Nationalist Bharat
राजनीति

लोकतंत्र को कमजोर करने में बिकाऊ व सिद्धांत हीन कांग्रेसी विधायकों का बड़ा रोल रहा है

महाराष्ट्र विधानसभा में बीजेपी व शिवसेना ( बाग़ी गुट ) सरकार शक्ति परि़क्षण के दिन कांग्रेस के 11 सदस्य विधानसभा में अनुपस्थित रहे और मतदान में भाग नहीं लिया। इन अनुपस्थित विधायको में महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री श्री अशोक चव्हाण भी शामिल है।विश्वास मत हासिल करने के बाद राज्य के उप मुख्यमंत्री श्री देवेन्द्र फडणवीश ने अनुपस्थित रहने वाले सभी विधायकों का आभार भी व्यक्त किया है क्योंकि इनके अनुपस्थित रहने की वजह से सरकार के पक्ष में 164 वोट पड़े तथा विपक्ष के खाते में सिर्फ़ 99 वोट ही आये जबकि विधानसभा अध्यक्ष के निर्वाचन के दिन यह संख्या 107 थी ।

 

Advertisement

 

 

Advertisement

महाराष्ट्र के एक वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा है कि अनुपस्थित रहने वाले विधायकों का यह व्यवहार अत्यंत आपत्तिजनक व ग़ैर ज़िम्मेदाराना रहा है । यह भी सूचना है कि कुछ विधायक दूसरे दलों के सम्पर्क में बने हुऐ है । हालाँकि कांग्रेस के महासचिव श्री एचके पाटिल जो महाराष्ट्र के प्रभारी है ने कहा है कि 8 विधायक बारिश व जाम में फँसने के कारण आने मे कुछ लेट हो गए थे जो विधानसभा कीं लॉबी में बैठे रहे क्योंकि उन्हें सदन के अंदर प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई थी तथा दो विधायकों द्वारा उन्हें अवगत कराया गया कि वह इस ग़लत फहमी में रहे कि वोटिंग 11 बजे के बाद होगी तो वह लेट पहुँचे। पूर्व मुख्यमंत्री सुशील कुमार शिंदे साहब की सुपुत्री भी विधायक है जो आवश्यक कार्यों से बाहर रहने के कारण आने में असमर्थ रही । विधानसभा में शक्ति परि़क्षण व वोटिंग के दिन की अहमियत न समझने वाले विधायकों की इस दलील में कितनी सच्चाई है वह भी जल्द ही सामने आ जायेगी ।

 

Advertisement

 

महाराष्ट्र के वर्तमान राजनीतिक हालात यह बता रहे है कि बाग़ी शिवसेना के विधायक कभी भी घर वापसी कर सकते है तो इसी संभावना को देखते हुऐ बीजेपी कांग्रेस के विधायकों को ही सबसे पहले तोड़ेगी क्योंकि ये तो टूटने के लिए ही तैयार बैठे है ।महाराष्ट्र के यदि कुछ कांग्रेसी विधायक दल बदल कर जाते है तो मुझे आश्चर्य नहीं होगा क्योंकि कांग्रेस के विधायकों को विपक्ष में बैठने की आदत नहीं रही है तथा वह अपनी विधायकी की क़ीमत जानते है । जैसे ही इन्हें कोई लुभावना प्रस्ताव मिलता है तो वह लपलपाते हुऐ सारी नैतिकता, मर्यादा, सिद्धांत और मान सम्मान को भूलकर उसे स्वीकार कर लेते हैं । बाप बड़ा न भैया, सबसे बड़ा रूपया ‘ यह कहावत आजकल कांग्रेसी विधायकों पर खूब फब रही हैं । दरअसल लोकतंत्र को कमजोर करने में बिकाऊ व सिद्धांत हीन कांग्रेसी विधायकों का बड़ा रोल रहा है क्योंकि कब ये अपने दल की निर्वाचित सरकार गिरवा कर विपक्ष की सरकार बनवा दे कहना कठिन है । मध्य प्रदेश, कर्नाटक, गोवा एवं पूर्वोत्तर के राज्यों का उदाहरण सामने है।मैं समझता हूँ कि जब तक जनता ही जागरूक नहीं होगी तथा अपने मताधिकार की क़ीमत नहीं समझेगी तब तक स्वार्थी व सिद्धांत हीन दलबदलू विधायक लोकतंत्र को चौराहे पर नीलाम करते रहेंगे और जनता ठगी जाती रहेंगी ।

Advertisement

(ये लेखक के निजी विचार हैं)

Advertisement

Related posts

मुंगेर में राजद को लवकुश का सहारा,एनडीए विकास के भरोसे

Nationalist Bharat Bureau

Bihar By Election Result:उपचुनाव में महागठबंधन का सूपड़ा साफ

Nationalist Bharat Bureau

गोप गुट पटना जिला का 22 वां सम्मेलन सम्पन्न ,13 सदस्यीय कार्यकारिणी निर्वाचित

Leave a Comment