Nationalist Bharat
विविध

मिथिला राज्य की मांग होते ही कई लोग हड़बड़ा जाते हैं

आदित्य मोहन

“मिथिला राज्य” की मांग होते ही कई लोग हड़बड़ा जाते हैं। विभाजन एक भारी शब्द है। इस शब्द से कई इमोशनल स्मृतियां जुड़ी हुई है जिसकी वजह से अधिकांश लोग घबराहट महसूस करते हैं, ये एक साइकोलॉजिकल फेनोमेना है। झारखंड विभाजन के बाद बच गए शेष बिहारियों को बताया गया की झारखंड विभाजन की वजह से आपके सारे खनिज संसाधन चले गए हैं और यही आपके राज्य के गरीबी की वजह है, जबकि ये एक झूठ था जिसका इस्तेमाल राजनीतिक नेतृत्व ने अपने खामियों को छुपाने हेतु किया। विभाजन हमेशा गलत ही नहीं होता। कई बार इसके अच्छे परिणाम भी होते हैं। जब 1912 में बंगाल से बिहार अलग हुआ था, तब भी तो विभाजन ही हुआ था। जब बाद में बंगाल से विभाजित हुए बिहार से उड़ीसा अलग हुआ, तब भी विभाजन ही था। लेकिन क्या ये सब जरूरी नहीं था। जिनके मन में झारखंड विभाजन का मनोवैज्ञानिक दंश जमा हुआ है उन्हें बिहार से विभाजित होकर अलग मिथिला राज्य की बात सुनने पर सेंसिटिव महसूस होता है। जबकि इसमें कुछ भी सेंसिटिव नहीं है। परिवार बड़ा होने के बाद संयुक्त परिवार में सभी सदस्यों पर ठीक से ध्यान देना नहीं हो पाता, सब की समस्याएं और जरूरतें अलग-अलग है, उन्हें एक ही नजर से देखने से नई समस्याएं उत्पन्न होती है। 12 करोड़ की जनसंख्या को अब एक प्रशासनिक यूनिट में संभालना दिक्कत बढ़ा रहा है। नया मिथिला राज्य बनाइए, जिलों की संख्या बढ़ाईए, नए प्रखंड बनाइए, सबका भला होगा।

Advertisement

 

 

Advertisement

नीतिश कुमार सरकार पिछले दस साल से बिहार राज्य को विशेष दर्जा की मांग कर रहे हैं, बिहार के पिछड़े होने की वजह से स्पेशल पैकेज की मांग करते हैं। लेकिन केंद्र ने कभी नहीं दिया।लेकिन जब नया मिथिला राज्य बनेगा तो संवैधानिक और नैतिक रूप से मजबूरी होगी केंद्र के लिए की नए गठित राज्य को स्पेशल पैकेज अथवा केंद्रीय सहायता दे। नया राज्य बनेगा तो स्वाभाविक रूप से नई राजधानी बसेगी। नए राजधानी में इन्फ्रास्ट्रक्चरल डेवलपमेंट होगा, भवन-सड़कें-संस्थान-रेल-मेट्रो आदि बनेगा, प्राइवेट इन्वेस्टमेंट आएगा, कंपनीज आएगी, लाखों की संख्या में नया रोजगार उत्पन्न होगा। नए राज्य के बनने से प्रशासनिक सुगमता हेतु नए जिले बनेंगे, नए प्रखंड नया थाना और अनुमंडल सब बनेगा। इनके बनने से ग्रामीण क्षेत्रों तक विकास की नई धारा बनेगी।

 

Advertisement

 

नया राज्य बनेगा तो उसके हिस्से का IIT, IIM, NIT, IIIT, NIFT, सेंट्रल यूनिवर्सिटी, हाई कोर्ट मिलेगा, केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों एवं संस्थानों का ऑफिस मिलेगा। नई यूनिवर्सिटीज, नए अस्पताल स्थापित होंगे।जब आप नया राज्य बनाएंगे तो स्वभाविक है की नई शुरुआत करनी होगी। आप स्वाभाविक रूप से नए राजस्व एवं राजकीय आमदनी का साधन तलाशेंगे, नए मौके ढूंढेंगे। तब बाढ़ किसी राज्य के कुछ जिलों की समस्या नहीं रहेगी बल्कि आपके पूरे राज्य की समस्या रहेगी, स्वाभाविक रूप से राजनीतिक नेतृत्व बाढ़ के स्थाई समस्या पर काम करेगा।ऐसे अनगिनत मौके मिथिला राज्य के गठन से उत्पन्न होगा।

Advertisement

(लेखक मिथिला स्टूडेंट्स यूनियन के अध्यक्ष हैं)

Advertisement

Related posts

बारिश के सीजन में इन कुकिंग आइटम्स से कपड़ों के बदबू से छुटकारा पाएं

Nationalist Bharat Bureau

UAE: यूएई का बड़ा फैसला, भारतीय गेहूं के निर्यात पर लगाई 4 महीने की रोक

Nationalist Bharat Bureau

एक झटके में सब कुछ प्राइवेट हो जाये वो ज्यादा अच्छा है

Leave a Comment