पटना:पेट्रोलियम कंपनियों ने पटना हाई कोर्ट को जानकारी दी है कि बिहार में जल्दी 1302 नए पेट्रोल पंप खोले जाएंगे इसमें 670 पंप इंडियन आयल के 319 हिंदुस्तान पेट्रोलियम के और 313 भारत पेट्रोलियम पंप खोले जाएंगे यह सभी पंप राष्ट्रीय राजमार्ग और स्टेट हाईवे पर खुलेंगे पर्याप्त पेट्रोल पंप नहीं होने से इन सड़कों से होकर गुजरने वाले लोगों के लिए सुविधा नहीं रहने के मामले में पटना हाईकोर्ट ने विगत दिनों सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान बिहार में काम कर रहे तीन पेट्रोलियम कंपनियों ने बताया कि उनके यहां 1791 पेट्रोल पंप को मंजूरी मिली है जिसमें से 1704 काम कर रहे हैं और 670 नए पेट्रोल पंप खोलने के लिए लेटर ऑफ इंटेंट जारी कर दिया गया। पेट्रोलियम कंपनियों के द्वारा अदालत को बताया गया कि 643 पेट्रोल पंपों की स्वीकृति है जिसमें से 600 पेट्रोल पंप अभी चालू है। कंपनी ने बताया कि राज्य में 319 पेट्रोल पंप खोलने के लिए लेटर ऑफ इंटेंट जारी हो चुका है जबकि कई कारणवश 112 पेट्रोल पंप नहीं खुल पाए हैं। अदालत में उपस्थित भारत पेट्रोलियम के प्रतिनिधि ने बताया कि बिहार में 856 पेट्रोल पंपों की स्वीकृति है। अभी 781 पेट्रोल पंप चालू है जबकि 313 नए पेट्रोल पंप खोलने के लिए लेटर ऑफ इंटेंट जारी हो गया है 107 पेट्रोल पंप किसी कारणवश अभी चालू नहीं हो पाए।
बताते चलें कि बीते दिनों शुक्रवार को पटना हाईकोर्ट में मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय करोल और न्यायमूर्ति एस कुमार की खंडपीठ ने इस मामले पर सुनवाई की जिसमें बिहार में अवस्थित और काम करने वाली तीनों पेट्रोलियम कंपनियों ने पेट्रोल पंप खोलने से संबंधित मौजूदा स्थिति को कोर्ट के सामने रखा। पेट्रोलियम कंपनियों के द्वारा कोर्ट को यह भी बताया गया है कि 2018 से ही लगभग एक हजार आवेदन राज्य के विभिन्न जिलों के डीएम के यहां लंबित हैं। वहां से स्वीकृति मिलने के बाद ही आगे की कार्यवाही की जाएगी। इस सुनवाई के दौरान राज्य में पेट्रोल पंप के लिए कब सर्वे हुआ था और अगला सर्वे कब होना है इसकी जानकारी देने के लिए कोर्ट ने आदेश दिया है।कोर्ट ने यह भी जानना चाहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग तथा स्टेट हाईवे पर कितने पेट्रोल पंप चालू हैं और आगे कितने पेट्रोल पंप की आवश्यकता है यह इसलिए जरूरी है के राज्य में राष्ट्रीय राजमार्ग और स्टेट हाईवे पर पेट्रोल पंप पर सुविधाओं की घोर कमी है। कमियों को दूर करने के लिए सरकार और तेल कंपनियां कुछ नहीं कर रही हैं। कोर्ट ने कहा के इन मार्गों पर सफर करने वाले लोगों के ताल्लुक से सरकार चिंतित नहीं है।