नमाज़े जनाजा मौलाना के बेटे फहद रहमानी की इजाजत से मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सचिव हजरत अमीरे शरीयत के खलीफा व मजाज मौलाना मुहम्मद उमरीन महफूज रहमानी ने पढ़ाई।इस मौके पर हिंदुस्तान के इलावा दूसरे देशों के हज़ारों लोग शामिल हुए।
मुंगेर/पटना:ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव और खानकाह रहमानी मुंगेर के सज्जाद नशीन इमारत शरिया बिहार,झारखंड और ओडिशा के अमीर शरीअत हजरत मौलाना वली रहमानी आज हज़ारों नम आंखों से मुंगेर के ख़ानक़ाह में सुपुर्द ए ख़ाक कर दिए गए।नमाज़े जनाजा मौलाना के बेटे फहद रहमानी की इजाजत से मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सचिव हजरत अमीरे शरीयत के खलीफा व मजाज मौलाना मुहम्मद उमरीन महफूज रहमानी ने पढ़ाई।इस मौके पर हिंदुस्तान के इलावा दूसरे देशों के हज़ारों लोग शामिल हुए।
बताते चलें कि शनिवार 3 अप्रैल 2021 को पटना के एक निजी अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली।वो 78 वर्ष के थे।कुछ दिन पहले तबियत बिगड़ने पर उन्हें पटना के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उनके निधन की खबर मिलते ही शोक की लहर दौड़ गई।हजरत मौलाना वली रहमानी बिहार, ओडिशा और झारखंड के अमीर-ए-शरीयत थे. इसके अलावा वो वर्ष 1974 से 1996 तक बिहार विधानसभा के सदस्य भी रहे. भारत में इस्लामी शिक्षा के सबसे बड़े केंद्रों में से एक जामिया रहमानी की स्थापना वर्ष 1901 में उनके दादा मो. अली मुंगेरी ने की थी. उनके पिता सैय्यद मिनतुल्लाह रहमानी इस्लामिक विद्वान थे. पिता के निधन के बाद वर्ष 1991 में हजरत मौलाना वली रहमानी ख़ानक़ाह रहमानी के सज्जादानशीन बने।वो सामाजिक कार्यो से भी जुड़े रहे, उन्होंने वर्ष 1996 में शिक्षा और स्वास्थ्य को लेकर रहमानी फाउंडेशन की मुंगेर में स्थापना की थी।