New Delhi:नूपुर शर्मा मामले पर जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जेबी पारदीवाला की टिप्पणी से अवकाशप्राप्त जज और ब्यूरोक्रेट्स नाराज हैं। इन लोगों ने सीजेआई एनवी रमना को एक खत लिखा है। इसमें कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट ने “लक्ष्मण रेखा” लांघी है और नूपुर के मामले में तुरंत अदालत को सुधार संबंधी कदम उठाने चाहिए।पत्र में लिखा है- “न्यायपालिका के इतिहास में ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण टिप्पणियां कभी नहीं हुईं। ये सबसे बड़े लोकतंत्र की न्याय प्रणाली पर धब्बे की तरह हैं। जिनको तत्काल सुधारने की जरूरत है, क्योंकि इसके कारण लोकतांत्रिक मूल्यों और देश की सुरक्षा पर गंभीर असर पड़ सकता है। इन कमेंट्स का केस से लेना-देना नहीं था।”

बताते चलें कि सुप्रीम कोर्ट ने 1 जुलाई को सुनवाई के दौरान नुपुर शर्मा को जमकर फटकार लगाई थी। शर्मा के पैगंबर मोहम्मद को लेकर आपत्तिजनक बयान पर देश में मचे बवाल के लिए उसे जिम्मेदार ठहराया था। नुपुर को टीवी आकर माफी मांगने का भी सुझाव दिया था। यह भी कहा था कि देश में उसके बयान के कारण आग लगी है। देश में जो भी हो रहा है, उसके लिए वही एकमात्र जिम्मेदार है। इन टिप्पणियों के साथ ही शीर्ष कोर्ट ने नुपुर शर्मा के खिलाफ देशभर दर्ज एफआईआर को एकजुट कर दिल्ली स्थानांतरित करने और यहीं सुनवाई की मांग वाली अर्जी खारिज कर दी थी।