- किसान संगठनों के भारत बंद का आज बिहार में काफी असर दिखा, राज्य के प्रमुख विपक्षी दल राजद के साथ ही कांग्रेस, भाकपा माले और जाप जैसी पार्टियां बंद को सक्रिय समर्थन दिया
- भारत बन्द में मोदी राज पर हल्ला बोल ऐक्टू ने किया प्रदर्शन।
- कंकड़बाग से सैंकड़ो निर्माण मजदूरों-शहरी गरीबों ने बन्द के समर्थन में निकाला प्रदर्शन।
पूरे बिहार में ऐक्टू ने बन्द में लिया बढ़- चढ़ कर हिस्सा लिया।
पटना:किसान संगठनों के भारत बंद का आज बिहार में काफी असर दिकहा। राज्य के प्रमुख विपक्षी दल राजद के साथ ही कांग्रेस, भाकपा माले और जाप जैसी पार्टियां बंद को सक्रिय समर्थन दिया। इन पार्टियों के नेता और कार्यकर्ता सुबह से ही सड़क पर उतरकर बंद को सफल बनाने में जुट गए । पटना और वैशाली जिले के बीच महात्मा गांधी सेतु को विधायक मुकेश रौशन के नेतृत्व में राजद कार्यकर्ताओं ने सुबह से ही जाम कर दिया। पटना और हाजीपुर के अलावा, शेखपुरा, आरा, अरवल और गया में भी बंद का असर दिखा।बंद समर्थकों ने सड़कों पर यातायात रोक दिया। कई जगह वाहनों में तोड़फोड़ और सड़कों पर टायर जलाने की खबर भी मिल रही है। पटना में आटो चालक भी हड़ताल के समर्थन में उतर आए। इसका असर शहर के प्रमुख मार्गों पर दिखा।बंद का अधिक असर पटना के अलावा वैशाली, मुजफ्फरपुर, आरा, जहानाबाद, गया, शेखपुरा, अरवल और वैशाली में दिखा। इस बीच ऑल इंडिया सेंट्रल कॉउन्सिल ऑफ ट्रेड यूनियन्स (ऐक्टू) के राज्य महासचिव आरएन ठाकुर,राज्य सचिव रणविजय कुमार,विद्यालय रसोइया संघ महासचिव सरोज चौबे,आशा कार्यकर्ता संघ अध्यक्ष शशि यादव ने सँयुक्त प्रेस विज्ञप्ति जारी कर किसान आंदोलन व उनकी मांगों के समर्थन में खासकर 3 कृषि कानून व 4 श्रम कोड रद्द करने की प्रमुख मांग के साथ चरम बेरोजगारी-महंगाई, राष्ट्रीय मुद्रीकरण व निजीकरण पर रोक के सवाल पर आज किसान संगठनों व ऐक्टू सहित अन्य ट्रेड यूनियनों द्वारा मोदी सरकार के खिलाफ आहूत भारत बन्द को स्वतःस्फूर्त व सफल भारत बन्द व बिहार बन्द बताया है और इस सफल भारत व बिहार बन्द के लिए किसान-मजदूरों के साथ- साथ अन्य गरीबों,शहरी लोगों व बिहार की जनता को इसके लिए धन्यवाद ज्ञापित किया है।नेताओं ने आगे कहा कि मोदी सरकार व इसकी पूंजीपति व कॉरपोरेटपरस्ती तथा देश पर कम्पनी राज थोपने वाली नीतियों के खिलाफ लोगों में पल रहा गुसा व आक्रोश आज के सफल व स्वतः स्फूर्त भारत बन्द में देखने को मिला। नेताओं ने मोदी सरकार से बिना देर किए तुंरन्त 3 कृषि कानून व 4 श्रम कोड रद्द करने की मांग किया। नेताओं ने महंगाई-बेरोजगारी बढ़ाने वाली नीतियों निजीकरण व मुद्रीकरण पर रोक की मांग किया।
