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मेट्रोमैन ई श्रीधरन को लोगों ने बताया 88 साल की उम्र में देशभक्ति पर Ph.D करने वाला सबसे बुजुर्ग भारतीय

नई दिल्ली: ‘मेट्रो मैन’ के नाम से मशहूर ई श्रीधरन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आलोचना करने वालों की आलोचना की है. बीबीसी को दिए एक इन्टरव्यू में श्रीधरन ने कहा है कि ऐसे लोग, जो बेवजह पीएम मोदी की आलोचना करते हैं, देशभक्त नहीं हो सकते. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने अपने कार्यकाल में देश की छवि सुधारने के लिए कई बड़े कदम उठाए हैं.बीबीसी को दिए इंटरव्यू में श्रीधरन ने कहा, ”पीएम मोदी की आलोचना करने वाले लोग असलियत में बीजेपी के खिलाफ हैं और ये लोग नहीं चाहते की बीजेपी कभी सत्ता में रहे.” उन्होंने कहा, ”अगर मोदी की आलोचना सिर्फ सरकार की छवि को खराब करने के लिए की जा रही है तो ये देश के खिलाफ है.”श्रीधरन के इस बयान पर सोशल मीडिया ने जम कर क्लास लगाई।Ranveer Singh Yogi नामक यूजर लोखते हैं कि  88 साल की उम्र में देशभक्ति पर P. HD करने वाला सबसे बुजुर्ग भारतीय।Siddharth P Kantharia ने लिखा कि “जब बीजेपी जोईन किए तब ही पता चल गया था. अब एक के बाद एक तीर छूटेंगे. पता नहीं क्या पाप किया था तो जो। इन …. के हाथ लग गया होगा, अब ज़िंदगी के आख़री पड़ाव  में किरकिरी होंगी. आपकी कोई गलती नहि है, हमारी पूरी सहानुभूति आपके साथ है”।Abhishek Tiwary लिखते हैं कि तार्किक रूप से , विवेक का प्रयोग करते हुए, जहाँ भी नरेंद्र मोदी गलत हैं या कोई भी नेता गलत है वहाँ उन्हें सत्य से अवगत कराना हर देशभक्त का कर्तव्य है ।। एक तरफा बोलना , किसी व्यक्ति के गुणगान में सही गलत देखे बिना बोलना देशभक्ति नहीं है, सत्य व राष्ट्र के लिए बोलना देशभक्ति है ।
Krishna Dipale ने लिखा कि नेताओं की हर बात में हर गलत फैसले में सपोर्ट करना देशभक्ति नहीं चाटुकारिता कहलाता है श्रीधर जी बुढ़ापे में क्यों सठिया रहे हो।
Nirbhay Narayan Singh नामक यूजर लिखते हैं कि उम्र के एक निश्चित पडा़व तक आते आते,सोच,समझ और स्मृति का इस बिन्दु में पहुंच जाना कोई खास प्रकरण नहीं।ऐसा बहुतो के साथ,प्राकृतिक रुप में हो ही जाता है।
G L Sharma नामक यूजर ने लिखा कि चुनाव लड़ रहा है या मोदी की मस्का पोलिश कर रहा है ।यह भी अंधभक्त निकला। कोंन देश भक्त हैं और कौन नही है अब ये सिखाएंगे हमे।
Rajesh Chauhan लिखते हैं कि सबसे पहले सत्याग्रह किया गाँधी के साथ, फिर पंडित नेहरु को प्रधानमंत्री पद की शपथ दिलवाया, फिर भिक्षा मांग खाने लगे, फिर चाय बेचा स्टेशन पर,फिर डिजिटल कैमरा खरीदा,फिर फोटो खींचकर ईमेल कर दिए, math में 2ab एक्स्ट्रा कहाँ से आया इसकी खोज की,सचिन तेंदुलकर को बल्ला पकड़ना सिखाया,लाल किला जब बना सारी ईंट कंधों पे इन्होंने ढोया, रामायण इन्होंने हीं लिखा था बस उसको अनुवाद बाल्मीकि जी ने किया था…..हद कर दिया है इस इंसान ने हमेशा याद किये जाओगे अपने झूठ के लिए #स्वामी झूठेश्वर प्रचारमंत्री।

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