अशरफ ने कहा कि केन्द्र सरकार पिछड़ों के प्रति ईमानदार है और उन्हें कुछ देना चाहती है तो बिहार विधानसभा व विधान परिषद से दो दो बार पास किए गए जातिय आधार पर जनगणना करने की अनुशंसा को स्वीकार कर जनगणना अधिनियम में इसे शामिल करे औरआरक्षण कोटे को बढ़ाने के लिए विधेयक लाए।
पटना :पिछड़ों का वर्गीकरण करने के लिए केन्द्र की मोदी सरकार ने जो रोहिणी आयोग का गठन किया है इससे पिछड़ों को तब तक कोई लाभ नहीं होगा जब तक जातिय आधार पर जनगणना और आरक्षण कोटे को बढ़ावा नहीं जाएगा।उक्त बातें युनाइटेड मुस्लिम मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष कमाल अशरफ राईन ने आज एक प्रेस ब्यान जारी कर कहा। श्री अशरफ ने कहा कि केन्द्र सरकार पिछड़ों के प्रति ईमानदार है और उन्हें कुछ देना चाहती है तो बिहार विधानसभा व विधान परिषद से दो दो बार पास किए गए जातिय आधार पर जनगणना करने की अनुशंसा को स्वीकार कर जनगणना अधिनियम में इसे शामिल करे और आरक्षण कोटे को बढ़ाने के लिए विधेयक लाए। उन्होंने कहा कि निजी क्षेत्रों एवं न्याय पालिकाओं में भी पिछड़ों को आरक्षण का प्रावधान होना चाहिए।श्री अशरफ ने मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार की मांग बिहार की तरह केन्द्र में भी र्कपूरी ठाकुर के फार्मूले को लागू करने और राज्य सभा में श्री राम नाथ ठाकुर को जनता द ल यूनाइटेड के संसदीय बोर्ड का अध्यक्ष बनाए जाने का पुरजोर स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस जबसे सत्ता में रही उसका यही काम रहा आयोग बनाते रहो और उसके रिपोर्ट को ठण्डे बस्ते में डालते रहो। उन्होंने कहा कि भाजपा हकीकत में पिछड़ों की हमदर्द है तो वह कांग्रेस की राह अख्तियार नहीं करेंगी और पिछड़ों के लिए यह सब करेंगी एवं कांग्रेस द्वारा 1950 के राष्ट्रपति अध्यादेश द्वारा दलित मुसलमानों के छिने गये अनुसूचित जाति आरक्षण को भी देने का काम करेगी।