आज ऐक्टू व अखिल भारतीय किसान महासभ सहित अन्य ट्रेड यूनियन सीटू,एटक,इंटक, एआईयूटयूसी,टीयूसीसी,यूटीयूसी आदि ट्रेड यूनियन व किसान संगठनों में ऐक्टू नेता आरएन ठाकुर व रणविजय कुमार, आशा नेत्री शशि यादव,रसोइया संघ नेत्री सरोज चौबे,रेल नेता जितेंद्र कुमार,सीटू नेता गणेशशंकर सिंह,एटक नेता गजनफर नवाब, इंटक नेता चन्द्रप्रकाश सिंह व किसान संगठनों के नेताओं के नेतृत्व में सँयुक्त भारत बन्द प्रदर्शन स्टेशन गोलंबर से निकला जो डाकबंगला तक गया जहां ऐक्टू ने मोदी राज पर हल्ला बोल प्रदर्शन किया।डाकबंगला चौक पर अखिल भारतीय किसान महासभा के राष्ट्रीय महासचिव राजाराम सिंह की अध्यक्षता में हुई सभा को ऐक्टू नेता आरएन ठाकुर, रणविजय कुमार,शशि यादव,सरोज चौबे आदि उक्त नेताओं के साथ साथ भाकपा (माले) सहित महागठबन्धन दलों के अन्य नेताओं के अलावे स्वतंत्र किसान यूनियन व सामाजिक संगठनों के दर्जन भर से अधिक नेताओं ने सम्बोधित किया।इसके पूर्व आज ऐक्टू के बैनर तले ऐक्टू राज्य सचिव रणविजय कुमार, पन्नालाल सिंह, ऐक्टू सह बिहार राज्य निर्माण मजदूर यूनियन नेता श्याम प्रसाद साव, अम्बिका प्रसाद,सुरेश प्रसाद यादव,अजय प्रसाद, अरविंद प्रसाद चन्द्रवँशी,राजकुमार,रविन्द्र प्रसाद व उमेश शर्मा,ऐपवा नेत्री अनुराधा देवी के नेतृत्व में बिहार राज्य निर्माण मजदूर यूनियन से जुड़े सैंकड़ो निर्माण मजदूरों के अलावे झोपड़पट्टी में रहने वाले गरीब,सब्जी दुकानदारों ,टेम्पो चालकों,रामकृष्णगर भूपतिपुर के मांझी टोला के गरीबों ने हल्ला बोल, हल्ला बोल- मोदी राज पर हल्ला बोल,नारे के साथ अशोकनगर रोड नम्बर 11 मजदूर अड्डा से भारत बन्द के समर्थन में हल्ला बोल प्रदर्शन निकाला।
प्रदर्शन कंकड़बाग टेम्पो स्टैंड से शालीमार स्वीट्स,कॉलोनी मोड़, पटना जंक्शन गोलंबर पहुंचा जहां मुख्य व सँयुक्त जुलूस में शामिल हुआ और पुनः डाकबंगला चौक पहुंचा।इस बीच ऐक्टू राज्य सचिव रणविजय कुमार ने बताया कि ऐक्टू ने राजधानी पटना सहित पूरे बिहार में बन्द में बढ़- चढ़ कर हिस्सा लिया। बिहार के सभी जिला मुख्यालयों खासकर गया,जहानाबाद,डिहरी ऑन सोन आरा,बक्सर, बिहारशरीफ,जमुई, भागलपुर,हाजीपुर, मुजफ्फरपुर,दरभंगा,बेतिया,मोतिहारी,रक्सौल,सुपौल,सहरसा आदि जिलों में ऐक्टू व इससे सम्बद्ध बिहार राज्य निर्माण मजदूर यूनियन के सदस्यों ने 3 कृषि कानून व 4 श्रम कोड रद्द करने,चरम बेरोजगारी-महंगाई, मुद्रीकरण-निजीकरण पर रोक लगाने,मोदी सरकार द्वारा देश पर कम्पनी राज थोपे जाने के खिलाफ भारत बन्द में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया।