Nationalist Bharat
राजनीति

बिहार में भी खेला होने की पूरी गुंजाइश,बस इंतज़ार…

पटना : राजनीति में कब क्या हो जाए कौन किस तरफ हो जाए हो जाए यह कहना किसी भी राजनीतिक पंडित के लिए भी संभव नहीं होता । शायद यही वजह है कि इसे यानी राजनीति को संभावनाओं का खेल कहाजाता है। राजनीति में आईडियोलॉजी कुछ मायने नहीं रखती अजय कब पीछे छूट जाती है किसी को पता नहीं चलता। इसी आईडियोलॉजी के बदलते स्वरूप को बिहार में देखना बड़ा दिलचस्प है जिसमें ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन ए आई एम आई एम के 5 विधायकों में से 4 विधायकों ने बुधवार 29 जून को राजद में शामिल होने को तरजीह दी। यहीं वजह है कि आइडियोलॉजी पीछे छूट जाती है। बिहार में AIMIM के पांच में चार विधायक RJD में शामिल हो गए। खबरों के अनुसार राज्य में सत्ता का पूरा आंकड़ा ही बदल गया। असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी के 4 विधायकों के आने से अकेले आरजेडी के पास 80 विधायक हो गए। अगर महागठबंधन की बात की जाए तो ये आंकड़ा 116 तक पहुंचती है। दूसरी तरफ यह भी जगजाहिर है कि आज तक बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के बीच संबंधों में मजबूती आई है और कई एक मौके पर दोनों बहुत ही करीब दिखाई दिए हैं । नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव के संबंधों पर आजकल चर्चा ज्यादा होती है। JDU के पास 46 विधायक हैं। संख्या बल के हिसाब से अगर देखा जाए तो अगर सिर्फ RJD और JDU के विधायकों की संख्या जोड़ दिया जाए तो ये डेटा 126 तक पहुंचती है। जबकि मैजिक नंबर 122 का ही है। बिहार में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी के 4 विधायकों के राजद में शामिल होने के बाद सरकार बनाने और बिहार की सत्ता पर काबिज होने के लिए जरूरी नए आंकड़ों ने बीजेपी में बेचैनी बढ़ा दी है। बताते चलें कि हाल ही में यानी असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी के 4 विधायकों के राष्ट्रीय जनता दल में शामिल होने से कुछ देर पहले केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान (Dharmendra Pradhan) मंगलवार को सीएम नीतीश से मुलाकात की थी और बुधवार को सत्ता का डेटा ही बदल गया।

मैजिक नंबर से 6 विधायक दूर तेजस्वी
दरअसल 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में जनता दल यूनाइटेड के साथ चुनाव लड़ कर सत्ता में आई राजद ने उस वक्त उप मुख्यमंत्री के साथ साथ कई मंत्रालय संभाले थे और उसी वक्त से राजद के नेताओं को सत्ता की भूख लगी हुई है । इसी कड़ी में नए तोड़-फोड़ से बिहार में आरजेडी एक बार फिर बड़ी पार्टी हो गई। यानी सत्ता के शिखर पर पहुंचने की राह से तेजस्वी यादव सिर्फ 6 विधायक दूर हैं। आरजेडी में शामिल होने वाले विधायकों में कोचाधामन के विधायक मुहम्मद इजहार अस्फी, जोकीहाट से शाहनवाज आलम, पूर्णिया के बायसी के सैयद रुकनुद्दीन अहमद और बहादुरगंज के विधायक अंजार नईमी हैं। बिहार AIMIM के अध्यक्ष अख्तरुल इमान सिर्फ ओवैसी के साथ हैं। हालांकि वो कब तक रहेंगे कहना मुश्किल है। वैसे, बिहार में मॉनसून सेशन चल रहा है। विधायकों के शामिल कराने पर तेजस्वी ने कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव में जनादेश आरजेडी को सबसे बड़ी पार्टी के रूप में मिला था, लेकिन बाद में बीजेपी ने विकासशील इंसान पार्टी (VIP) को तोड़कर तीन विधायकों को अपने में मिला लिया था और बड़ी पार्टी बन गई थी। खुशी है कि आरजेडी राज्य में एकबार फिर सबसे बड़ी पार्टी बन गई।

Advertisement

ऐसे में राष्ट्रीय जनता दल और जनता दल यूनाइटेड के सहयोग से बिहार में नई सरकार का गठन हो जाए यह कोई आश्चर्यजनक बात नहीं होगी। संख्या बल जो निकल कर सामने आई है उसके अनुसार जनता दल यूनाइटेड और राष्ट्रीय जनता दल के सहयोग से बनने वाली सरकार को न सिर्फ यह की जादुई आंकड़े 122 से ज्यादा विधायकों का समर्थन मिलेगा बल्कि दूसरे घटक दलों के विधायकों की संख्या को अगर जोड़ दी जाए तो भविष्य में बनने वाली महागठबंधन यानी राष्ट्रीय जनता दल और जनता दल यूनाइटेड की सरकार को बहुमत से कहीं ज्यादा संख्या मिल जाएगा जिसमें सरकार को जब तक गिरने या तो मनाने की कोई चिंता नहीं सताएगी। अब ऐसे में देखने वाली बात यह है कि निकट भविष्य में राजद और जदयू के दरमियान क्या खिचड़ी पकती है और जदयू के नेता और मुख्यमंत्री बिहार नीतीश कुमार की अंतरात्मा कब जागती है या फिर कब हुआ पलटी मार कर बिहार में राष्ट्रीय जनता दल के साथ सरकार बनाते हैं। हाला के यह सब अभी तक सिर्फ अनुमान है जो इतना जल्द पूरा होता हुआ दिखाई नहीं देता है लेकिन राजनीति है राजनीति में कब क्या हो जाए कौन पलटी मार कर किधर चला जाए यह गाना बहुत ही मुश्किल होता है। इसकी मिसाल हाल ही में महाराष्ट्र की महा विकास आघाडी की सरकार में शामिल शिवसेना के 40 से 50 विधायकों के बगावत कर देने और अलग ग्रुप बना लेने की मिलती है जिसमें मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे अपनी कुर्सी से इस्तीफा देना पड़ता है।

Advertisement

Related posts

भैंस चराने वाले लड़के का राजनीति में आना और फिर उसका लालू बन जाना कोई मामूली किस्सा नहीं

आप ने गुजरात में घोषित किया 850 का जम्बो संगठन , हर विधानसभा में चार प्रभारी

“एक आरोपी बीजेपी का मेंबर”, AAP ने महिला को कार से घसीटने के बाद लगाया आरोप

Leave a Comment