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तेजप्रताप यादव की हरकत,राजद की मजबूरी,लालू राबड़ी और तेजस्वी यादव के गले की हड्डी,पढ़िए पूरा विश्लेषण

नेशनलिस्ट भारत ब्यूरो

राजद अध्यक्ष और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी के बड़े बेटे और वर्तमान में वैशाली के हसनपुर से राजद विधायक तेज प्रताप यादव इन दिनों सुर्खियों में है। यह यह सुर्खियां कभी वह किसी पार्टी कार्यकर्ता को तथाकथित तौर पर पीटने की वजह से तो कभी अपने परिवार के बीच लड़ाई झगड़े की वजह से बनते हैं। अभी हाल ही में तेज प्रताप यादव ने ट्वीट करके विधानसभा से अपना इस्तीफा देने की बात कही थी। यह बात तेज प्रताप यादव ने उस वक्त कही थी जब पिछले दिनों लालू यादव और राबड़ी देवी के सरकारी आवास पर हुई इफ़्तार पार्टी के दौरान अपने पार्टी कार्यकर्ता को पीटने का आरोप लगा।
तेज प्रताप यादव के इस्तीफे की पेशकश पूरे मीडिया में सुर्खियां बनी। हालांकि अगले ही दिन बिहार के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री और लालू राबड़ी के पुत्र तेज प्रताप यादव ने यू टर्न लेते हुए कहा कि वह इस्तीफा नहीं देंगे।
इन सब राजनीतिक नौटंकीयों के बीच बुधवार 27 अप्रैल को तेज प्रताप यादव ने एक वीडियो जारी किया। इस वीडियो में तेज प्रताप यादव ने पूरे सुनियोजित ढंग से एक यूट्यूब पत्रकार वेद प्रकाश के साथ अपनी वार्तालाप को दिखाया है। इस वीडियो में जो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है लालू राबड़ी के बड़े पुत्र तेज प्रताप यादव यह कहते दिखाई दे रहे हैं की उनको साजिश के तहत बदनाम किया जा रहा है। तेज प्रताप यादव ने आरोप लगाया है कि बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के नेता जीतन राम मांझी के आवास पर तेज प्रताप यादव को राजनीति में बदनाम करने की साजिश रची जाती है।
यूट्यूब पर जारी वीडियो में लालू राबड़ी के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव अपना इंटरव्यू लेने आए यूट्यूब एक पत्रकार को बेनकाब करने का दावा करते हैं। वीडियो में देखा जा सकता है कि तेज प्रताप यादव उस यूट्यूब पत्रकार से अपने आवास पर बात कर रहे हैं। बातचीत के क्रम में तेज प्रताप यादव ने यूट्यूब पत्रकार से अपना कैमरा और माइक बाहर रखने को कहा। वीडियो में वह कहते सुनाई देते हैं कि आप अपना माइक और कैमरा बाहर रख दे और आइए 2 मिनट बात करते हैं। इसी बीच तेज प्रताप यादव अपने कैमरे के सामने आते हैं और यह कहते हुए दिखाई देते हैं कि किस तरह मुझे राजनीति में बदनाम करने की साजिश रची जा रही है इसका खुलासा किया जाएगा। इसी दरमियान यूट्यूब पत्रकार वहां से निकल जाता है। तेज प्रताप यादव यूट्यूब पत्रकार से अपना इंटरव्यू लेने लेने की बात करते है और उसका पीछा करते हैं। इस क्रम में वह अपनी गाड़ी से उस यूट्यूब पत्रकार का पीछा करते हुए एक बातों का जिक्र करते हैं जिसमें यह बात सबसे अहम है कि तेज प्रताप यादव बार-बार यह कहते हुए दिखाई देते हैं कि राजनीतिक तौर पर या पारिवारिक तौर पर उनके खिलाफ एक साजिश की जा रही है जिसमें हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के सीनियर लीडर और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी शामिल है या उनके आवास से यह सब साजिश रची जा रही है। इसी दौरान तेज प्रताप यादव को यूट्यूब पत्रकार की गाड़ी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के सीनियर लीडर और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के आवास के बाहर खड़ी मिलती है जिसको दिखाते हुए तेज प्रताप यादव लगातार यह कहते हुए सुनाई देते हैं कि उनके खिलाफ इसी आवास से साजिश हो रही है बदनाम करने की।

