हरियाणा, 9 जुलाई। कांग्रेस कार्यसमिति की सदस्य एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी सैलजा ने कहा कि प्रदेश की भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार हर मोर्चे पर विफल साबित हुई है। प्रदेश सरकार भाजपा की केंद्र सरकार के सामने प्रदेश के लोगों की आवाज तक नहीं बन सकती। किसानों की तो कोई बात केंद्र तक पहुंचाने की जहमत तक नहीं उठाई जाती। इसलिए ही खेदड़ प्लांट की राख का मामला लगातार उलझ रहा है और किसान की जान जाने जैसे नौबत भी आ गई है, जबकि प्रदेश सरकार को यह मामला समय से केंद्र के सामने रखते हुए अभी तक इसका समाधान करवा देना चाहिए था।
मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा कि राजीव गांधी थर्मल पावर प्लांट खेदड़ से राख का उठान बंद होने के बाद करीब 87 दिन से किसान धरना दे रहे हैं। इनकी मांग है कि राख का उठान उन्हें करने दिया जाए, क्योंकि इस राख को आसपास के ईंट-भट्ठों पर बेचकर वे गोशाला चला रहे हैं और गांव के विकास पर भी खर्च कर रहे हैं। किसानों का कहना है कि जब यह राख प्लांट व सरकार के लिए सिरदर्द बन गई थी तो उन्हें उठाने को कहा गया था। अब राख बिकने लगी है तो केंद्र सरकार व प्लांट इस पर अपना हक जताने लगे हैं।
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि धरना दे रहे किसानों की मांग का कोई भी हल न निकालने के लिए सीधे तौर पर प्रदेश सरकार जिम्मेदार है। सरकार चाहती तो इस मामले को केंद्र सरकार के सामने रखती और किसानों व खेदड़ के ग्रामीणों की पैरवी करते हुए उन्हें राख बेचने की अनुमति दिला देती। लेकिन, ऐसा करने के लिए प्रदेश सरकार या फिर इसके किसी नुमाइंदे ने कोई पहल तक नहीं की। कुमारी सैलजा ने कहा प्रशासन अगर सजग रहता तो धर्मपाल की जान न जाती। इस मौत के लिए सीधे तौर पर हिसार जिला प्रशासन और प्रदेश सरकार जिम्मेदार है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा मृतक धर्मपाल के परिजनों को तुरंत प्रभाव से 50 लाख रुपये सहायता राशि व परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जानी चाहिए। लाठीचार्ज में घायल हुए अन्य किसानों को भी मुआवजा दिया जाए। साथ ही राख उठाने का हक खेदड़ के ग्रामीणों व गोशाला समिति को दिलाना चाहिए। इसके लिए केंद्र सरकार से तुरंत बात कर मामले का निपटान करना चाहिए।