बिहार स्टेट शीया वक़्फ़ बोर्ड के साबिक़ चेयरमैन इरशाद अली आज़ाद को कमेटी का सदर बनाए जाने पर इस्तिक़बालीया प्रोग्राम का इनइक़ाद,सदारत की ज़िम्मेदारी सौंपे जाने पर इदारे का शुक्र अदा करते हूए ज़िम्मेदारान से हर मुम्किन तआवुन और तरक़्क़ी का वादा किया।
पटना: अंजुमन ख़ादिम उल-इस्लाम कश्मीरी कोठी पटना सीटी की जानिब से बिहार स्टेट शीया वक़्फ़ बोर्ड के साबिक़ चेयरमैन इरशाद अली आज़ाद को कमेटी का सदर बनाए जाने पर इस्तिक़बालीया प्रोग्राम का इनइक़ाद किया गयानौमुंतख़ब सदर की आमद पर अंजुमन ख़ादिम उल-इस्लाम के अराकीन ने उनका वालहाना इस्तिक़बाल किया।इस मौक़ा पर अपने मुख़्तसर ख़िताब में सदर इरशाद अली आज़ाद ने सदारत की ज़िम्मेदारी सौंपे जाने पर इदारे का शुक्र अदा करते हूए ज़िम्मेदारान से हर मुम्किन तआवुन और तरक़्क़ी का वादा किया।
इस प्रोग्राम में यतीमख़ाना, एंटर स्कूल, मैरेज हाल के निज़ाम को दरुस्त करने और दीगर मुआमलात पर गुफ़्तगु की गई।इरशाद अली आज़ाद ने कहा कि इस इदारे के पास तक़रीबन चार बीघा ज़मीन है। यानी ये एक ऐसा इदारा है जिसके पास काफ़ी मिक़दार में ज़मीन भी है, बिल्डिंग भी है और पैसा भी है, सिर्फ उस के निज़ाम को दुरुस्त करने की ज़रूरत है जिससे क़ौम का काफ़ी भला हो सकता है। उन्होंने कहा कि जब मैंने यतीमख़ाना, मैरिज हाल, एंटर स्कूल वग़ैरा का मुआइना किया तो देखा कि मैरिज हाल में साफ़ सफ़ाई नहीं है, पेंटिंग भी काफ़ी हद तक ख़राब हो चुकी है, बिल्डिंग बनी हुई है मगर उस का कोई इस्तिमाल नहीं हो रहा है और ख़स्ता-हाल है। एंटर स्कूल में साईंस में 384 और आर्टस में 384 बच्चों के दाख़िले के लिए सीट दस्तयाब है जिसे भरने की ज़रूरत है। वहां पढ़ाने वाले असातिज़ा को वक़्त पर तनख़्वाह की अदायगी नहीं हो पा रही है जिससे उन्हें माली परेशानीयों से दो-चार होना पड़ रहा है। इन तमाम मसाइल को क़ानूनी तौर-तरीक़े से और बेलौस हो कर ठीक करने की ज़रूरत है। उन्होंने कहा कि मेरा मक़सद सिर्फ इतना है कि यहां जो भी काम हो बिलकुल शफ़्फ़ाफ़ियत के साथ हो, ज़बानी नहीं हो बल्कि काग़ज़ी तौर-तरीक़े से किया जाये। अगर हम तमाम लोग आपसी रंजिश और मुफ़ाद परस्ती को भुला कर सिर्फ यतीमख़ाना वग़ैरा की फ़लाह-ओ-बहबूद के बारे में सोचें तो इस इदारे के तहत बड़े और फ़लाही काम अंजाम दिए जा सकते हैं।इस प्रोग्राम में अंजुमन ख़ादिम उल-इस्लाम के नायब सदूर मुहम्मद अज़ीम, इमाम उद्दीन अंसारी, ऐडवोकेट सैक्रेटरी मुहम्मद मुश्ताक़ आलम, जॉइंट सैक्रेटरी जमील अहमद, आसिफ़ अली-ओ-दीगर अराकीन सय्यद हैदर इमाम, मुहम्मद नौशाद आलम, राशिद अख़तर, मुनव्वर हसन, ज़ाकिर हुसैन वग़ैरा पेश पेश थे। तक़रीब में काफ़ी तादाद में मुक़ामी लोग शरीक हुए और जनाब आज़ाद के ज़रीये मन्सब सदारत क़बूल करने पर मुबारकबाद पेश की