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कक्षा एक से दसवीं तक के विद्यालय ना खुलने से बच्चों, शिक्षकों एवं अभिभावकों मे मायूसी छाई:शमायल अहमद

शमायल अहमद ने कहा विद्यालय पिछले 16 महीने से बंद होने के कारण स्कूलों में बच्चों की फीस नहीं आई है जिसके कारण विद्यालयों के बिल्डिंग का रेंट, ई एम आई, बिजली का बिल, स्कूल वाहन का कर, एवं अन्य विद्यालयों से जुड़े खर्चो का भुगतान नहीं किया जा सका है जिसकी वजह से हजारों स्कूल कर्ज के बोझ तले दब गए हैं एवं पैसों के अभाव में बंद भी हो चुके हैं।

 

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पटना:शमायल अहमद राष्ट्रीय अध्यक्ष प्राइवेट स्कूल्स एन्ड चिल्ड्रेन वेलफेयर एसोसिएशन ने बिहार के मुख्यमंत्री द्वारा 11वीं एवं 12वीं की पढ़ाई पुनः ऑफलाइन प्रारंभ करने की घोषणा का स्वागत किया है एवं उसी गाइडलाइन के अंतर्गत कक्षा पहली से दसवीं तक को भी प्रारंभ करने की मांग की है।शमायल अहमद ने कहा पिछले 16 महीनों से विद्यालय बंद है एवं बच्चों की पढ़ाई ऑनलाइन के माध्यम से हो रही है जिसके कारण बच्चों का सर्वागीक विकास थम सा गया है एवं लगातार कई घंटों मोबाइल तथा कंप्यूटर के माध्यम से पढ़ाई करने से दृष्टि दोष की भी शिकायतें अधिक मिल रही है दृष्टि के साथ-साथ बच्चों के फिजिक् एवं मस्तिष्क पर भी गहरा प्रभाव पड़ रहा है। कहीं ऐसा ना हो की कोरोनावायरस के चंगुल से बचते बचते बच्चे शारीरिक एवं मस्तिष्क विकास से वंचित होकर अपना अस्तित्व खो बैठे।
शमायल अहमद ने कहा विद्यालय पिछले 16 महीने से बंद होने के कारण स्कूलों में बच्चों की फीस नहीं आई है जिसके कारण विद्यालयों के बिल्डिंग का रेंट, ई एम आई, बिजली का बिल, स्कूल वाहन का कर, एवं अन्य विद्यालयों से जुड़े खर्चो का भुगतान नहीं किया जा सका है जिसकी वजह से हजारों स्कूल कर्ज के बोझ तले दब गए हैं एवं पैसों के अभाव में बंद भी हो चुके हैं। विद्यालय बंद होने के कारण वहां से जुड़े शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मी बेरोजगार हो गए हैं और अपना पालन पोषण करना उनके लिए एक गंभीर समस्या बन चुका है ऐसी स्थिति में हजारों शिक्षकों ने भूखमरी का सामना किया है एवं पैसों के अभाव में इलाज सही रूप से ना होने के कारण अपनी जान भी गंवा दी। स्थिति बद से बदतर हो चुकी है। यदि अब सरकार ने विद्यालय शिक्षकों एवं बच्चों के हित में खोलने का फैसला नहीं लिया तो शिक्षा जगत संपूर्ण रूप से अंधकार में डूब जाएगा और लाखों शिक्षक एवं उनके परिवार के लोग सङक पर आ जाएगे। परंतु मुझे पूर्ण विश्वास है हमारे दिग्गज एवं दूरंदेशी सरकार पर के वह निसंदेह हमारी बातों से सहमत होंगे एवं हमारी बातों पर संज्ञान लेंगे और विद्यालय खोलने की अनुमति अविलंब प्रदान करेंगे।

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