Nationalist Bharat
Other

किसान दाता है,याचक नहीं,देश सोचे कि किसानों का सम्मान कैसे हो:आरसीपी सिंह

  • “टिकाऊ खेती, खुशहाल किसान” विषय पर आयोजित जदयू का वर्चुअल सम्मेलन सफलतापूर्वक सम्पन्न
  • सीमा-सुरक्षा में लगे जवानों की तरह देश को खाद्यान्न सुरक्षा देने वाले किसानों को भी मिले पेंशन: आरसीपी सिंह
  • “देश के हर नागरिक की थाली में बिहार का कोई एक व्यंजन हो” के लक्ष्य पर काम कर रही हमारी सरकार: उमेश सिंह कुशवाहा
  • बिहार एकमात्र प्रदेश जिसने ‘रेनबो रिवोल्यूशन’ की बात की: डॉ. मंगला राय
  • जदयू के वर्चुअल सम्मेलन को 80 हजार से अधिक लोगों ने फेसबुक पर लाइव देखा; जूम ऐप के माध्यम से जुड़े किसान प्रकोष्ठ के 1000 पदाधिकारी।
  • कार्यक्रम को आईसीएआर के पूर्व डीजी डॉ. मंगला राय और आईआरआरआई, वाराणसी के डायरेक्टर डॉ. सुधांशु सिंह ने विशेष तौर पर किया संबोधित।

 

पटना:“टिकाऊ खेती, खुशहाल किसान” विषय पर आयोजित जदयू का वर्चुअल सम्मेलन सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ। इस सम्मेलन के उद्घाटनकर्ता व मुख्य अतिथि जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह थे, जबकि इसकी अध्यक्षता प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने की। कार्यक्रम को आईसीएआर के पूर्व डायरेक्टर जेनरल डॉ. मंगला राय एवं आईआरआरआई के डायरेक्टर डॉ. सुधांशु सिंह ने जूम ऐप के माध्यम से विशेष तौर पर संबोधित किया। इस मौके पर जदयू मुख्यालय स्थित कर्पूरी सभागार में विधानपार्षद संजय गांधी, प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. नवीन कुमार आर्य, प्रदेश महासचिव अनिल कुमार,चंदन कुमार सिंह, जदयू मीडिया सेल के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अमरदीप, जदयू प्रशिक्षण प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष सुनील कुमार, जदयू किसान प्रकोष्ठ के प्रभारी मनोज कुमार, किसान प्रकोष्ठ उत्तर बिहार के अध्यक्ष बिपिन कुमार सिंह एवं दक्षिण बिहार के अध्यक्ष नंदकिशोर कुशवाहा मौजूद रहे। धन्यवादज्ञापन नंदकिशोर कुशवाहा ने किया।इस आयोजन से जूम ऐप के माध्यम पूरे राज्य से जदयू किसान प्रकोष्ठ के 1000 पदाधिकारी जुड़े थे, वहीं विभिन्न फेसबुक पेज के माध्यम से लगभग 80 हजार से अधिक लोगों ने इसे लाइव देखा।इस मौके पर राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह ने कहा कि किसान दाता हैं, याचक नहीं। वे केवल अन्नदाता ही नहीं, प्राणदाता और रोजगारदाता भी हैं। दुनिया की किसी फैक्ट्री ने ऐसी चीज नहीं बनाई कि आप बिना खाए जीवित रह जाएं। जैसे सूर्य ऊर्जा का अक्षय स्रोत है, वैसे ही हमारे किसान अन्न और जीवन के अक्षय स्रोत हैं। हमें उनको धन्यवाद करना चाहिए और देश को सोचना चाहिए कि किसानों का सम्मान कैसे हो। आज अगर हमारा देश किसी मुल्क के आगे झुकता नहीं तो वो किसानों की बदौलत। यहां तक कि कोरोना के मुश्किल दौर में भी किसी एक क्षेत्र में प्रगति देखने को मिली तो वो कृषि का क्षेत्र है। सीमा-सुरक्षा में लगे जवानों की तरह हमारे देश के किसान भी पेंशन के हकदार हैं।आरसीपी सिंह ने कहा कि हमारे नेता श्री नीतीश कुमार का सपना है कि बिहार एक विकसित प्रदेश बने। यह तभी संभव होगा जब हम सभी मिलकर लगेंगे और खेती में बिहार को अव्वल बनाएंगे। खेती तभी टिकाऊ होगी जब उसकी निरंतरता बनी रहे, फसल का पोषक तत्व बना रहे और वो लाभप्रद हो। हम अपने नेता के आभारी हैं कि उन्होंने कृषि के क्षेत्र में कई अभूतपूर्व निर्णय लिए। आज हमारी सरकार हर खेत तक पानी पहुंचाने के लक्ष्य पर काम कर रही है। 24 हजार 500 करोड़ रुपए की लागत वाली जल-जीवन-हरियाली जैसी महत्वाकांक्षी योजना उन्हीं की दूरदर्शी सोच का परिणाम है।

Advertisement

प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने कहा कि बिहार की 85% आबादी गांवों में रहती है और 79% लोगों की आय का जरिया कृषि है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रारंभ से कृषि को गंभीरता से लिया है। बिहार में लागू कृषि रोडमैप में उनका विजन देखा जा सकता है। “देश के हर नागरिक की थाली में बिहार का एक व्यंजन हो”, हमारी सरकार इस लक्ष्य पर काम कर रही है। साथ ही उन्होंने कहा कि राज्य के लगभग 92% लोग अंडा खाते हैं, इसको देखते हुए पोल्ट्री के क्षेत्र में रोजगार की अपार संभावना है।कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डॉ. मंगला राय, पूर्व डीजी, आईसीएआर ने कहा कि बिहार देश का एकमात्र राज्य है जिसने ‘रेनबो रिवोल्यूशन’ की बात की। मैं इसके लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बधाई देता हूँ। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने केवल समेकित और समावेशी विकास की बात ही नहीं कि उसे संभव करके दिखाया। उन्होंने कहा कि बिहार के सबौर कृषि विश्वविद्यालय के लिए 1000 करोड़ की राशि निवेश की गई। बिहार पहला राज्य है जिसने किसी एक कृषि विश्वविद्यालय में इतना निवेश किया हो।डॉ. सुधांशु सिंह, डायरेक्टर, आईआरआरआई, वाराणसी ने कहा कि आधुनिक अनुसंधान और प्रौद्योगिकी से कृषि उत्पादन में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है। बढ़ती आबादी को देखते हुए पारिस्थितिकी तंत्र को क्षति पहुंचाए बिना इसको और बढ़ाने की जरूरत है। साथ ही उन्होंने कहा कि हमें ऐसी रणनीति की आवश्यकता है जिससे फसल अवशेषों का व्यापक प्रबंधन हो सके।

Advertisement

Related posts

जाले से कांग्रेस प्रत्याशी मशकूर उस्मानी को जान का खतरा,मुख्यमंत्री को लिखा पत्र,सुरक्षा की मांग

Nationalist Bharat Bureau

देश दुनिया के लिए मिसाल बन चुके हैं बिहार के शिक्षक, कोई बेचता था पापड़ तो कोई था ऑटो रिक्शा वाला

अगर आप करोडपति बनना चाहते हैं, तो बस आप को कोकरौच के साथ करना होगा ये काम….

Nationalist Bharat Bureau

Leave a Comment