एनएसयूआई की विश्विद्यालय इकाई के प्रतिनिधि ख़ालिद जमशेद(काउंसिलर, दरभंगा हाउस) एवं वाहिद अली के द्बारा पटना विश्वविद्यालय के कुलपति से मिलकर ज्ञापन सौंपा गया। जिसमें विश्वविद्यालय के छात्रों को प्रमोट करने का आग्रह किया गया।
पटना:पटना यूनिवर्सिटी के छात्रों के हित के लिए प्रयासरत एनएसयूआई की विश्विद्यालय इकाई के प्रतिनिधि ख़ालिद जमशेद (काउंसिलर, दरभंगा हाउस) एवं वाहिद अली के द्बारा पटना विश्वविद्यालय के कुलपति से मिलकर ज्ञापन सौंपा गया। जिसमें विश्वविद्यालय के छात्रों को प्रमोट करने का आग्रह किया गया।पटना विश्विद्यालय एनएसयूआई अध्यक्ष शास्वत शेखर के लेटरहेड पर अग्रसरित ज्ञापन के अनुसार छात्र नेताओं ने कहा कि यह ज्ञातव्य है कि दुनिया एक विपदा से गुजर रही है, ऐसे क्षण में हम सब मिलकर अपने लिए, अपने राष्ट्र के लिए, शासनादेशों के निर्देशों का पालन कर रहे हैं जबकि दूसरी ओर दिनांक 22 मार्च 2020 के घोषित लॉक डाउन से कई छात्र-छात्राओं अपने घरों में तथा कुछ अपने घरों से दूर अध्ययन भूमि में ही फंसे हुए हैं।इस वैश्विक महामारी की वजह से देश में घोषित लॉक डाउन के कारण सभी शिक्षण संस्थान पूर्ण रूप से बंद हैं। वर्तमान समय, शिक्षण सत्र के लिए परीक्षा का समय है परंतु महामारी के चलते किसी भी पाठ्यक्रम का कोर्स पूर्ण नहीं हो सका है परंतु यह भी सत्य है कि कुछ विश्वविद्यालय ऑनलाइन माध्यम से पाठ्यक्रम को चला रहे हैं लेकिन कई छात्र अपने घरों में हैं जहां वह पर्याप्त संसाधन ना होने की वजह से ऑनलाइन पाठ्यक्रम में रुचि नहीं ले रहे हैं।
पत्र में कहा गया है कि विद्यार्थी देश के भविष्य के साथ साथ राष्ट्र निर्माता भी है। अतः इनके हित को ध्यान में रखते हुए मेरी आपसे कुछ बिंदुओं पर आग्रह है। छात्र हित के लिए निम्न मांगों पर आदेश जारी करने की कृपा करें।माँग के अनुसार विश्वविद्यालय में ऑनलाइन माध्यम से परीक्षाएं नहीं ली जाएं।स्नातक पाठ्यक्रम के प्रथम तथा द्वितीय वर्ष के सभी छात्रों को बगेर परीक्षा लिए प्रोन्नत किए जाएं, विश्वविद्यालय विकल्प के तौर पर छात्रों से असाइनमेंट की माध्यम अपना सकें।पारा स्नातक पाठ्यक्रम के प्रथम द्वितीय एवं तृतीय सेमेस्टर के सभी छात्रों को बगैर परीक्षा लिए प्रोन्नत किए जाएं विकल्प के तौर पर इसे भी असाइनमेंट का माध्यम अपनाया जाए।स्नातक पाठ्यक्रम तथा पारा स्नातक पाठ्यक्रम के अंतिम वर्ष के छात्रों को 10% अतिरिक्त अंक के साथ पिछले प्रदर्शन के आधार पर पदोन्नत किए जाने चाहिए, क्योंकि यह देखा गया है कि अंतिम वर्ष के छात्र अपने प्रदर्शन में सुधार कर लेते हैं। विश्वविद्यालय आगामी सत्र हेतु किसी भी प्रकार की फीस अगले वर्ष अथवा अगले सेमेस्टर के लिए ना लें इस महामारी को देखते हुए इसे माफ कर देनी चाहिए।छात्रावासों में रह रहे छात्र के शुल्क का वहन सरकार के द्वारा किए जाएं।