वर्षों पहले बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान में राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के द्वारा बहुचर्चित चारा घोटाला सुर्खियों में रहा था । वह चारा घोटाला आज भी सुर्खियों में है और वक्त वक्त पर यह चारा कभी लालू प्रसाद यादव तो कभी राबड़ी देवी तो कभी तेजस्वी प्रताप यादव के साथ साथ तेज प्रताप यादव के लिए बेज्जती का सबब बन जाता है। चारा घोटाले की वजह से लोग लालू परिवार पर तंज कसने से बाज नहीं आते हैं। यानी एक चारा की खबर कई लोगों के लिए बेज्जती का सबब बनता है तो वही आजकल सोशल मीडिया पर वायरल हो यही एक तस्वीर में वह चारा और उसका मालिक वाहवाही लूट रहा है। तस्वीर इन दिनों सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। तस्वीर में फेरारी कार है और उस पर रखा हुआ जानवरों का चारा। जहां ना तो फेरारी कार की चर्चा है और ना ही किसी दूसरी चीज की। बल्कि इसे वायरल फोटो में और लोग फेरारी कार के मालिक की अपनी पारंपरिक जिंदगी जीने और उसे आगे बढ़ाने की चर्चा हो रही है। फ़ोटो की पंच लाइन दी गई है किसान तो किसान ही रहेगा।
लोग लिखते हैं कि एक किसान चाहे जहां भी रहे जिस हालत में रहे वह अपनी पहचान नहीं मिटने देता है। एक किसान दुनिया के किसी भी कोने में हो उसका दिल खेती किसानी में ही लगा रहता है। लोग कहते हैं कि किसानों की रक्त रक्त में किसानी बसी होती है। एक किसान फिर आधी से चले या फिर बैलगाड़ी से उसे हरदम किसानी की फिकर सताती है। कहने वाले कहते हैं कि एक किसान खुद के खाने से पहले अपने पशुधन के लिए सोचता है। शायद यही वजह है कि वायरल तस्वीर में एक किसान अपनी उसी जिम्मेदारी का निर्वहन करने के लिए यानी अपने दरवाजे पर पाले जाने वाले पशुधन के खाने के लिए अपनी फेरारी जैसी महंगी कार पर चारा रखने से परहेज नहीं करता है। यह दरअसल इस बात को दर्शाता है कि जिस आदमी की जो प्राथमिकता होती है वह उसे पूरा करने में उसे ही प्राथमिकता देता है चाहे उसके लिए फेरारी कार पर चारा ही रखना क्यों ना हो।क्योंकि किसान तो किसान ही रहेगा। जिनके रक्त में खेती किसानी बसी हुई है उन्हें चाहे फ़रारी भी दे दी जाये उसमें भी एक बार तो अपने पशुओं का चा