नई दिल्ली:भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस स्वर्गीय श्री अहमद पटेल पर लगाए गए मनगढ़ंत व शरारतपूर्ण आरोपों का स्पष्ट रूप से खंडन करती है। यह प्रधानमंत्री की उस सुनियोजित रणनीति का हिस्सा है, जिसके तहत वे 2002 में हुए गुजरात दंगों के पाप से मुक्त होना चाहते हैं, जो उनके मुख्यमंत्री रहते हुआ था। नरसंहार को रोकने में उनकी अनिच्छा और अक्षमता के कारण ही भारत के तत्कालीन प्रधान मंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी ने उन्हें राजधर्म याद दिलाने के लिए बाध्य होना पड़ा था।काँग्रेस ने कहा कि प्रधान मंत्री का राजनीतिक प्रतिशोध तंत्र स्पष्ट रूप से उन राजनीतिक विरोधियों को भी नहीं बख्श रहा, जो अब इस दुनिया में भी नहीं हैं। यह एसआईटी अपने राजनैतिक आका की धुन पर नाच रही है और उनके इशारे पर यह उठक-बैठक करती रहेगी। हम जानते हैं कि कैसे एक पूर्व एसआईटी प्रमुख को मुख्यमंत्री को ‘क्लीन चिट’ देने के एवज़ में एक राजनयिक उत्तरदायित्व के साथ पुरस्कृत किया गया था।काँग्रेस का कहना है कि कोर्ट में चल रहे मामलों में प्रेस के माध्यम से कठपुतली एजेंसियों द्वारा लगाए गए झूठे आरोपों को तथाकथित रुप से निष्कर्षों के रूप में प्रसारित व प्रचारित करना मोदी-शाह की जोड़ी का जाना-माना तरीका रहा है। यह आरोप उसी रणनीति का एक अन्य उदाहरण होने के अतिरिक्त और कुछ नहीं है, जिसका एक अतिरिक्त उद्देश्य, एक ऐसे दिवंगत व्यक्ति को कलंकित करना है, जो अपने ऊपर लगाए गए ऐसे बेशर्मी भरे झूठे आरोपों का खंडन करने के लिए अब इस दुनिया में नहीं है।
बताते चलें कि SIT ने अहमदाबाद सेशन कोर्ट में दाखिल हलफनामे में यह दावा किया है कि 2002 के गुजरात दंगों के बाद एक्टिविस्ट तीस्ता सीतलवाड़ ने गुजरात के मुख्यमंत्री रहे नरेंद्र मोदी को बदनाम करने की साजिश रची थी। तीस्ता ने इसके लिए सोनिया गांधी के सचिव रहे अहमद पटेल से 30 लाख रुपए लिए थे। गुजरात दंगों में तीस्ता के रोल की जांच कर रही SIT ने अहमदाबाद सेशन कोर्ट में दाखिल हलफनामे में यह दावा किया है।SIT ने एफिडेविट में कहा- तीस्ता के साथ इस साजिश में उस वक्त गुजरात के DGP रहे आरबी श्रीकुमार और पूर्व IPS संजीव भट्ट भी शामिल थे। इन लोगों ने गुजरात दंगों के बाद नरेंद्र मोदी की अगुआई वाली राज्य सरकार को अस्थिर करने की साजिश रची थी।
तीस्ता और साथियों को दो बार मिला फंड
SIT ने कहा कि तीस्ता को अहमद पटेल से एक बार 5 लाख रुपए और दूसरी बार 25 लाख रुपए मिले थे। SIT ने जेल में बंद तीस्ता की जमानत याचिका का विरोध भी किया। गुजरात SIT ने तीस्ता को 25 जून को मुंबई में उनके घर से गिरफ्तार किया था। यह गिरफ्तारी गुजरात दंगों में साजिश रचने के आरोप में हुई।
भाजपा बोली- कांग्रेस की साजिश सामने आई
SIT के खुलासे के बाद BJP ने कांग्रेस पर निशाना साधा। BJP प्रवक्ता संबित पात्रा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि गुजरात दंगे में जिस तरह कांग्रेस ने नरेंद्र मोदी को बदनाम करने की साजिश रची परत दर परत उसकी सच्चाई सामने आ रही है। SIT का एफिडेविट कहता है कि तीस्ता सीतलवाड़ और उनके साथी मानवता के तहत काम नहीं कर रहे थे। ये राजनीतिक मंसूबे के साथ काम कर रहे थे।पात्रा ने आगे कहा कि इनके 2 मकसद थे। पहला- गुजरात की तब की सरकार को अस्थिर किया जाए और दूसरा- बेगुनाह लोगों को इसमें शामिल किया जाए। जिसमें नरेंद्र मोदी का भी नाम शामिल है। उन्होंने आरोप लगाया कि अहमद पटेल ने सिर्फ पैसे की डिलीवरी की थी।सोनिया गांधी ने इसके बाद न जाने कितने करोड़ रुपए नरेंद्र मोदी को अपमानित और बदनाम करने के लिए दिए। सोनिया ने तीस्ता सीतलवाड़ का इस्तेमाल राहुल गांधी को प्रमोट करने के लिए किया।