पुष्परंजन
सर्दी, गर्मी, बरसात और चिपचिप, चार मौसम मान कर चलिए. प्रचंड गर्मी के बाद बरसात. सिली-सिली मौसम में ज़रा सी हवा, फिर हवा पर ब्रेक. नहाइये, दो मिनट बाद गर्दन पर चिपचिप. तदोपरांत नश्वर शरीर में जहाँ-जहाँ संधिस्थल हैं, नोचिये-खुजाइये. कभी-कभी मैल छुड़ाइये, और राष्ट्रीय स्वच्छता अभियान में योगदान दीजिये.सुबह-सुबह मुझे कोफ़्त होती है कामवाली के आने पर , केवल इसलिए कि पूरे कपड़े पहनने होते हैं. कोई गेस्ट ग़लती से आ गया, अंदर से आत्मा कुपित होती रहती है, ‘अतिथि कब जाओगे, ताकि मैं दिगंबर अवस्था में आऊं’. ऐसे मौसम में कूलर-पंखे से कोई राहत नहीं मिलती. चौबीस घंटे एसी चलायमान रखियेगा, शरीर और जेब की बैंड बज जानी है.
उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों से चिपचिप का अन्योन्याश्रय सम्बन्ध रहा है. अफ्रीका में कोट दिवेर, तंज़ानिया, जिबूती, नाइजीरिया चिपचिप मौसम में शरीर की दुर्गत कर देते हैं. अमेरिका के मोस्ट ह्यूमिड प्रांतों में अलास्का, फ्लोरिडा, लुज़ियाना, मिसिसिपी और हवाई आते हैं.मिडल ईस्ट में मिस्र, सऊदी अरब से आगे बढ़िये, दक्षिण और दक्षिण पूर्व एशिया के लोग चिपचिप की दुर्गत झेलने के आदी हैं. कुआलालम्पुर , जकार्ता, और सिंगापुर के लोग चिपचिपाते और चुप रहते हैं. सिंध नदी के तट पर अवस्थित पाकिस्तान का सुक्कुर चिपचिप का एपिसेंटर माना जाता है. भारत में मुझे लगता है दिल्ली चिपचिप का अधिकेंद्र है.चिपचिप को मालूम नहीं, मौसम विभाग ने मान्यता क्यों नहीं दी. अपने यहाँ कालिदास से लेकर आज के कल्लूलाल जैसे कवियों ने चिपचिप के प्रति अपनी रचनाओं में उपेक्षा का भाव रखा है. मेघदूतम में चिपचप खोजना दुर्लभ है. ईरान के शायर नैसी फेशराकी ने चिपचिप पर जो कविता लिखी है, पेशे खिदमत है-
Humid
Lands on my skin
(Naked in morning)
The pleasant chill of breeze
Bird sings; or chirps:
“It is so humid.”