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आम आदमी पार्टी ने केंद्र सरकार से अग्निपथ स्कीम को वापस लेने की अपील की

नई दिल्ली:सशस्त्र बलों में भर्ती की नयी ‘अग्निपथ’ योजना के खिलाफ देश के विभिन्न हिस्सों में बढ़ते हिंसक प्रदर्शनों के बीच आम आदमी पार्टी (आप) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह किया कि इस योजना को तत्काल वापस लिया जाये।आप ने कहा कि देश को युवाओं के ”गुस्से की आग से झुलसने” से बचाने के लिए अग्निपथ योजना को रद्द किया जाए। अरविंद केजरीवाल नीत पार्टी ने योजना को वापस लेने की युवाओं की मांग का समर्थन किया। हालांकि, प्रदर्शनकारियों से अपील की कि वे तोड़फोड और आगजनी के बजाय शांतिपूर्वक तरीके से विरोध के अपने लोकतांत्रिक अधिकार का उपयोग करें।

 

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आप के राज्यसभा सदस्य एवं प्रवक्ता संजय सिंह ने प्रेसवार्ता के दौरान कहा कि उनकी पार्टी इस योजना के खिलाफ शनिवार को उत्तर प्रदेश के हर जिले में विरोध-प्रदर्शन करेगी। सिंह ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री यह योजना इसलिए लाये हैं ताकि निजी कंपनियों में प्रशिक्षित सुरक्षा गार्ड की जरूरतों को पूरा किया जा सके। उन्होंने दावा किया कि अग्निपथ योजना के तहत भर्ती होने वाले युवा चार साल की सेवा के बाद कहीं के नहीं रह जाएंगे क्योंकि इन्हें पेंशन और अन्य लाभ नहीं मिलेंगे। सिंह ने आरोप लगाया, ”नरेंद्र मोदी जी निजी कंपनियों के फायदे के लिए अग्निपथ योजना लाए हैं। वह सेना को अपनी निजी एजेंसी, सुरक्षा गार्ड के लिए प्रशिक्षण केंद्र बनाना चाहते हैं। यह देश की सेना और देश के युवाओं का अपमान है।” सिंह ने कहा कि सशस्त्र बलों में शामिल होने वाले युवा देश की सेवा के लिए खुद को समर्पित करते हैं और सर्वोच्च बलिदान देने से भी नहीं हिचकिचाते क्योंकि वे जानते हैं कि अगर वे कल उनके साथ नहीं होंगे, तब भी सरकार उनके परिवार के सदस्यों का ख्याल रखेगी। उन्होंने नयी योजना के तहत सशस्त्र बलों में भर्ती होने वालों को सेवा के बाद दिए जाने वाले लाभों को ”पूरी तरह से अपर्याप्त” करार दिया। सिंह ने दावा किया कि चार साल की सेवा पूरी करने के बाद उन्हें जो पैसा मिलेगा, यदि उनके परिवार में कोई बीमार पड़ जाए तो उपचार में ”दो मिनट में” खर्च हो जाएगा। आप नेता ने दावा किया कि चार साल की सेवा के बाद भर्ती होने वाले युवाओं के पास आत्महत्या करने, अपराध का रास्ता अख्तियार करने या किसी निजी कंपनी में 8,000-15,000 के वेतन की सुरक्षा गार्ड की नौकरी तलाश करने के अलावा कोई विकल्प नहीं रह जाएगा।

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