किसान संघर्ष समन्वय समिति पूर्णियाँ के संयोजक नियाज अहमद ने कहा कि हमारी मांग है की केंद्र जल्द से जल्द सब्सिडी लागू कर किसानों को राहत दे क्योंकि उर्वरकों की बढ़ती कीमतों ने किसानों की खेती के बजट को बिगाड़ दिया है।
पूर्णियाँ :किसान संघर्ष समन्वय समिति पूर्णियाँ के संयोजक नियाज अहमद ने खाद की बढती किमतों पर चिंता जाहिर करते हुए केंद्र सरकार से सब्सिडी देकर किसानों को राहत देने की मांग की। उन्होंने कहा कि 10 दिन पहले तक 1200 रुपए में मिलने वाली 50 किलो डीएपी की बोरी अब 1900 रुपए की हो गई है। इसी तरह एनपीके (12.32.16) और एनपीके (10.26.26) की बात करें तो यह पहले करीब 1075 रुपए प्रति बोरी थी, जो अब क्रमश: 1800 और 1775 रुपए पहुंच गई है।कोविड-19 महामारी के प्रकोप के बीच राज्य में खाद की बढ़ती कीमतों पर किसान संघर्ष समन्वय समिति पूर्णियाँ के संयोजक नियाज अहमद ने चिंता जताई और आगामी बुवाई सत्र से पहले सरकार से मदद मांगी है। उन्होंने कहा कि रासायनिक खाद की कीमत बढऩे से वैसे तो सभी किसानों को नुकसान होगा, लेकिन सब्जी उत्पादकों को इसकी सबसे ज्यादा मार झेलनी पड़ेगी धान की फसल के लिए एक एकड़ में एक बोरी डीएपी की आवश्यकता होती। वहीं सब्जी उत्पादकों को एक एकड़ में दो से तीन बोरी डीएपी की जरूरत पड़ती है ऐसे में रासायनिक उर्वरकों की कीमतों में हुई इस भारी भरकम वृद्धि से किसानों पर आर्थिक बोझ बढेगा। एक ओर जहाँ सरकार लम्बे समय से किसानों की आय दोगुना करने का राग अलाप रही है वहीं दुसरी ओर किसानों की कमर तोड़ने मे कोई कसर नहीं छोड़ रही।
नियाज अहमद ने कहा कि केंद्र सरकार ने हाल ही में कहा था कि वह देश भर में किसानों को घटी दरों पर खाद की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए फॉस्फैटिक एवं पोटासिक (पीएंडके) उर्वरकों के कच्चे माल की वैश्विक कीमतों में वृद्धि को समायोजित करने के लिए सब्सिडी पर विचार कर रही है अतः हमारी मांग है की केंद्र जल्द से जल्द सब्सिडी लागू कर किसानों को राहत दे क्योंकि उर्वरकों की बढ़ती कीमतों ने किसानों की खेती के बजट को बिगाड़ दिया है।