- पूर्व सांसद के फेसबुक अकाउंट से साझा की गई जानकारी।
- कहा:कारा महानिरीक्षक और जिलाधिकारी की सकारात्मक पहल,लगभग सभी प्रमुख माँगें स्वीकार्य
- आनंद मोहन के परिजन कोरोना की वजह से आनंद मोहन की सेहत को लेकर लगातार चिंता जताते रहते हैं।आनंद मोहन की रिहाई को लेकर मुहिम भी छेड़ रखी है।
सहरसा:मंडल कारा सहरसा की मूलभूत समस्याओं को लेकर पूर्व सांसद श्री आनंद मोहन की अगुवाई में महिला और बीमार बंदियों को छोड़ लगभग साढे 700 बंदी उपवास पर चले गए ।जेल आईजी को प्रेषित पत्र में बंदियों ने जिन 12 सूत्री मांगों का जिक्र किया था , उनमें प्रमुख थे कोरोना संकट के कारण पिछले डेढ़ वर्ष से बंदियों के मुलाकात पर लगाए गए प्रतिबंध हटाना , या फिर ‘ ई’ मुलाकात और दूरभाष पर परिजनों से नियमित बातचीत की वैकल्पिक व्यवस्था सुनिश्चित करना ।भीषण गर्मी के मद्देनजर वार्डो में पर्याप्त पंखे की व्यवस्था एवं सभी खराब पड़े पंखों की मरम्मती , शार्ट सर्किट के कारण बड़े हादसों की संभावनाओं को देखते हुए दशकों पुराने जर्जर बिजली वायरिंग में जरूरी बदलाव ।क्षमता से कम शौचालयों की अत्यंत खराब स्थिति , फटे और भारी पकाना टंकियों से मल निकासी एवं अशक्त बंदियों के लिए कमोड वाले लैट्रिन की व्यवस्था।शुद्ध पेयजल हेतु ‘एक्वागार्ड’ की व्यवस्था।इलाज के अभाव में बंदी बौकू सादा और विनोद यादव सहित गठिया रोग से ग्रसित महिला बंदी चंदा देवी की बदतर हालत को देखते हुए सदर अस्पताल भेजना । पेशाब -ख़ून जाँच आदि की , एक्स-रे की व्यवस्था।वर्षों से वार्डो की खिड़कियों में पल्ले के अभाव में आंधी-बारिश, गर्मी में लू जाड़े में ओस -पाले से हो रही कठिनाइयां,समय अवधि की समाप्ति बाद भी पुराने बंदियों को कोरोना वैक्सिन का दूसरा डोज और नए आए बंदियों को पहले डोज की व्यवस्था।अस्थाई ‘क्वॉरेंटाइन जेल’ उपकारा बीरपुर में वहां भेजे जा रहे बंदियों की बेरहमी से पिटाई , पैसे , कपड़े , जूते , घड़ी , अंगूठी , छीनकर शारीरिक और मानसिक यातनाएं देना। अवैध वसूली करना , जानवर से भी बदतर खाद्य सामग्रियों की आपूर्ति, आज के सामूहिक अनशन के प्रमुख मुद्दे थे जिसे दोपहर बाद कर अधीक्षक सहरसा ने जेल आईजी वृताधीक्षक पूर्णिया और जिलाधिकारी सहरसा से संबंधित मामलों का बिंदुवार बातचीत कर समाधान की दिशा में सार्थक पहल पर अपराह्न लगभग 3:45 बजे अनशन समाप्त करवाया ।इस कि जानकारी खुद पूर्व सांसद आनंद मोहन के फेसबुक अकाउंट से साझा की गई है।सूत्रों के अनुसार जेल आईजी ने बंदियों को ‘ ई’ मुलाकात और दूरभाष पर नियमित बातचीत , पंखों और चापाकलों की अविलंब मरम्मती नए पंखे एवं शुद्ध पेयजल हेतु एक्वागार्ड की खरीद का प्रस्ताव भेजने ,अशक्त बंदियों के लिए कमोड वाले लैट्रिन की व्यवस्था एवं पखाना टंकियों की मरम्मत और मल निकासी , थाली-गिलास ,कपड़े का वितरण,खराब पड़े जिम की मरम्मती , खेलकूद एवं मनोरंजन की व्यवस्था के स्पष्ट निर्देश दिए हैं । उन्होंने यातनागृह में तब्दील क्वारन्टाइन जेल , उपकरा बीरपुर में काराकर्मियों और स्थानीय बंदियों की मिलीभगत से क्वारन्टाइन के लिए भेजे गए बंदियों पर हो रहे अमानुषिक अत्याचार को गंभीरता से लेते हुए दोषियों के खिलाफ ठोस कार्रवाई का आश्वासन भी दिया । साथ ही वार्डों की खिड़कियों में अतिशीघ्र पल्ले लगाने एवं अत्याधुनिक पाकशाला के निर्माण का अधीक्षक को प्रस्ताव भेजने का निर्देश दिया ।सजायाफ्ता बंदी बौकू सादा , विनोद यादव एवं महिला बंदी चंदा देवी को तत्काल प्रभाव से इलाज हेतु सदर अस्पताल भेज दिया गया।आपको बता दें कि आनंद मोहन के परिजन कोरोना की वजह से आनंद मोहन की सेहत को लेकर लगातार चिंता जताते रहते हैं।साथ ही आनंद मोहन की रिहाई को लेकर मुहिम भी छेड़ रखी है. गौरतलब है की आनंद मोहन के बेटे चेतन आनंद राजद से विधायक है।सहरसा जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहे आनंद मोहन ने अपनी मांगों को लेकर कारा महानिरीक्षक को पत्र भी लिखा था। इस पत्र की प्रति उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, पटना हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश सहित वरिष्ठ अधिकारियों को भेजी थी