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राजनीति

संभावनाओं की तलाश में तेजस्वी यादव

सेराज अनवर

बिहार में जितनी शिद्दत की गर्मी पड़ रही है,बिहार की राजनीति उतनी ही गरम है.इफ़्तार पार्टियों में रूह अफ़जा का शरबत चल रहा है.जैसे-जैसे शरबत में बर्फ़ डाला जा रहा है राजनीतिक रिश्ते पिघल रहे हैं.कोई वजह नहीं,एक सप्ताह के अंदर बिहार के मुखिया नीतीश कुमार और प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव की मुलाक़ात की.सब कुछ मंसूबाबंद तरीक़े से चल रहा है.पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के आवास पर राजद की इफ़्तार पार्टी में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के क़दम पड़े तभी ईद बाद राजनीतिक उथल-पुथल की सम्भावना प्रबल हो गयी.आज हज भवन में जदयू की इफ़्तार पार्टी में लालू प्रसाद के दोनों बेटे तेजस्वी और तेजप्रताप ने शामिल हो कर उस संभावना को थोड़ी और हवा दी है.सलीम परवेज़ की दावत में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार क़रीब-क़रीब बैठे थे,इतने क़रीब की दोनों की आंखे चार हो रही थीं.बात सिर्फ़ यहीं नहीं रुकी. भतीजे तेजस्वी को बाहर गाड़ी तक छोड़ने आए सीएम चाचा नीतीश कुमार.संदेश साफ है चाचा-भतीजे का रिश्ता राजनीतिक बंधन में बंधने वाला है?क़ायदे से जदयू अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष सलीम परवेज को इस बार दावत-ए-इफ्तार का मेजबान बनाया गया था.वे बिहार विधान परिषद के उपसभापति रह चुके हैं.राबड़ी आवास में लालू परिवार की ओर से आयोजित इफ्तार पार्टी के बाद यह जदयू की ओर से इफ्तार का बड़ा राजनीतिक आयोजन था.

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30 अप्रैल की शाम तक लालू प्रसाद पटना आ सकते हैं.उनके बिहार आने की चर्चा के साथ ही यहां सियासत गरमाती दिख रही है. राजद प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने संकेत दिया है की नीतीश कुमार अगर भाजपा से संबंध तोड़कर इधर-उधर जाने की प्रवृत्ति छोड़ दें तो उनका राजद में स्वागत है.राजद से गठबंधन तोड़ कर भाजपा के साथ सरकार बनाने पर नीतीश कुमार को पलटू राम कह लालू परिवार चिढ़ाता रहा,अब वैसी बात नहीं.राजद की ओर से जदयू को फिर अपने पाले में लाने की पहल राजद सुप्रीमो के बिना इजाज़त नहीं हो सकती.आज भी लालू प्रसाद राजद के रणनीतिकार हैं और उनका फैसला ही पार्टी में सर्वमान्य है.लालू प्रसाद के आते ही राजनीति अपने आयाम पर होगी. यदि भाजपा का रवैया नीतीश के प्रति नरम नहीं पड़ा तो यक़ीन जानिये बिहार में सरकार बदल जायेगी.हज भवन सरकार बदलने का गवाह रहा है.2017 में नीतीश कुमार हज यात्रियों की उड़ान को हरी झंडी दिखाने जा रहे थे,अभी हज भवन पहुंचे भी नहीं थे कि राजभवन पहुंच गये.हरी झंडी से भगवा झंडा के सारथी बन गये.इस बार हज भवन से ही चमत्कार होगा लगता है.लालू प्रसाद ने अपने दोनों बेटों को भेजा तो मामला ज़रूर कुछ है.संभावनाओं की तलाश जारी है।

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