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इन सबके बीच यूट्यूब पत्रकार ने ऑन कैमरा आकर इस पूरे घटनाक्रम पर अपनी बात रखी है। उस यूट्यूब पत्रकार के अनुसार तेज प्रताप यादव ने खुद ही हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के प्रवक्ता दानिश रिजवान के द्वारा खुद उस यूट्यूब पत्रकार से इंटरव्यू लेने की बात की और यूट्यूब पत्रकार को अपने आवास पर बुलाया। पत्रकार वेद प्रकाश के अनुसार जब वह तेज प्रताप यादव का इंटरव्यू लेने राबड़ी देवी के आवास पहुंचा तो वहां पहले से मौजूद लालू राबड़ी के बड़े पुत्र और विधायक तेज प्रताप यादव ने उनसे अपनी अपना माइक और आईडी बाहर रखने को कहा। यूट्यूब पत्रकार के अनुसार तेज प्रताप यादव का हाव भाव और चेहरे की रंगत बता रही थी कि वह गुस्से में हैं। वेद प्रकाश के अनुसार जब हमने उनसे पूछा कि क्या आप हमसे नाराज हैं इस बात पर उनके चेहरे पर नाराजगी के भाव दिखे। पत्रकार के अनुसार तेज प्रताप यादव के हाव भाव देखकर मुझे उनके पूर्व में कई लोगों के साथ दुर्व्यवहार और तथाकथित तौर पर मारपीट की घटना का खौफ सताने लगा जिसकी वजह से उसने तुरंत वहां से फरार होने में भलाई समझी।
बुधवार की शाम होने वाले इस नाटकीय घटनाक्रम से सोशल मीडिया पर हंगामा होता रहा। सोशल मीडिया का अलग-अलग ग्रुप अलग-अलग नजरिए से इस घटनाक्रम पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करता रहा। सोशल मीडिया के एक बड़े ग्रुप में जहां तेज प्रताप यादव का समर्थन किया वही एक बड़े ग्रुप में पत्रकार वेद प्रकाश का समर्थन करते हुए तेज प्रताप यादव के पूर्व में तथाकथित तौर पर किए गए कारनामों का जिक्र करते हुए तेज प्रताप यादव को ही कटघरे में खड़ा कर दिया।
आरोप-प्रत्यारोप के दौड़ में जीतन राम मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के प्रवक्ता दानिश रिजवान का बयान भी सामने आया जिसमें उन्होंने तेज प्रताप यादव को खरी खोटी सुनाते हुए उनका कच्चा चिट्ठा खोल दिया। दानिश रिजवान ने तेज प्रताप यादव के द्वारा जीतन राम मांझी पर खुद को बदनाम करने की साजिश रचने का आरोप लगाने की वजह से तेज प्रताप को ही कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि तेज प्रताप यादव को यह बताना चाहिए कि उनका परिवारिक झगड़ा क्या जीतन राम मांझी की वजह से हुआ। क्या तेजप्रताप यादव और उनकी पत्नी के दरमियान जो भी हुआ वह जीतन राम मांझी की वजह से हुआ। दानिश रिजवान ने कहा कि आज उनके परिवार में जो भी हो रहा है क्या इसमें जीतन राम मांझी का हाथ है। उन्होंने कहा कि तेज प्रताप यादव को इस तरह की बयानबाजी से परहेज करना चाहिए और अपने अंदर झांक कर देखना चाहिए कि वह जो काम कर रहे हैं वह सही कर रहे हैं या गलत।
दरअसल तेज प्रताप यादव और लालू परिवार के दरमियान घमासान का यह सिलसिला 2020 के विधानसभा चुनाव के पहले शुरू हुआ था। उस वक्त ही ये बात खुलकर सामने आ गई थी कि तेज प्रताप यादव लालू राबड़ी के बड़े बेटे तो हैं लेकिन राजनीतिक तौर पर उनके उत्तराधिकारी नहीं है। यही कारण है कि उस वक्त से लेकर आज तक तेज प्रताप यादव कई बार पार्टी फोरम से लेकर दूसरे प्लेटफार्म में अपनी नाराजगी का इजहार करते देखे गए हैं साथ ही साथ वह पार्टी में अपनी कोई महत्वपूर्ण भूमिका नहीं मिलने की वजह से कभी पार्टी के बिहार प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह तो कभी नेता प्रतिपक्ष और अपने छोटे भाई तेजस्वी यादव के राजनीतिक सलाहकार पर उंगलियां उठाते रहे हैं। तेज प्रताप यादव ने कई मौके पर यह कहने से भी चूक नहीं की है कि मैं भगवान कृष्ण हूं और तेजस्वी अर्जुन है। भगवान कृष्ण के बिना अर्जुन कुछ भी नहीं।
इन सब के दरमियान बिहार के राजनीतिक विश्लेषक यह मानते हैं कि तेज प्रताप का व्यवहार और समझ दोनों ही राजनीतिक योगदान के काबिल नहीं है। उनमें यह समझ नहीं है कि कब क्या करना है। कब कौन सा कदम उठाना है। कब कौन सी बात करनी है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि ऐसा भी नहीं है कि तेज प्रताप यादव की बचकानी हरकतों का विरोध उनके परिवार में नहीं हुआ है लेकिन उनकी माता राबड़ी देवी बहन मीसा भारती और खुद लालू प्रसाद यादव की कोशिशों के बावजूद तेज प्रताप यादव हैं की खुद को बदलने का नाम नहीं ले रहे हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि तेज प्रताप यादव जब तक राष्ट्रीय जनता दल से जुड़े रहेंगे आरजेडी के विरोधियों को फायदा पहुंचाते रहेंगे। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि तेज प्रताप यादव का आचरण ही कुछ ऐसा है कि वह लालू परिवार को कभी भी असहज महसूस करने पर मजबूर कर सकता है।
राजनीतिक विश्लेषक इस बात को मानते हैं कि तेज प्रताप यादव के क्रियाकलापों के बावजूद लालू राबड़ी का पुत्र मोह तेज प्रताप यादव के खिलाफ कोई भी कार्रवाई करने से उन्हें रोकता है। कारण यह है कि तेज प्रताप यादव पल भर में ही अपने कारनामों के द्वारा लालू राबड़ी परिवार को कटघरे में तो खड़ा कर देते हैं जिससे यह परिवार खुद को असहज महसूस करने लगता है लेकिन तेजप्रताप अगले ही पल लालू राबड़ी को अपना आदर्श बताते हुए कुछ ऐसा कर देते हैं कि मजबूरी में लालू राबड़ी परिवार को तेज प्रताप यादव के कारनामों पर पर्दा डालने पर मजबूर होना पड़ता है।


राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार खास बात यह भी है कि तेज प्रताप यादव के छोटे भाई और लालू राबड़ी के राजनीतिक वारिस बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव के समर्थक और राजनीतिक तौर पर उनके करीब रहने वाले लोग भी तेज प्रताप यादव को कभी-कभी बढ़ावा देते रहे हैं जो आग में घी डालने का काम करते हैं। यही कारण है कि तेज प्रताप यादव कई एक मौके पर भावनाओं में बह कर कुछ ऐसा काम कर देते हैं कि उसके बाद खुद तेज प्रताप यादव लालू राबड़ी परिवार से अलग-थलग दिखाई पड़ने लगते हैं या तिरस्कृत महसूस करने लगते हैं। यही कारण है कि बिहार की राजनीति को करीब से देखने वाले लोगों का मानना है कि अगर लालू राबड़ी परिवार ने अपने बड़े बेटे तेज प्रताप यादव पर लगाम नहीं लगाई तो उनका यह गैर जिम्मेदाराना रवैया राष्ट्रीय जनता दल और लालू राबड़ी के राजनीतिक वारिस तेजस्वी यादव को बड़ा नुकसान पहुंचा सकता है। इसकी बानगी अभी हाल में ही देखने को उस वक्त मिली थी जब राबड़ी देवी के आवास पर आयोजित होने वाली इफ़्तार पार्टी में तथाकथित तौर पर पार्टी के एक कार्यकर्ता की पिटाई मीडिया की सुर्खी बन गया था। इसे लेकर तेज प्रताप तो असहज नहीं दिखे लेकिन पूरी पार्टी और तेजस्वी यादव की छवि को अच्छा खासा नुकसान पहुंचा।
कुल मिलाकर लालू के लाल तेज प्रताप यादव के कारनामे आजकल सुर्खियां बटोर रहे हैं और मीडिया की नजरों में छाए हुए हैं लेकिन उनका यह कारनामा लालू राबड़ी परिवार के लिए दर्द सर बन गया है जिसका इलाज फिलहाल ना तो लालू राबड़ी के पास है और ना ही नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव के पास। ऐसे में बिहार की राजनीति में सुर्खियां बटोर रहे तेज प्रताप यादव का अगला कारनामा क्या होगा और उस कारनामे का भुक्तभोगी कौन होगा यह तो आने वाला वक्त बताएगा लेकिन यह भी सत्य है कि अपनी उटपटांग हरकतों की वजह से सुर्खियों में रहने वाले तेज प्रताप यादव लालू परिवार के लिए कभी भी असहज स्थिति पैदा कर सकते हैं जिसका लालू राबड़ी और तेजस्वी यादव के विरोधी राजनीतिक इस्तेमाल करके लालू और तेजस्वी की छवि को नुकसान पहुंचा सकते हैं।

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