गर्भावस्था एक बहुत ही प्यारा और कठिन समय होता हे माँ और बच्चे के लिए। जितना आप खुश और फिट रहेंगी आपकी आने वाली संतान भी वैसी ही बनेंगी। मूड स्विंग होना , जी मचलना , उलटी होना इनके आलावा भी और भी तकलीफे होती हे जिनसे निकलना बेहद जरुरी है
महिलाओं के लिए माँ बनना कुदरत का सबसे बड़ा वरदान है। लेकिन जैसे कोई वरदान घोर तपस्या के बाद मिलता है, उसी तरह माँ बनने का सफ़र भी बेहद चुनौतीपूर्ण होता है। गर्भावस्था में महिलाओं को कई तरह की शारीरिक और मानसिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है, आज हम आपको बताते हैं गर्भावस्था के दौरान होने वाली सामान्य समस्याओं और उनके निदान के आयुर्वेदिक तरीकों के बारे में-
१)गर्भावस्था में हार्मोन और खान-पान में बदलाव के कारण अधिकतर महिलाओं को अतिसार की समस्या हो जाती है। तो जब भी यह समस्या हो, तो सिर्फ ब्रेड, चावल, सेब और टोस्ट ही खाएं। जितने दिन ये समस्या रहे, उतने दिन दूध या दूध से बना कोई भी आहार न लें।
२ )गर्भावस्था की एक और बेहद सामान्य समस्या है कब्ज़। इसके समाधान के लिए दिन में कम से कम तीन बार नींबू पानी पिएं, रसीले फल खाएं, अधिक से अधिक तरल आहार लें और रात को सोने से पहले ईसबगोल लें।
३ )अधिकतर गर्भवती स्त्रियों को सर्दी, खांसी और गले की सूजन की शिकायत भी हो जाती है। इसके समाधान में तीन से चार बार गर्म पानी का भाप लेना ऐसे में बहुत लाभकारी होता है। इसके अलावा गर्म पानी में नमक मिलाकर गरारा करने से भी बेहद फायदा है
४ )गर्भवती महिला के शरीर में जब ज़रुरत से ज़्यादा द्रव्य इकठ्ठा हो जाता है, तब सूजन की शिकायत होती है। इससे दूर रहने के लिए आवश्यक है कि आप अधिक से अधिक पानी पियें।
५ )गर्भावस्था में यूरिन इन्फेक्शन हो जाने पर ज़रूरी है कि आप अधिक से अधिक पानी पियें ताकि पेशाब के ज़रिए आपके शरीर से सभी प्रकार के हानिकारक तत्व बाहर निकल जाएं। इसके अलावा आप विटामिन सी से भरपूर फल और सब्जियां खाएं। दही या छाछ भी यूरीन इन्फेक्शन में बहुत लाभदायक होता हे
६ )गर्भावस्था के दौरान गैस, भारीपन और पेट दर्द की समस्या भी आमतौर पर महिलाओं में देखी जाती है। इससे बचने के लिए सबसे पहले अपने आहार से तली हुई चीज़ों को निकाल दें। मसालेदार और तेलयुक्त भोजन ना करें और बहुत अधिक भोजन भी ना करें।