पटना:राजधानी स्थित ए. एन. सिन्हा रिसर्च इंस्टीच्यूट के परिसर स्थित जयप्रकाश नारायण छात्रावास तथा मधु लिमये गेस्ट हाउस को तोड़कर वहां ट्राइबल इंस्टीच्यूट बनाने का प्रस्ताव सरकार द्वारा लिया गया है। ट्राइबल इंस्टीच्यूट का निर्माण का फैसला स्वगतयोग्य है, लेकिन इसके लिए एक स्थापित संस्थान के ढांचे को तोड़ने के बजाय अन्य विकल्पों पर विचार होना चाहिए।यह वर्ष महान समाजवादी नेता मधु लिमये जी का शताब्दी वर्ष भी है। क्या सरकार यह चाहती है कि मधु जी के शताब्दी वर्ष में अनुग्रह नारायण सिन्हा इंस्टीच्यूट में उनके नाम पर बने गेस्ट हाउस को तोड़ दिया जाए। बिहार सरकार आधुनिक म्यूजियम बनाने के लिए कई एकड़ जमीन का इंतजाम कर लेती है। बौद्ध साधना के लिए कई एकड़ में फैले व्यवसायिक भूमि निकाल लेती है। लेकिन अफसोस कि आदिवासी समाज की समस्याओं का अध्ययन करने तथा उनका समाधान ढूंढने हेतु संस्थान स्थापना के लिए भूमि का इंतजाम नहीं कर पा रही है। इसके लिए आधुनिक बिहार के निर्माता कहे जाने वाले अनुग्रह बाबू के नाम पर बना संस्थान ही नजर आ रहा है। यह भी गौरतलब है कि इस गौरवशाली संस्थान का उद्घाटन तत्कालीन राष्ट्रपति देशरत्न डा. राजेंद्र प्रसाद ने 1958 में किया था। इसने बिहार और देश से संबंधित विभिन्न विषयों पर गंभीर और नीति निर्धारण के लिए महत्त्वपूर्ण शोध प्रस्ताव दिए हैं। ऐसे में पहले से ही सरकार की उपेक्षा की मार सह रहे इस संस्थान के परिसर में बने भवनों को तोड़ने का भी निर्णय अत्यंत अफसोसजनक है।अतः ए. एन. सिन्हा रिसर्च इंस्टीच्यूट के परिसर में स्थित जयप्रकाश नारायण छात्रावास तथा मधु लिमये गेस्ट हाउस को तोड़कर वहां ट्राइबल इंस्टीच्यूट बनाने के प्रस्ताव को वापस लेने के लिए सदन के माध्यम से सरकार का ध्यान आकृष्ट करते हैं।
इससे पहले विधायक संदीप सौरव ने सोमवार को बिहार विधानसभा में BTSC द्वारा आयोजित JE की बहाली का मुद्दा ‘निवेदन’ के माध्यम से उठाया !इसमें कहा गया कि बिहार तकनीकी सेवा आयोग द्वारा आयोजित जूनियर इंजीनियर की बहाली (विज्ञापन संख्या 01/2019 ) पिछले 3 वर्षों से लंबित है। इस क्रम में 03 अप्रैल 2022 को इसका परिणाम घोषित किया गया था। परंतु मात्र 2 दिनों के बाद ही किसी कारणवश परिणाम को वेबसाइट से यह कहते हुए हटा दिया गया कि ‘यदि आवश्यक हो तो’ परिणाम संशोधित करते हुए दुबारा प्रकाशित किया जाएगा। परंतु लगभग 3 महीना गुजर जाने के बावजूद भी आयोग द्वारा इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया है।इसकी वजह से बिहार तकनीकी सेवा आयोग द्वारा आयोजित जूनियर इंजीनियर में चयनित 6400 अभ्यर्थी तथा उनके परिवार को अनिश्चितता और मानसिक तनाव से गुजरना पड़ रहा है। अतः उक्त बहाली में संशोधित परिणाम निकालकर चयनित छात्रों के लिए तत्काल नियुक्ति प्रक्रिया को प्रारंभ करने के लिए सरकार से निवेदन के माध्यम से मांग करता हूं।