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रामदेव ने माँगी माफ़ी,चेला ने खेला हिन्दू-ईसाई कार्ड

बाबारामदेव के चेला बालकृष्ण ने अपने सोशल मीडिया पेज फ़ेसबुक पर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) के अध्यक्ष डॉ जॉनरोज़ ऑस्टिन पर ईसाईयत को बढ़ावा देने वाला और हिंदुओं के लिए खतरा बताते हुए देशवासियों को लामबंद करने की कोशिश की,कहा:”पूरे देश को ईसाईयत में परिवर्तित करने के षड्यंत्र के तहत स्वामी रामदेव जी को लक्ष्य करके योग एवं आयुर्वेद को बदनाम किया जा रहा है।”

 

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नई दिल्ली:योग को व्यापार बनाकर अपने पतंजलि कंपनी के द्वारा करोड़ों में खेलने वाले बाबा रामदेव अपने एक बयान को लेकर आजकल चर्चा में हैं।इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) द्वारा संज्ञान लिए जाने और माफी मांगने की मांग के बीच केंद्र सरकार द्वारा माफी मांगने के हुक्म के बीच बाबा रामदेव के चेला बालकृष्ण ने पतंजलि,बाबा रामदेव को बचाने के लिए हिन्दू ईसाई कार्ड खेल दिया है।इस बात से इतर की जब यही बालकृष्ण मिठाई के रिएक्शन होने की वजह से एलोपैथिक इलाज के लिए ऋषिकेश के AIIMS में भर्ती हुआ था और अपना इलाज करवाया था।बाबारामदेव के चेला बालकृष्ण ने अपने सोशल मीडिया पेज फ़ेसबुक पर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) के अध्यक्ष डॉ जॉनरोज़ ऑस्टिन पर ईसाईयत को बढ़ावा देने वाला और हिंदुओं के लिए खतरा बताते हुए देशवासियों को लामबंद करने की कोशिश की है।बालकृष्ण ने लिखा है कि”पूरे देश को ईसाईयत में परिवर्तित करने के षड्यंत्र के तहत स्वामी रामदेव जी को लक्ष्य करके योग एवं आयुर्वेद को बदनाम किया जा रहा है। देशवासियों अब तो गहरी नींद से जागो । नहीं तो आने वाली पीढ़ियां तुम्हें माफ नहीं करेंगी।कट्टर ईसाई अध्यक्ष के कारण आयुर्वेद और योग से घृणा की सारी सीमा लांघता जा रहा है इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA)!”
बालकृष्ण ने एक न्यूज़ पोर्टल का लिंक शेयर करते हुए लिखा है कि यह साक्षात्कार अत्यंत विस्फोटक है! इसलिए नहीं कि यह आधुनिक चिकित्सा की तरफदारी करता है या फिर और कुछ बल्कि आईएमए के अध्यक्ष के रूप में डॉ जॉनरोज़ ऑस्टिन किस प्रकार आधुनिक चिकित्सा का प्रयोग ईसाइयत को बढ़ावा देने के लिए कर रहे हैं यह इस घातक रणनीति पर प्रकाश डालता है और किस प्रकार वह हिन्दुओं के प्रति अपनी घृणा के लिए आधुनिक चिकित्सा को ढाल बना रहे हैं।

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बताते चलें कि एलोपैथी विवाद पर रामदेव ने स्वास्थ मंत्री डॉ हर्षवर्धन के पत्र का जवाब देते हुए विवादित बयान वापस ले लिया है. जवाबी पत्र में रामदेव ने लिखा कि वे मॉडर्न मेडिकल साइंस या एलोपैथी के विरोधी नहीं हैं. वे मानते हैं कि जीवन रक्षा प्रणाली और सर्जरी में एलोपैथी ने बहुत प्रगति की है और मानवता की सेवा की है।रामदेव ने आगे लिखा है कि मेरा जो वक्तव्य quote किया गया है, वह एक कार्यकर्ता बैठक का वक्तव्य है जिसमें मैंने आए हुए व्हाट्सएप मैसेज पढ़कर सुनाया था. उससे अगर उससे किसी की भावनाएं आहत हुई हैं, तो मुदे खेद है.’ रामदेव पत्र में आगे लिखते हैं कि किसी भी मेडिकल प्रैक्टिस में होने वाली गलतियों का रेखांकन उस प्रैक्टिस पर आक्रमण के तौर पर नहीं लिया जाना चाहिए. यह विज्ञान का विरोध कतई नहीं है.

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