नई दिल्ली: यूं तो सोशल मीडिया पर जब जो चाहे अपने अंदाज में कोई भी चीज परोस देता है और यूज़र उसे बगैर जाने समझे उसे फॉरवर्ड करने लगता है। यूजर को पहली नजर में वह चीजें सत्य ही लगती हैं। सोशल मीडिया की दुनिया ही ऐसी है जिसमें हर कोई सत्यता की परख किए बगैर उस पर अपनी प्रतिक्रिया भी व्यक्त करने लगता है। सोशल मीडिया पर इस तरह की खबरें और तस्वीरों के द्वारा अपनी अभिव्यक्ति का इजहार करने वाले लोगों को खासकर सेलिब्रिटी को उस वक्त असहज स्थिति का सामना करना पड़ता है जब सोशल मीडिया के यूजर किसी पोस्ट पर उसे आईना दिखाने लगते हैं। ऐसा ही मामला न्यूज़ 18 के बड़बोले पत्रकार और हमेशा विवादास्पद मुद्दों पर अपनी टीवी वास के दौरान उछल कूद करने वाले चिल्ला चिल्ला कर बहस करने वाले पत्रकार अमीश देवगन की एक पोस्ट पर देखने को मिला जिस पर ट्विटर के यूज़र ने ताबड़तोड़ प्रतिक्रियाएं व्यक्त करनी शुरू कर दी।इस पोस्ट में अमीश देवगन ने 1818 मैं जारी दो आने का सिक्का दिखाते हुए लिखा की” 1818 दो आने का सिक्का राम दरबार के साथ”। इस पोस्ट के सामने आते ही टि्वटर के यूजर अमीश देवगन पर टूट पड़े और अपने अपने अंदाज में प्रतिक्रियाएं व्यक्त करने लगे।
Waseem Akram Tyagi नामक यूजर ने लिखा कि ये सिक्का इस बात का सुबूत है कि मुगल सहिष्णु थे। वो चाहते तो केवल खुद का सिक्का चलने देते लेकिन उन्होने इस सिक्के को उस वक़्त भी चलने दिया जब पूरे भारत में उनका सिक्का चल रहा था। गुल्लू @AMISHDEVGAN सिक्का दिखाने के चक्कर में खुद की पोल खुलवा रहा है।
Swami(सिर्फ भारतीय)नाम के यूजर ने लिखा कि सिक्का तो 2 आने का है भाई और फोटो भी श्री राम की है अच्छी है।लेकिन दिक्कत यह है भाई कि लोग आजकल पत्रकारिता “2 कौड़ी” की भी नहीं करते हैं।पत्रकारों की शक्ल सूरत भी अच्छी है लेकिन दिमाग में केमिकल लोचा है।शाम को सिर्फ हिन्दू मुस्लिम,अली और बजरंग बली यही दिखाई देते हैं।
Ashok Dahendra INC नामक यूजर ने लिखा कि कम से कम राम दरबार का यह सिक्का भाजपा, मोदी-शाह, जनसंघ, RSS ने तो नहीं चलाया। जिस भी सरकार ने राम दरबार का यह सिक्का 1818 में जारी किया उनके मन में राम के प्रति श्रद्धा भाव ही रहा होगा। राम के नाम पर राजनीति और वोट बैंक ध्रुवीकरण की मंशा तो किसी भी एंगल से दृष्टिगोचर नहीं होती है।
हालांकि Hemant Chaudhry नामक यूजर ने इस पूरी कहानी को मनगढ़न्त बताते हुए अमिश देवगन को ही कटघरे में खड़ा कर दिया।उन्होंने लिखा कि 18वी सताब्दी में सिक्के हाथो से बनते थे और ये सिक्का जो तुम दिखा रहे हो ये मशीनों से बना है। तो कृपया करके लोगो को गलत जानकारी न दे।