नई दिल्ली:मौजुदा समय में देश के सांसद, विभिन्न राज्यों के विधायक तथा विधान परिषद के सदस्य को सेवा समाप्ति के बाद कई तरह की पेंशन एवं भत्ता देने का प्रावधान है, जिससे सरकार पर हर साल सैकड़ों करोड़ की अतिरिक्त बजट का दबाव पड़ता है।एक रिपोर्ट के अनुसार, आज देश एवं राज्यों के विभिन्न सदनों के अधिकांश सदस्य आर्थिक रूप से समृद्ध है, जिन्हें सही मायने में पेंशन की आवश्यकता नही होनी चाहिए।शिवहर की सांसद रमा देवी ने पत्र के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सुझाव दिया कि लोकसभा/राज्यसभा सहित विभिन्न राज्यों के विधानसभा एवं विधानपरिषद के सदस्य को उनकी सेवा समाप्ति के बाद दी जाने वाली पेंशन की सुविधा को बंद करते हुये उससे बची हुई राशि से देश के आम वृद्धजनों को दी जाने वाली वृद्धापेंशन की राशि में महंगाई के हिसाब से बढ़ोतरी की जाये।
सांसद ने लिखा कि प्रधानमंत्री जी,आपका ध्यान संसद सदस्य, विधानसभा सदस्य एंव विधान परिषद सदस्य को सेवामुक्त के बाद दी जाने वाली पेंशन की ओर आकृष्ट कराना चाहती हूं। पूर्व में यूपीए सरकार द्वारा नियम में संशोधन करते हुये यह प्रावधान किया गया कि यदि कोई एक दिन का भी किसी सदन का सदस्य बन जाये तो उन्हें आजीवन पेंशन एवं अन्य सुविधाएं दी जायेगी। साथ ही यदि कोई व्यक्ति विधानसभा / विधान परिषद के साथ-साथ लोकसभा एव राज्यसभा दोनों सदनों के सदस्य रहे हों तो वे दोहरी पेंशन के हकदार होंगे तथा पूर्व सदस्य के मृत्यु के उपरांत उनके पति / पत्नी को आजीवन पेंशन की आधी राशि देने का प्रावधान है। आज कोविड- 19 वैश्विक महामारी ने अर्थव्यवस्था पर बुरा प्रभाव डाला है जिससे लोग अभी भी जूझ रहे है। ऐसी परिस्थिति में सदस्यों को दिये जाने पेंशन मद के लिए सरकार के उपर सैकड़ों करोड़ की अतिरिक्त राशि का बोझ बढ़ जाता है। जिसको बंद करने की समय-समय पर जनता द्वारा मांग की जाती रही है।
प्रधानमंत्री जी,आपके दूरदर्शी नेतृत्व में आज देश में कई ऐतिहासिक एव सुधारात्मक कार्य हुये है, देशवासीयों को आपसे काफी अपेक्षाएं है। आपके आहवान पर देश की जनता ने मिलने वाली कई तरह की सब्सीडी का त्याग किया है। एक रिपोर्ट के अनुसार आज देश के अधिकांश सदस्य करोडपति एंव अरबपति है, जिन्हें सही मायने में पेंशन की आवश्यकता नही होनी चाहिए।मेरा सुझाव है कि पूर्व सांसद, विधानसभा सदस्य एंव विधान परिषद सदस्यगण को दिये जाने वाले पेंशन और भत्ते (मेडिकल व परिवहन सुविधा को छोड़कर) बंद करने हेतु प्रावधान में संशोधन होनी चाहिए और इनसे होने वाली बचत की राशि से देश में आम वृद्धजनों को दिये जाने वाली वृद्धापेंशन की राशि में महंगाई के हिसाब से बढ़ोतरी किये जाने से देश के नागरिकों में एक सकारात्मक संदेश जायेगा।
रमा देवी ने लिखा कि आपसे अनुरोध होगा कि उपरोक्त विषय पर विचार करते हुये पूर्व संसद सदस्य, विधानसभा सदस्य एवं विधान परिषद सदस्यगण को दिये जाने वाले पेंशन एवं भत्ते (मेडिकल एव परिवहन सुविधा को छोड़कर) बंद करने हेतु प्रावधान में संशोधन करते हुये आम वृद्धजनों को दिये जाने वाली वृद्धापेंशन की राशि में बढ़ोतरी हेतु कृपा की जाये।