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सांसद डॉक्टर जावेद की कोशिशों से किशनगंज का 3 पंचायत बना बिहार का आधिकारिक हिस्सा, 33 गांवों में उत्सव का माहौल, जानिए क्या है मामला

पटना:किशनगंज जिला के तीन पंचायतों के लिए बहुत बड़ी खुशखबरी है। सालों से अपना पिनकोड के लिए तरस रहे जिले के तीन पंचायतों के कई दर्जन गांवों का अब अपना पोस्टल एड्रेस होगा। इस खबर से इलाके के लोगों में जबरदस्त उत्साह है। ये सौगात किशनगंज सांसद डॉ मोहम्मद जावेद ने ग्रामीणों को दी है। किशनगंज जिला मुख्यालय से सटे महीनगांव, दौला और पिछला पंचायत आजादी के बाद पहली बार बिहार डाक सर्किल का हिस्सा बन गया है। जिसका पिन कोड एड्रेस 855107 होगा ।गौरतलब है कि आज से पहले इन पंचायतों को लोगों को अपने गांव के नाम के साथ वाया कानकी और पोस्ट ऑफिस हटवार और पिन कोड 733209 लिखना पड़ता था। जो पश्चिम बंगाल के उत्तर दिनाजपुर का एड्रेस था। जिसकी वजह से जो चिट्ठी दो दिन में मिलने का होता था। वो कभी कभी मरने के बाद भी लोगों को मिल पाता था।

 

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इस मुद्दे को लेकर लगातार सांसद डॉ जावेद को अवगत कराने वाले महीनगांव स्टेट के अकील अजहर का कहना है कि ये वाकई सब खुशी से बढ़कर बड़ी खुशी है, जिसके लिए अपने सांसद डॉ मोहम्मद जावेद के दिल से आभारी हैं, जिनके प्रयास से आजादी के बाद पहली बार हमारे वजूद को आधिकारिक पहचान मिली है। वहीं दौला के एडवोकेट मिन्हाज सरवर का कहना है कि इस खुशी को शब्दों में बयान करना मुश्किल है। अपना पोस्टल एड्रेल होना आज के दिन क्या अहमियत रखता है। इन तीनों पंचायत के लोगों से कोई आकर पूछे। वहीं इस क्षेत्र की जिला परिषद सह अध्यक्ष नुदरत महजबीं ने सांसद के इस प्रयास की सराहना की है और आभार जताया है। उनके मुताबिक इस इलाके के छात्रों और पासपोर्टधारियों को सबसे ज्यादा दिक्कतों का सामना करना पड़ता था। समय पर चिट्ठी पत्री नहीं पहुंचने पर बहुतों का करियर भी चौपट हो चुका है। इसके अलावा आधार से संबंधित कार्यों में भी दिक्कतें आ रही थीं। लेकिन अब ये समस्या नहीं होगी। आजादी के बाद इन गांवों के लोगों ने राहत की सांस ली है। जिसके लिए भारतीय डाक विभाग भी धन्यवाद के पात्र हैं।

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बताते चलें कि पिछले 7 अप्रैल 2022 को किशनगंज जिलान्तर्गत भारतीय डाक सेवा से सम्बंधित समस्याएं त्रुटिपूर्ण पोस्टल पता में संशोधन, बंगाल राज्य के सीमावर्ती क्षेत्रों से सटे बिहार के किशनगंज जिला के समदा, महीनगांव एवं आसपास के गांव के लिए बंगाल के पोस्टल कोड के प्रयोग की त्रुटिपूर्ण विभागीय परम्परा को बंद कराकर इसे बिहार के पोस्टल कोड के दायरे में कराने एंव पासपोर्ट सेवा केंद्र किशनगंज में अतिरिक्त कर्मियों की पदस्थापन के सम्बंध में विभाग को लिखे अपने पत्र में किशनगंज सांसद डॉक्टर आज़ाद ने कहा था कि किशनगंज लोकसभा क्षेत्र अंतर्गत किशनगंज जिला में निम्नलिखित समस्याओं के समाधान पर आवश्यक है जिसमे
1. किशनगंज जिला के पोठिया प्रखण्ड के अधीन आजादनगर पोस्ट ऑफिस कार्यालय (पिन (कोड-855117) में पोस्टल पता के रूप में अबतक पोस्ट आजादनगर के स्थान पर छतरगाछ का प्रयोग किया जा रहा है, जिससे लोगों में भ्रम और संशय की स्थिति पैदा हो जाती है। इस पोस्ट ऑफिस कार्यालय के पोस्टल पता का संशोधन कर छतरगाछ के बजाय आजादनगर किया जाना।
2. किशनगंज जिला के किशनगंज प्रखण्ड व अंचल के अधीन समदा, मंझोक, दौला, पिछला और महीनगांव जिसकी आबादी लगभग 10,000 (दस हजार) से अधिक है। कई दशकों से यहाँ डाक घर नहीं होने के कारण अभी भी सीमावर्ती राज्य पश्चिम बंगाल के डाकघर हटवार भाया कानकी, जिला उत्तर दिनाजपुर (पिन कोड-733209) पर निर्भर है। फलतः ग्राम पंचायत व ग्राम कचहरी के निवासी एवं जनप्रतिनिधियों को डाक सेवा के उपयोग के लिए सीमावर्ती राज्य बंगाल स्थित डाकघर जाना पड़ता है। जबकि डाक सेवा के लिए बिहार के किशनगंज जिला के इस जगह के लिए नजदीकी डाकघर के लिए टैग करना या नई डाकघर का निर्माण कराना समाधान है जिसके लिए 3 दशकों पूर्व 1992 में ही डाक विभाग के बिहार सर्कल के उत्तरी क्षेत्र मुजफ्फरपुर से नई डाकघर निर्माण का विभागीय पत्रांक (श्री चेतनाराण सिंह तत्कालीन सहायक निर्देशक कार्यालय डाक महाध्यक्ष उत्तरी क्षेत्र मुजफ्फरपुर 842001 के पत्रांक-04/08/1992 और दिनांक- 18/09/1992) जारी हुआ था। ‘दुर्भाग्य से इतने लंबे अंतराल के बाद भी न ही नई डाकघर का निर्माण हुआ और न ही बिहार के सीमावर्ती क्षेत्र के लिए बंगाल के पोस्टल कोड के उपयोग का सिलसिला बन्द हुआ, समस्याएँ जस की तस हैं।
3. इस प्रसंग में सबसे अहम बात यह है कि डाक विभाग की विभागीय एवं तकनीकी गड़बड़ी के कारण बिहार के किशनगंज जिला के समदा, महीनगांव सहित आसपास के गांव के निवासियों को दिक्कतों का सामना है।

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