भोपाल:भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने मध्य प्रदेश के जबलपुर प्रवास के दौरान वेटरनरी कॉलेज में यूथ-कनेक्ट सम्मेलन में युवाओं से संवाद किया. इस मौके पर उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी ने आज़ादी का आंदोलन 1915 से शुरू किया और 1925 तक बढ़ाने की कोशिश की लेकिन इसमें गति तभी आई जब कहीं सुभाष चंद्र बोस, कहीं शहीद भगत सिंह, कहीं सुखदेव, कहीं राजगुरु ने आज़ादी की लड़ाई में एक नई जोश और उमंग डालने का काम किया.
यूथ-कनेक्ट सम्मेलन में युवाओं से संवाद करते हुए नड्डा ने कहा कि गांधी जी के भारत छोड़ो आंदोलन ने तब गति पकड़ी, जब भारत का युवा देश की आज़ादी के लिए आगे चल पड़ा. किसी भी देश के लिए, किसी भी समाज के लिए युवाओं का योगदान बहुत महत्वपूर्ण होता है. वे एक प्रकार से रीढ़ की हड्डी की तरह होते हैं. वो देश को आगे ले जाने में, समाज में बदलाव लाने में एक क्रांतिकारी भूमिका अदा करता है.
इतना ही नहीं जेपी नड्डा ने आगे कहा कि जब हम भारत की अध्यात्मवाद की बात करते है तो आदि शंकराचार्य ने 32 वर्ष की उम्र में अध्यात्मवाद का एक नया अध्याय हम सबके बीच में जोड़ दिया. स्वामी विवेकानंद ने हिन्दू का परिचय भारतीयता की एक नई परिभाषा 29 से 39 साल की आयु में दुनिया के सामने रख दिया