तारापुर और कुशेश्वरस्थान में 30 अक्टूबर को होने वाले उपचुनाव में महागठबंधन की ओर से आरजेडी के उम्मीदवार चुनाव लड़ेंगे,लालू के ऐलान,राजनीतिक हलकों में अब फिर से ये चर्चा आम हो गयी है कि बिहार में कांग्रेस राजद की पिछलग्गू बन कर रह गई है
पटना:जदयू विधायकों महेश्वर हजारी और मेवालाल के आकस्मिक निधन के बाद बिहार विधानसभा के दोनों सीटों पर आगामी 30 अक्टूबर को होने वाले उपचुनाव में महागठबंधन की ओर से आरजेडी के उम्मीदवार चुनाव लड़ेंगे।पार्टी सुप्रीमो लालू यादव ने बिहार प्रदेश इकाई को तैयारी करने का आदेश दे दिया।इस बात की जानकारी नई दिल्ली में राजद सांसद मीसा भारती के आवास पर हुई मीटिंग के बाद पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव श्याम रजक ने दी। उन्होंने बिहार में होने वाले उपचुनाव को लेकर दिल्ली में लालू यादव से मुलाकात की।इस दौरान बिहार कांग्रेस प्रभारी भक्त चरण दास भी मौजूद थे।ऐसे में राजनीतिक हलकों में अब फिर से ये चर्चा आम हो गयी है कि बिहार में कांग्रेस राजद की पिछलग्गू बन कर रह गई है। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने कांग्रेस को बहुत नुकसान पहुँचाया है।दरअसल तारापुर और कुशेश्वर स्थान इन दोनों जगहों पर पिछले चुनाव में जदयू को विजय प्राप्त हुआ था लेकिन टकराव का वजह कुशेश्वरस्थान सीट को लेकर है।कुशेश्वरस्थान में जदयू के शशिभूषण हजारी को 53980 वोट मिले थे जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के अशोक राम को 46758 वोट मिले थे। जीत का अंतर बहुत ज्यादा नहीं था। ऐसे में कांग्रेस का फिर से इस सीट पर दावा उचित ही है लेकिन राजद सुप्रीमो लालू यादव ने ऐलान कर दिया है कि उपचुनाव में कुशेश्वरस्थान से कांग्रेस नहीं राजद अपना प्रत्याशी उतारेगा। मतलब साफ़ है कि कांग्रेस को किनारा किया जा रहा है। ऐसे में राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अगर कांग्रेस को अपने को मजबूत करना है,अपने दम पर खड़ा होना है, तो यह उचित अवसर है कि वह अपना उम्मीदवार उतारे! अब उसके पास कन्हैया जैसा भीड़ जुटाऊ नेता भी है।राजद की अब तक की राजनीति को देखते हुए यह तो माना ही जायेगा कि वह कांग्रेस को कभी आगे बढ़ने देना नहीं चाहेगी।