ये देख कर अजीब लगता है कि कल तक एक शादीशुदा के गर्भवती होने की खबर को चटखारे लेकर पढ़ने,सुनने, देखने और ट्वीट,रिट्वीट करने,फेसबुक पर अपनी गन्दी नाली वाली सोंच को उड़ेलने और एक महिला का चरित्र हनन करने वाले कीड़े आज नताशा के लिए वैसी उल्टी नहीं कर रहे हैं।आज वो कीड़े मकोड़े नताशा और पांडिया को मज़ाकिया रिश्तेदार समझ कर बधाई पर बधाई और शुभकामनाओं पर शुभकामनाएं भेजे जा रहे है।
◆मेराज नूरी
क्रिकेटर हार्दिक पांड्या की मंगेतर नताशा स्टन्कोविक बिना शादी के ही प्रेगनेंट हो गयी ।अब पांड्या के बच्चे को जन्म देने वाली है।दोनों की सगाई हो चुकी है लेकिन बाजाब्ता शादी नहीं हुई।नताशा ने अपनी पोस्ट में लिखा ‘हार्दिक और मेरा अब तक का सफर बेहद खूबसूरत रहा है और आने वाले समय में यह और बेहतर होगा। हम दोनों अब अपनी जिंदगी में एक नए मेहमान का वेलकम करने जा रहे हैं। हम जिंदगी के नए कदम को लेकर काफी खुश हैं और आप सबकी दुआएं चाहते हैं।बता दें कि हार्दिक और नताशा ने इसी साल की शुरुआत में 1 जनवरी 2020 को सोशल मीडिया के जरिए फैंस को बताया था कि दोनों ने दुबई में सगाई कर ली है। वैसे, नताशा की फोटो देखकर लगता है कि वो प्रेग्नेंसी के दूसरे ट्राइमिस्टर में दिख रही हैं।ख़ैर,हार्दिक पांड्या और नताशा और उनके आने वाले मेहमान के लिए शुभकामनाएं।इसके विपरित एक और ख़बर का ज़िक्र यहां ज़रूरी है जो कुछ इसी तरह नए मेहमान,प्रेग्नेंट से जुड़ी है।ख़बर ये थी या है कि जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी दिल्ली की छात्रा सफुरा जरगर को पुलिस ने गिरफ़्तार किया और वो अभी जेल में हैं।कानूनी प्रक्रिया है,अदालतें है,मामले हैं,चल रहे हैं और आगे भी चलेंगे।सफुरा पर क्या आरोप हैं,सफुरा का क्या कसूर है ये सब अब अदालतों में है।अब अदालत ही जो फैसला होगा करेगी।ये भविष्य के गर्त में है।
बाकी सफूरा प्रेगनेंट हैं जैसे करोड़ों महिलाएं होती हैं।वो एक बच्चे की मां बनेंगी।ठीक उसी तरह जिस तरह हमारी,आपकी या उन ट्रोल्स की मांएं होती हैं या फिर हार्दिक पांडिया की नताशा हुई है। कानूनी तौर पर उनके ऊपर जो भी आरोप साबित हों, या न हों मगर किसी महिला का राजनैतिक रूप से आपका विरोधी होना आपको ये अधिकार नहीं देता कि आप उसका चरित्र हनन करें।ये बेशर्मी की हद पार करना वैसा ही है जैसे कोई आपकी मां,बहन का चरित्र हनन करता है और आपको बुरा लगता है।
लेकिन इस गिरफ़्तारी और उसके बाद कि गैरइंसानी,अभद्र, असामाजिक और बेशर्मी की हदें पार करने वाली सोशल मीडिया और तथाकथित भक्तों की टिप्पणियों ने आज उस मामले को ताज़ा कर दिया है।ये देख कर अजीब लगता है कि कल तक एक शादीशुदा के गर्भवती होने की खबर को चटखारे लेकर पढ़ने,सुनने, देखने और ट्वीट,रिट्वीट करने,फेसबुक पर अपनी गन्दी नाली वाली सोंच को उड़ेलने और एक महिला का चरित्र हनन करने वाले कीड़े आज नताशा के लिए वैसी उल्टी नहीं कर रहे हैं।आज वो कीड़े मकोड़े नताशा और पांडिया को मज़ाकिया रिश्तेदार समझ कर बधाई पर बधाई और शुभकामनाओं पर शुभकामनाएं भेजे जा रहे है।आज वो कीड़े मकोड़े सोशल मीडिया पर वैसे रेंगते हुए नज़र नहीं आरहे जैसे सफुरा जरगर के मामले पर गन्दी नाली से निकलकर मलमूत्र त्याग रहे थे।सफुरा ज़रगर का चरित्र हनन करने वाले भक्त आजकल नताशा के गर्भवती होने पर मामा का किरदार अदा करने लगे हैं।वजह साफ है।सफुरा का मुस्लिम होना,जामिया मिल्लिया इस्लामिया से होना उसका अपराध बन गया।सफूरा एक मुस्लिम हैं, जामिया में पढ़ती हैं,जामिया कोआर्डिनेशन कमिटी से जुड़ी हैं।तथाकथित दक्षिणपंथी रुझान वाले लोगों के निशाने पर आने के लिए ये सभी पहलू बहुत मददगार होते है जिसकी आड़ में कहीं भी मलमूत्र का त्याग किया जा सकता है। बाकी सफूरा प्रेगनेंट हैं जैसे करोड़ों महिलाएं होती हैं।वो एक बच्चे की मां बनेंगी।ठीक उसी तरह जिस तरह हमारी,आपकी या उन ट्रोल्स की मांएं होती हैं या फिर हार्दिक पांडिया की नताशा हुई है। कानूनी तौर पर उनके ऊपर जो भी आरोप साबित हों, या न हों मगर किसी महिला का राजनैतिक रूप से आपका विरोधी होना आपको ये अधिकार नहीं देता कि आप उसका चरित्र हनन करें।ये बेशर्मी की हद पार करना वैसा ही है जैसे कोई आपकी मां,बहन का चरित्र हनन करता है और आपको बुरा लगता है।आज भक्तगण नताशा और पांडिया को अनेकों बधाई देते हैं, उसके और उसके होने वाले बच्चे के जीवन की कामना करते हैं।बधाई देना भी चाहिए,हम भी उसके पक्षधर है।लेकिन जब सफुरा जरगर शादी के बाद प्रेग्नेंट होती है तो उसे यही भक्त ट्रोल करते हैं… बिना शर्म लिहाज़ के भद्दी भद्दी गालियाँ देते हैं…ऐसे में हमें सोंचने पर मजबूर होना पड़ता है कि आखिर ऐसी दोगली मानसिकता कहाँ से लाते है यह लोग?