◆ गिरीश मालवीय
हवा में उड़ते स्पाइसजेट के विमान कभी भी उड़ते ताबूत में बदल सकते है, पिछले 18 दिनों में ही कंपनी के विमानों में तकनीकी खराबी के 8 मामले सामने आ चुके हैं। तीन मामले अकेले मंगलवार के हैं। DGCA ने कंपनी के विमानों में लगातार आ रहीं सुरक्षा खामियों को देखते हुए शो कॉज नोटिस भेजा है। जिसमे लिखा है कि “DGCA द्वारा सितंबर 2021 में किए गए वित्तीय आकलन से यह भी पता चला है कि एअरलाइन द्वारा संरक्षा संबंधी आपूर्तिकर्ताओं द्वारा स्वीकृत विक्रेताओं को नियमित आधार पर भुगतान नहीं किया जा रहा है जिससे कलपुर्जों की कमी हो रही है और विमान के संचालन के लिए आवश्यक एमईएल (न्यूनतम उपकरण सूची) की बार-बार मांग की जा रही है।’’ जाहिर है ऐसा है तो फ्लाइट्स में तकनीकी समस्या तो खड़ी होगी ही, लेकिन ऐसा है तो अब तक इस बात को क्यों अनदेखा किया गया ?
क्या ऐसा इसलिए है कि स्पाइस जेट के मालिक अजय सिंह बीजेपी से जुड़े हैं. जी हां यह बिल्कुल सच है।कहा जाता है कि 2014 में ‘अबकी बार मोदी सरकार’ का नारा भी अजय सिंह का ही गढ़ा हुआ था.अजय सिंह कभी प्रमोद महाजन के साथ काम करते थे. एनडीए सरकार में जब प्रमोद महाजन सूचना और प्रसारण मंत्री थे, तब उन्होंने अजय सिंह को ऑफिसर ऑन स्पेशल ड्यूटी बनाया। प्रमोद महाजन ने टेलीकॉम मंत्रालय की कमान संभाली तो अजय उनके सलाहकार बन गये। और अपनी इस पूहंच के चलते वे बड़े बड़े सौदे करने लगे 2000 से उड़ान भरने का प्रयास करने के बावजूद इसमें विफल रही कंपनी मोदीलुफ्त को अपने कुछ निवेशक साथियों के साथ अजय सिंह ने अधिग्रहीत किया और उसका नया नाम रखा स्पाइसजेट। बाद में अजय सिंह ने अपनी सारी हिस्सेदारी कलानिधि मारन को बेच दी।मारन ने स्पाइसजेट को खरीद तो लिया लेकिन वे उसे ठीक से चला नही पाए तो 2015 में अजय सिंह ने इसे एक बार फिर से खरीदा और फिर से स्पाइस जेट का कंट्रोल अपने हाथो में ले लिया।जिस वक्त स्पाइसजेट बिका था उस वक्त बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने इस सौदे पर सवाल खड़े किए थे। उन्होंने अजय सिंह द्वारा मारन से 53% शेयर खरीद कर स्पाइसजेट को खरीदने को एक घोटाला बताया था।शेयर ट्रांसफर को लेकर कलानिधि मारन ने दिल्ली हाईकोर्ट में दी याचिका में कहा कि अजय सिंह ने स्पाइसजेट कंपनी के लिए केवल 2 रुपए का भुगतान किया।
साफ़ था यह वाकई में एक बड़ा घोटाला था उस वक्त भी प्रश्न उठे कि स्पाइस जेट को गलत तरीके से लोन दिया जा रहा है उसे नियम के खिलाफ़ जाकर बचाया जा रहा है लेकिन 2014 में सैया कोतवाल बन चुके थे तो भला अजय सिंह क्यो डरते, 2019 आया और देश के एक बडी विमानन कंपनी जेट एयरवेज दीवालिया होने की कगार पर आ गई यहां अजय सिंह को एक बार फिर अवसर नजर आया,जेट संकट के बाद एयर ट्रैवल सुचारू रूप से चले. उड़ानें जारी रहें, किराये न बढ़ें इसके लिए डीजीसीए ने कहा कि एयलाइंस कंपनियों को जेट के स्लॉट बांटेंगे…..अजय सिंह ने सत्तासीन सरकार में अपने संपर्क की सहायता से जेट के के स्लॉट का बड़ा हिस्सा और जमा जमाया कारोबार हडप लिया इस पर इंडिगो और विस्तारा ने कड़ी आपत्ति जताई है. जेट के बंद होने की क्राइसिस में इमरजेंसी में एक एयरलाइंस को गलत तरीके से फेवर किया जा रहा है लेकिन किसी की नही सुनी गई।
आपको जानकर आश्चर्य होगा कि आज स्पाइस जेट के जिन विमानों मे उड़ान भरने में प्रॉब्लम खड़ी हो रही है ये वही जेट एयरवेज के विमान है, अजय सिंह ने चालाकी दिखाते हुए स्लॉट हासिल करने के लिए उन्ही विमानों को स्पाइस जेट में जोड़ लिया जिन्हे जेट एयरवेज मेंटेन नही कर पा रहा था।DGCA ने अपने नोटिस में यही बात उठाई है कि स्पाइस जेट अपने विमानो का ठीक से मेंटनेंस नही कर रहा है, और लगातार हो रहे हादसों की भी यही वजह हैइंडिया टुडे की एक ख़बर के अनुसार SpiceJet भारी घाटे में है. जून 2021 तक के आंकड़ों के हिसाब से SpiceJet की नेटवर्थ निगेटिव में 3,298.72 करोड़ रुपये है. कंपनी पिछले 3 वित्त वर्ष से घाटे में है.अजय सिंह के खिलाफ एयरलाइन के शेयर हस्तांतरण में अनियमितता बरतने का आरोप में मुकदमा चल रहा है इस मामले में कुछ महीने पहले ही वह दिल्ली की एक अदालत से अग्रिम जमानत ले चुके हैं।
पिछले दिनो पटना एयरपोर्ट पर स्पाइस जेट के इंजन में आग लगी थीं वह पक्षी इंजन में घुसने के कारण नही थी बल्कि विमान में शूरू से खराबी थी विमान में यात्रा कर रहे एक यात्री ने वीडियो साझा करते हुए बताया कि विमान में पहले ही आग लग गई थी। एक यात्री गौरव कहते हैं कि वो विंडो सीट पर बैठे हुए थे। टेकऑफ के पहले से ही इंजन से स्पार्क हो रहा था। यात्रियों ने विमान के पक्षी से टकराने की बात को नकारते हुए कहा कि विमान में पहले से ही खराबी थी।लेकिन ख़बर फैलाई गई कि पटना एयरपोर्ट पर पक्षी बहुत आते है इसलिए वे इंजन में घुस गए और आग लग गई।साफ है कि स्पाइस जेट के मामले में व्यक्ति विशेष को बचाया जा रहा है।
•ये लेखक के निजी विचार हैं•