गुजरात – दिन प्रतिदिन किसी विलुप्त होती दर्लभ प्रजाति की तरह कांग्रेस भी विलुप्त हो रही है …सरकार बनाना दूर की बात बनी हुई सरकार भी कांग्रेस के हाथ से निकल रही है … नये जुड़ना दूर जुड़े हुए लोग भी कांग्रेस छोड़ कर जा रहे है .. गुजरात में हार्दिक पटेल इसका तजा उदहारण है … गुजरात और हिमाचल प्रदेश में कुछ ही महीनों बाद विधानसभा चुनाव होने हैं। दोनों ही राज्यों में कांग्रेस ने किसी भी नेता को बतौर मुख्यमंत्री का चेहरा नहीं बनाने का निर्णय किया है। वहीं गुजरात में पार्टी ‘कांग्रेस के 27 साल बनाम भाजपा के 27 साल’ नारे के साथ स्थानीय मुद्दों पर फोकस करती हुए चुनाव में जाएगी। गुजरात में करीब 27 साल से कांग्रेस सत्ता से दूर है। इसके साथ ही अंदरूनी कलह से भी पार्टी जूझ रही है। इसके चलते पार्टी ने सामूहिक नेतृत्व में चुनाव लड़ने का निर्णय किया है। कांग्रेस के राजनीतिक टास्क फोर्स के साथ गुजरात के नेताओं की लंबी बैठक सोमवार देर रात तक चली। इसमें गुजरात के नेताओं की ओर से चुनाव में अधिकतम सीटने जीतने को लेकर प्रस्तुति दी गई। बैठक में पी चिदंबरम, मुकुल वासनिक, जयराम रमेश, केसी वेणुगोपाल, अजय माकन, प्रियंका गांधी, रणदीप सुरजेवाला और सुनील कानूनगोलू शामिल रहे।..
लेकिन देश में सरकार के हर मुद्दे का विरोध कांग्रेस को भारी पड़ा है चाहे वो CAA हो कश्मीर मुद्दा हो या राम मन्दिर मुद्दा इन चीजों का विरोध करके कांग्रेस ने जनमानस का विरोध भी अपने गले ले लिया अब देखने वाली बात होगी की कांग्रेस केसा परिणाम दे पाती है ..
गुजरात – बिना CM के चेहरे के चुनाव लड़ेगी कांग्रेस
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