रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव के द्वारा झंझारपुर स्टेशन पर वीडियो लिंक के माध्यम से झंझारपुर-निर्मली के बीच नव आमान परिवर्तित रेलखंड एवं निर्मली-आसनपुर कुपहा के बीच नई रेल लाइन का उद्घाटन तथा नए रेलखंड पर ट्रेन सेवाओं का शुभारंभ किया गया।नव आमान परिवर्तित रेल खंड पर कल से तीन डेमू ट्रेनो का नियमित परिचालन किया जाएगा
दरभंगा:आज देश के रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव के द्वारा झंझारपुर स्टेशन पर वीडियो लिंक के माध्यम से झंझारपुर-निर्मली के बीच नव आमान परिवर्तित रेलखंड एवं निर्मली-आसनपुर कुपहा के बीच नई रेल लाइन का उद्घाटन तथा नए रेलखंड पर ट्रेन सेवाओं का शुभारंभ किया गया।नव आमान परिवर्तित रेल खंड पर कल से तीन डेमू ट्रेनो का नियमित परिचालन किया जाएगा।88 वर्ष पूर्व वर्ष 1934 में आए भूकंप के बाद मिथिला रेलमार्ग से दो भागों में विभक्त हो गया था जिसे जोड़ने का सपना पूर्व रेल मंत्री ललित नारायण मिश्र ने देखा था। उनके सपने को मुख्यमंत्री व तत्कालीन रेलमंत्री नीतीश कुमार ने साकार करने की दिशा में इस परियोजना को स्वीकृति दिलाई एवं वर्ष 2003 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने कोसी रेल महासेतु का शिलान्यास किया। बाद के दिनों में इस योजना की प्रगति धीमी हो गयी। पुनः वर्ष 2014 में एनडीए सरकार बनने के उपरांत सितम्बर 2020 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोसी रेल महासेतु का उद्घाटन किया।
कोसी रेल महासेतु के बनने के उपरांत इस रेलखंड पर ट्रेन परिचालन प्रारम्भ होने से मिथिलावासियों की बहुप्रतीक्षित मांग पूरी हुई है। वास्तव में यह किसी सपने के साकार होने जैसा ही है। आज का दिन मिथिलावासियों के लिए ऐतिहासिक है। इस रेलखंड के प्रारंभ हो जाने से 88 वर्षों के बाद दो भागों में विभाजित मिथिला के बीच रेल संपर्क पुनः स्थापित हो गया। इससे मिथिला क्षेत्र के लोग रेलवे के विशाल नेटवर्क से जुड़ गए हैं जो लोगों के लिए आर्थिक समृद्धि का द्वार खोलेगा।
विदित हो कि यह परियोजना 206 किलोमीटर लंबे सकरी-लौकहा बाजार-निर्मली एवं सहरसा-फॉरबिसगंज आमान परिवर्तन परियोजना का भाग है। इस वर्ष के अंत तक इस परियोजना के पूर्ण रूपेण पूर्ण होने की संभावना है।