दोस्तों से दुनिया में भागदौड़ भरी जिंदगी ऐसी है कि हर किसी को दो पल की खुशियों भरी जिंदगी दरकार होती है ।मनुष्य अपनी तमाम तरह के कामों में व्यस्त रहने के बावजूद चाहता है कि उसे दो पल की ऐसी जिंदगी नसीब हो जिस में खुशियां ही खुशियां हो। मनुष्य खुशी अपने परिवार अपने दोस्तों और अपने साथ काम करने वालों के सहयोग से प्राप्त करने का अभिलाषी होता है। भागदौड़ भरी जिंदगी में खुशियों के दो पल के लिए समय निकालना भी किसी दुश्वरी से कम नहीं है लेकिन इसके बावजूद हमें कोशिश करनी चाहिए कि हम दूसरों की खुशी के लिए हम बहुत कुछ कर सकते हैं।जी हां दोस्तों दूसरों की खुशी के लिए हम बहुत कुछ कर सकते हैं आइए देखते हैं कि दूसरों की खुशी के लिए हम क्या क्या कर सकते हैं । क्या नहीं कर सकते हैं और उनसे उनको कितनी खुशी होती है।लोग आपसे कैसे खुश रह सकते हैं।आइए समझने की कोशिश करते हैं।
हां में हां मिलाना।
जैसे ही आप उनसे हां में हां मिलाते हैं उनकी बातों को मानते हैं उनको बड़ी खुशी होती हैं। इसका मतलब यह नहीं होता है क्या आप हरदम उनकी खुशामद करें। उनके आगे पीछे दौड़े। बल्कि हां में हां मिलाने का मकसद उनकी हर खुशी का ख्याल रखना होता है।
मांग कर खाना।
उनसे कुछ मांगकर खाओ उनको बहुत खुशी होगी जब वह मंदिर जाते हैं तुमसे प्रशाद मांग मांग कर खाओ। इससे एक दूसरे के दरमियान प्रेम बढ़ता है। एक दूसरे के बीच आपसी सौहार्द बढ़ता है। एक दूसरे के बीच मोहब्बत बढ़ती है।
इरादों पर सहमति देना।
जब तक आप उनके इरादों एवं विचारों की सहमति देते रहेंगे वह आपसे बहुत ही प्रसन्न एवं खुश रहेंगे। ऐसा इसलिए भी होता है क्योंकि हर एक मनुष्य चाहता है कि उसकी मर्जी के मुताबिक काम हो और वह जो कहे वही सब करें। यह बात अलग है कि कभी-कभी ऐसी सहमति नुकसान देने वाली हो जाती है लेकिन बावजूद इसके हमें कोशिश करनी चाहिए कि हमें अपनों के दरमियान ज्यादातर बातों पर सहमति होनी चाहिए। इससे आपस में प्रेम बढ़ता है और लोग एक दूसरे की फिक्र करते हैं।
हमेशा उनके साथ होना।
जब तक आप उनके साथ हैं बल मिल जाता है उनको थोड़ा पावर मिल जाता है उनका कोई हेल्प करने वाला मिल जाता है तो वह बहुत खुश हो जाते हैं। जब आप किसी के साथ होते हैं तो उनको मानो बल मिलता है। उनको एहसास होता है कि उनके कंधे पर भी किसी का हाथ है जो किसी भी मुसीबत की घड़ी में उनके काम आ सकता है। किसी का साथ देना और किसी के साथ होना इसलिए भी जरूरी होता है क्योंकि कब किस मोड़ पर किसका साथ जरूरी हो जाए यह कहना मुश्किल हो जाता है। वैसे भी अकेले अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ सकता इसीलिए हमेशा साथ में कोई ना कोई होना जरूरी होता है जो अच्छे बुरे मैं काम आ सके एक दूसरे का सहयोग कर सकें।
जब भी कोई प्रश्नों का अनुरोध करें तो उनके प्रश्नों का उत्तर देना ।
जब भी आप से कोई प्रश्नों का अनुरोध करता है तो आप उनके प्रश्नों का उत्तर देते हैं तो वह बहुत खुश हो जाते हैं जैसे आपने हम से अनुरोध नहीं किया मैं फिर भी आपके प्रश्नों का उत्तर दे रहा हूं । मुझे उम्मीद है कि आपको खुशी होगी थैंक यू।
