल्ली में फंसे मजदूरों को वापस भेजने की प्रक्रिया पिछले कुछ दिनों शुरू हो गई थी. ऐसे में दिल्ली सरकार ने भी अपने यहां नोडल अधिकारियों की एक टीम बनाई है, जो देश के अलग-अलग राज्यों के साथ कॉर्डिनेशन का काम कर रहे हैं. सुशील ने बताया कि बिहार सरकार ने अभी तक दिल्ली-एनसीआर में फंसे लोगों को घर वापसी को लेकर कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई थी, क्योंकि बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने संसाधन की कमी का रोना रो कर अपने हाथ पहले ही खड़े कर दिए थे। अंत मे, दिल्ली से बिहार तक जाने का सारा खर्च दिल्ली सरकार ने उठाया.पार्टी के प्रदेश मीडिया प्रभारी बबलू प्रकाश ने बिहार प्रभारी सह राज्यसभा सांसद, संजय सिंह एवं बिहार अध्यक्ष सुशील सिंह को धन्यवाद देते हुए कहा कि लॉकडाउन में दिल्ली में फंसे बिहारी कामगारो का पीड़ा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के समक्ष रखा और उनलोगों को बिहार भेजने की व्यवस्था कराई। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के इस संकट के घड़ी में पूरा देश परेशान हैं। वहीं, दिल्ली की सरकार ने पूर्वांचल के लोगों का बहुत ही अच्छे से ख्याल रखा है। केजरीवाल की सरकार, पहले भी बिहार-यूपी के लोगो के साथ खड़ी थी और आगे भी खड़ी रहेगी।