सीतामढ़ी:शिक्षक दिवस के अवसर पर जिला प्रशासन एवं शिक्षा विभाग के संयुक्त तत्वाधान में समाहरणालय के परिचर्चा भवन में शिक्षक सम्मान समारोह आयोजित किया गया। इस अवसर पर जिले के 16 शिक्षकों को शॉल, प्रशस्ति-पत्र, कलम व डायरी आदि भेंट कर डीडीसी तरनजोत सिंह ने सम्मानित किया। डुमरा प्रखंड के एमआरडी बालिका उच्च विद्यालय के शिक्षिका पूनम कुमारी, कमला बालिका उच्च विद्यालय के शिक्षक रामनारायण पासवान, मध्य विद्यालय गनौजिया टोल के एचएम अर्चना कुमारी, मध्य विद्यालय बनचौरी हिंदी के एचएम सत्यनारायण राय, उत्क्रमित उच्च विद्यालय बेरवास के शिक्षक मो शाहीन आदिल अंसारी व मध्य विद्यालय नगरपालिका भवदेपुर के एचएम अंजू कुमारी तो परसौनी प्रखंड के महंथ श्याम सूंदर दास स्मारक +2 प्रोजेक्ट कन्या उच्च विद्यालय बलहा मुशहरी के शिक्षिका नुसरत जहां शामिल है. इसीतरह बैरगनिया प्रखंड के उच्च विद्यालय जौहरीमल के शिक्षक पंकज कुमार, रुन्नीसैदपुर प्रखंड के मध्य विद्यालय सिरखिरिया के एचएम विजय कुमार, परिहार प्रखंड के मध्य विद्यालय झपहा उर्दू के एचएम मो राशीद हुसैन अंसारी व मध्य विद्यालय मलहा टोल के शिक्षिका प्रियंका कुमारी, चोरौत प्रखंड के मध्य विद्यालय चोरौत बालक के एचएम शशिकांत कर्ण, सोनबरसा प्रखंड के मध्य विद्यालय इंदरवा के शिक्षक गौरीशंकर प्रसाद व प्राथमिक विद्यालय भगवानपुर के प्रभारी एचएम शिवाशक्ति कुमार प्रेम, रीगा प्रखंड के मध्य विद्यालय कटहरी के एचएम विकास कुमार व सुरसंड प्रखंड के उच्च माध्यमिक विद्यालय हर्रीपठनपुरा के एचएम डॉ अमरेश ठाकुर को सम्मानित किया गया।
सम्मान समारोह कार्यक्रम में अपने संबोधन में डीडीसी तरनजोत सिंह ने कहा की पूर्व राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने सादगीपूर्ण जीवन को अपनाकर शिक्षार्थियों को ज्ञान देने का काम किया। उन्होंने कहा कि शिक्षको को उनके सादगीपूर्ण जीवन को आत्मसात करने की जरुरत है। बच्चो को जिस गुण पर आधारित शिक्षा देने की जरुरत है उस गुण को पहले स्वयं अपनाया जाना चाहिए,इससे बच्चों के जीवन पर बहुत ही प्रभावकारी प्रभाव पड़ता है। उन्होंने कहा कि बच्चो का ध्यान पढाई के प्रति आकर्षित करने के लिए शिक्षक सभी बच्चो को प्रश्न पूछने के लिए भी प्रेरित करे। जिला शिक्षा पदाधिकारी सचिन्द्र कुमार ने कहा की वर्तमान समय में विद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा बच्चो को मिले इसके लिए आधारभूत संरचना का विकास करते हुए शिक्षकों की उपलब्धता सुनिश्चित कराया गया है। कोरोना को लेकर लॉकडाउन के दौरान शिक्षकों ने बच्चो से दुरी न बनाकर ऑनलाइन माध्यम से बच्चो से जो सम्पर्क बनाये रखा वह काफी प्रशंसनीय है। डीआरडीए निदेशक मुमुक्षु कुमार चौधरी ने कहा की बच्चो का पहला स्कूल उनका घर है एवम प्रथम गुरु उनकी माँ है। उन्होंने कहा की शिक्षक दिवस पर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा बच्चो को प्रदान करने के लिए शिक्षकों को भी संकल्पित होना चाहिए।पुपरी डीसीएलआर ललित कुमार सिंह ने विद्यालय के सर्वांगीण विकास को लेकर कहा की शिक्षकों को अपनी जिम्मेवारी समझना होगा। राष्ट्रीय व राजकीय पुरस्कार से सम्मानित होने वाले शिक्षकों के द्वारा विद्यालय स्तर पर किये गये कार्यो को समझने की जरुरत है।उन्होंने डॉ राधाकृष्णन के जीवनी को पढ़कर उसे आत्मसात करने की बात कही। समारोह में डीपीओ अमरेंद्र कुमार पाठक एवं डीपीओ मुकेश कुमार सहित सभी बीईओ एवं शिक्षा व शिक्षिका शामिल थे।