मदद को हाथ बढ़ाएं
दूसरों की मदद (Help) करने से जो खुशी मिलती है उसको शब्दों में बयां करना आसान नहीं है. दूसरों के भले के लिए अपने समय, धन और ऊर्जा (Money And Energy) का स्वेच्छा से इस्तेमाल करना केवल दुनिया को बेहतर बनाता है, बल्कि यह आपके अंदर खुशी (Happiness) का जज्बा भी पैदा करता है. कई अध्ययनों से यह संकेत मिलता है कि लोगों की मदद करने वाले काम आपके स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने में मददगार होते हैं और खुशी, भलाई की भावना को बढ़ाते हैं. एक चीनी कहावत है, “यदि आप एक घंटे के लिए खुशी चाहते हैं, तो एक झपकी लें. अगर आप एक दिन के लिए खुशी चाहते हैं, तो मछली पकड़ने जाएं, लेकिन अगर आप जीवन भर के लिए खुशी चाहते हैं, तो किसी की मदद कीजिए.” सदियों से कई महानतम विचारकों ने भी यही बात सुझाई है कि दूसरों की मदद करने से खुशी मिलती है।
तनाव होता है कम
दूसरों की मदद करते रहने से तनाव कम करने में मदद मिलती है. साथ ही यह आपकी सेहत के लिए भी अच्छा होता है. यह आपके जीवन में संतुष्टि की भावना को बढ़ाने में मददगार हो सकती है. ऐसा इसलिए है, क्योंकि दूसरों की मदद हमारे अकेलेपन को कम करती है और हमारे सामाजिक दायरे को बढ़ाती है.
दोस्ती होती है मजबूत
जब आप दूसरों की मदद करते हैं, तो आप सकारात्मक ऊर्जा का संचार करते हैं, जो आपके साथियों को प्रभावित कर सकता है और आपकी दोस्ती को बेहतर बना सकता है.
नजरिया सकारात्मक बनता है
विशेषज्ञों का कहना है कि दयालुता के काम करने से आपका मूड बेहतर रहता है और अंततः आप अधिक आशावादी और सकारात्मक बनते हैं. इसलिए अपने अंदर के मदद के जज्बे को कमजोर न पड़ने दें और जब भी मौका मिले मदद को बढ़ाएं हाथ।
दोस्तों यह वो चंद बातें हैं जिनके सहारे हम एक दूसरे को खुशियां दे सकते हैं उनके दुख दर्द में शामिल हो सकते हैं और उनके जरूरतों में शामिल होकर उनके भाड़ को कम कर सकते हैं। दरअसल आज की जिंदगी में इसलिए भी जरूरी है क्योंकि भागदौड़ भरी जिंदगी में ज्यादातर लोगों को रिलैक्स होने का कोई मौका नसीब ही नहीं हो पाता है। घर से दफ्तर दफ्तर से घर घर से दुकान दुकान से घर घर से बाजार बाजार से घर के दरमियान फंसी जिंदगी में बहुत कम ही लोग ऐसे हैं जो अपनों और अपने दोस्तों अपने परिवार और अपने चाहने वालों के दरमियान समय बिता पाते हैं। दोस्तों आज की जिंदगी में वक्त की कितनी किल्लत होती है यह आप सभी जानते हैं। हमारी और आपकी जिंदगी में इसी कम वक्त में बहुत से ऐसे काम की जरूरत है जिसके सहारे हम ना सिर्फ अपना अपने परिवार का बल्कि अपने संस्कृति और रस्मो रिवाज को भी निभाना पड़ता है इसलिए जरूरी है कि हम एक दूसरे के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलें। इसके लिए जरूरी है कि हम एक दूसरे की खुशियों में शामिल हो ताकि यह एहसास ना हो के हम अकेले हैं।
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