नई दिल्ली:न्यूज़ चैनल आजतक ने डॉलर के मुकाबले रुपये की गिरती वैल्यू लो लेकर एक ख़बर चलाई जिसमें उसने बताने की कोशिश की कि रुपये की गिरती वैल्यू से कुछ लोगों को फायदा होगा।इस ख़बर पर खुद आजतक के सोशल मीडिया फॉलोवर ने ही उसकी क्लास लगा दी।
राजू बाबू पटेल नामक यूजर ने लिखा कि इसका सीधा फायदा उद्योगपतियों को ही हो सकता है क्योंकि उद्योगपति जो भी निर्यात करेंगे उसका भुगतान डॉलर में ही प्राप्त होगा और भारत सरकार से एक डालर का ₹80 वसूल करेंगे,डालर किसी गरीब व्यक्ति के पास नहीं हो सकता है,क्योंकि वही लोग आपदा में अवसर तलाशते हैं क्योंकि यही मोदी जी का मंत्र है।
सनी अरोड़ा ने लिखा कि चाटुकारिता ,जब विदेशों में पड़ने वाले बच्चो को पैसा भेजा जाएगा तो 70नहीं 80 रुपए खर्च करने पड़ेंगे , ओर देश के हालात आप से बेहतर कोई नहीं जानता ,,इस वक़्त व्यापारिक घाटा बढ़ता जा रहा है ,कंपनियां यहां निवेश नहीं करना चाहती ,सिर्फ जून में एक से डेढ़ करोड़ नौकरियां खतम हो गई है , आने वाली तिमाही में डॉलर 82 रुपए का बराबर का हो हो सकता है।
श्योपत बिश्नोई ने लिखा कि नेताओं से भी नीचे गिर चुकी है देश की मीडिया, तलवे चाटने और चापलूसी करने को ही पत्रकारिता मान लिया है, एक दिन बलात्कार के भी फायदे बता देगी ये मीडिया।
दत्ता राज खोबड़गड़े ने लिखा कि तलवे चाटने की बी हद्द होती है इस लिए देश के गोदी मीडिया की रैंक विश्व मे गिर चुकी है।
अशोक मिश्रा ने लिखा कि गजब व अद्भुत पत्रकारिता…. मन प्रसन्न हो गया ऐसी पत्तलकारिता sorry पत्रकारिता देखकर।अगर ऐसा है तो मैं अमेरिका जाकर काम करना चाहूँगा…. जिससे ज्यादा से ज्यादा डालर अपने घर भेजकर अधिक से अधिक लाभ कमा सकूँ।
US राठौड़ ने लिखा कि ऐक ओ जमाना था , जब रुपये का डालर के मुकाबले गिरने पर सरकार को गालियां मिलता था।अब ये जमाना है, रुपये के गिरने पर उसके फायदे गिनाए जा रहें हैं।मेरा भारत महान!
प्रदीप यादव रायगंज ने लिखा कि इतना पढ़ाई की इकोनॉमिक्स की…….लेकिन कभी नही पढ़ा कि रुपया गिरने के बाद भी फायदा होता है…….दलाली की भी हद होती है बेवकूफ।
फ़ारूक़ अहमद सोनू खान ने लिखा कि फायदा तो आप गिना सकते हैं लेकिन जमीन पर इससे गरीब जनता को या देशवासियो को क्या लाभ है यह नहीं पता चल रहा, और अगर रुपया गिरने से इतना ही फायदा है तो और गिरा दो ज़ब तक 1 डॉलर = 1000 रूपये नहीं हो जाता शायद इससे देश को ज्यादा फायदा हो।
आजतक ने गिनाए थे फायदे
मान लीजिए कि आपके घर का कोई व्यक्ति अमेरिका (USA) में किसी सॉफ्टवेयर कंपनी में नौकरी करता है. चूंकि अमेरिका की करेंसी डॉलर है, तो उसे भी सैलरी इसी करेंसी में मिलती है. इसके बाद वो अपनी सैलरी भारत में आपके पास भेजता है. डॉलर में भेजी गई रकम आपको एक्सचेंज (Currency Exchange) के बाद भारतीय रुपये में मिलती है. ऐसे में अगर आज के समय में एक डॉलर के मुकाबले रुपये की वैल्यू करीब 80 रुपये हो गई है, तो आपके लिए डॉलर में भेजी गई रकम भी इसी अनुपात में मिलेगी.अगर 100 डॉलर आपके लिए किसी ने भेजा है, तो आज के समय भारतीय करेंसी (Indian Currency) में ये लगभग 8000 रुपये होगी. वहीं, अगर डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपये की वैल्यू 70 रुपये होती, तो आपको 7000 रुपये मिलते. यानी 1000 रुपये आपको कम प्राप्त होते. इस तरह रुपये की गिरती वैल्यू के बीच भी कई लोगों को तगड़ा फायदा मिल रहा है.