नई दिल्ली:गुजरात दंगों में रची गई साजिश की जांच कर रही SIT (विशेष जांच दल) ने खुलासा किया है कि नरेंद्र मोदी को फंसाने की साजिश रची गई थी जिसके सूत्रधार कॉन्ग्रेस नेता अहमद पटेल थे। दिवंगत कांग्रेस नेता द्वारा रचित स्क्रिप्ट के अहम किरादर थे तीस्ता सीतलवाड़, IPS संजीव भट और पूर्व DGP आरबी श्रीकुमार जिन्हें साजिश को अंजाम देने का जिम्मा सौंपा गया था। अहमद पटेल इनको हथियार बनाकर गुजरात की तत्कालीन भाजपा सरकार को अस्थिर करना चाहते थे। SIT ने ये जांच रिपोर्ट अहमदाबाद के एक सेशन कोर्ट में शुक्रवार को तीस्ता के जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान पेश की।
तीस्ता की जमानत याचिका की सुनवाई का विरोध करते हुए SIT ने कोर्ट में कहा तीस्ता गुजरात की छवि खराब करने के लिए अहमद पटेल के दिशा -निर्देशों पर चल रही थीं। तीस्ता के जमानत के विरोध में SIT ने कोर्ट में दो गवाह भी पेश किए।न्यायालय को दिए गए शपथपत्र में कहा “तीस्ता की अहमद पटेल से मीटिंग हुई थी और पहली किश्त के तौर पर तीस्ता को 5 लाख रुपए मिले थे। अहमद पटेल ने ये रुपए एक गवाह के माध्यम से भिजवाए थे। 2 दिनों बाद तीस्ता सीतलवाड़ और अहमद पटेल फिर से अहमदाबाद के एक सर्किट हाउस में मिले,जहां तीस्ता को फिर से 25 लाख रुपए दिए गए। यह पैसा किसी भी राहत कार्य में प्रयोग नहीं हुआ।”
SIT ने अपने जांच में इसका भी खुलासा किया है तीस्ता राज्यसभा जानी चाहती थी। तीस्ता का मानना था अगर जावेद अख्तर और शबाना आजमी राज्यसभा जा सकते हैं तो वो क्यूं नही जा सकती। SIT की माने तो तीस्ता पैसों और राज्यसभा की भूख में गुजरात सरकार को गिराने का टेंडर ले लिया था। जिस तीस्ता के ऊपर SIT ने गंभीर आरोप लगाए हैं उस तीस्ता सीतलवाड़ को UPA सरकार में पद्म श्री भी मिल चुका है। जिस अहमद पटेल के इशारों पर तीस्ता सामाजिक कार्यकर्त्ता बनकर दंगों के बाद राहत कैम्पों में मोदी के विरुद्ध षड्यंत्र रची,उस समय अहमद पटेल तब की राज्यसभा सांसद और तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के राजनीतीक सलाहकार थे।यहां प्रश्न उठता है क्या सोनिया गांधी के कहने पर अहमद पटेल ने मोदी की छवि खराब करने की कोशिश की ?जिस तीस्ता ने पैसे और राज्यसभा के लिए देशविरोधी काम किया उनसे पद्म श्री वापस लेना चाहिए?क्या गुजरात दंगा कांग्रेस के लिए आपदा में अवसर था जिसे वो तत्कालीन गुजरात सरकार के खिलाफ भुनाना चाहती थी?