स्थित शिया जामा मस्जिद के इमाम-ए-जुमा एवं शिया धर्मगुरु मौलाना काज़िम शबीब ने कहा कि सांसद को इस तरह की अशोभनीय बयान देने से पहले इतिहास के पन्ना को अच्छी तरह से पलट कर देख लेना चाहिए की भारत की आज़ादी में मदरसा का अहम योगदान रहा है और मदरसा के छात्रों ने भी मुल्क़ की आज़ादी में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया है
मुज़फ़्फ़रपुर:स्थानीय कमरा मोहल्ला स्थित शिया जामा मस्जिद के इमाम-ए-जुमा एवं शिया धर्मगुरु मौलाना सैयद मोहम्मद काज़िम शबीब ने मुज़फ़्फ़रपुर के सांसद अजय निषाद द्वारा मदरसा के छत्रों पर दिए गए बयान को द्वेषपूर्ण एवं धर्मिक उन्मांद फैलाने वाला बताते हुए विरोध जताया और कहा कि कम से कम स्थानीय सांसद अजय निषाद को अपने गरिमामई पद का ख़्याल होना चाहिए की वह एक सम्मानीय पद पर आसीन हैं एवं एक बड़े लोकसभा क्षेत्र की जनता का प्रतिनिधित्व कर रहें हैं, इस तरह का बयान उनके पद की गरिमा को शोभा नहीं देता है और उनकी ओछी मानसिकता को दर्शाता है। एक तरफ उनकी सत्तारूढ़ दल सबका साथ-सबका विकास का नारा देती है और दूसरी ओर वह दो समुदाय के बीच घृणा, नफ़रत एवं विद्वेष फैलाने वाला बयान दे रहें हैं।इसके साथ ही मौलाना काज़िम शबीब ने कहा कि स्थानीय सांसद को इस तरह की अशोभनीय बयान देने से पहले इतिहास के पन्ना को अच्छी तरह से पलट कर देख लेना चाहिए की भारत की आज़ादी में मदरसा का अहम योगदान रहा है और मदरसा के छात्रों ने भी मुल्क़ की आज़ादी में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया है वैसे भी पंचर बनाना कोई बुरी बात नहीं है बल्कि बईमान और भ्रष्ट नेताओं द्वारा हमारे देश का पैसा विदेशों के स्विस बैंक में जमा करना एवं समाज में घृणा, नफ़रत, विद्वेष और धार्मिक उन्माद फैलाकर जाती-धर्म के नाम पर दो समुदाय के बीच दंगा कराकर देश के संविधान में पंचर करने की नाकाम कोशिश करना बुरी बात है, मदरसा के छात्र मुल्क़ की हिफाज़त के लिए अपनी जान की बाज़ी तक लगाने का हौंसला और जज़्बा रखते हैं मदरसा वाले पंचर बना लेंगें मगर मुल्क़ से ग़द्दारी कभी नहीं करेंगें अगर पंचर बनाकर मेहनत की रोटी खाना बुरी बात है तो फिर स्थानीय सांसद को सबसे पहले देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विरोध करना चाहिए जिन्होंनें उच्च स्तरीय शिक्षा ग्रहण करने वाले युवा छात्रों को पकोड़े और समोसे तलने की सलाह देते हुए कहा था कि मेहनत करके खाना कोई बुरी बात नहीं है।