लखनऊ:यूपी के लखनऊ स्थित लुलु मॉल में नमाज पढ़ने को लेकर हंगामा बरपा है. कई दिन से यह मामला सुर्खियों में है. हिन्दू महासभा ने मॉल में सुंदर कांड का पाठ करने का ऐलान किया था..इसके बाद हड़कंप मच गया. अखिल भारत हिंदू महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शिशिर चतुर्वेदी के घर पर पुलिस फोर्स पहुंची थी. अब इस मामले में लुलु मॉल प्रबंधन ने एक लेटर जारी किया है. इस लेटर में कहा गया है कि मॉल में 80 प्रतिशत ते ज्यादा कर्मचारी हिंदू हैं।कंपनी ने वक्तव्य जारी करते हुए कहा कि हम लखनऊ की जनता के आभारी है जिन्होंने हमारे मॉल को इतना समर्थन दिया है। हम यह बताना चाहेंगे कि लुलु मॉल एक पूर्णतया व्यावसायिक प्रतिष्ठान है, जो बिना किसी जाति, मत या वर्ग का भेद किये हुये व्यवसाय करता है। उपभोक्ता ही हमारे लिए सर्वोपरि है। हमारा प्रतिष्ठान शासन के नियमों के अन्तर्गत निर्धारित मर्यादा में व्यवसाय करता है। हमारे यहाँ जो भी कर्मी हैं वे जाति, मत, मजहब के नाम पर नहीं, बल्कि अपनी कार्यकुशलता के आधार पर तथा मेरिट के आधार पर रखे जाते हैं।यह अत्यन्त दुखद है कि कुछ निहित स्वार्थी तत्व हमारे प्रतिष्ठान को निशाना बनाने का प्रयास कर रहे हैं। हमारे यहाँ जितने भी कर्मी है उनमें स्थानीय, उत्तर प्रदेश और देश से भी हैं जिनमें से 80 प्रतिशत से अधिक हिन्दू हैं तथा शेष में मुस्लिम, इसाई एवं अन्य वर्गों के लोग हैं। हमारे प्रतिष्ठान में किसी भी व्यक्ति को धार्मिक गतिविधि संचालित करने की छूट नहीं है। जिन लोगों ने सार्वजनिक स्थान पर प्रार्थना एवं नमाज पढ़ने की कुत्सित चेष्टा की उनके खिलाफ मॉल प्रबन्धन ने एफ. आई. आर. कराकर उचित कार्यवाही की है।आप सभी से अपील है कि हमारे प्रतिष्ठित व्यावसायिक प्रतिष्ठान को निहित स्वार्थ में निशाना न बनायें तथा हमें उपभोक्ताओं के हित का ध्यान रखकर शान्तिपूर्वक व्यवसाय करने दें।
वॉक इन इंटरव्यू के माध्यम से हुई नियुक्ति
लुलु मॉल से जुड़े विवाद के बीच मॉल के जीएम हायपर मार्केट नोमान खान ने अपना पक्ष रखा है। दरअसल आरोप है कि इस मॉल में ज्यादातर मुस्लिम कर्मचारियों को रखा गया है। इसपर नोमान खान ने कहा कि यह आरोप निराधार है। हमारे यहां किसी भी वर्ग की विशेष तौर पर भर्ती नहीं हुई है। हमने दो वॉक इन इंटरव्यू रखा हुआ था। इसको लेकर अलग-अलग राज्यों और अलग-अलग अखबारों में विज्ञापन दिया गया था। उसी के हिसाब से कर्मचारी रखे जा रहे हैं। इसमें अलग-अलग तरह के वर्गों से लोगों को चुना गया है।नोमान खान ने कहा कि पहले इंटरव्यू में लगभग दो हजार लोग आए, और दूसरे इंटरव्यू में 22 सौ बच्चे आए थे। उन्होंने कहा कि मॉल में जो आउटलेट्स दिए गए हैं, उनमें ब्रांडेड कंपनी है। इसमें किसी वर्ग विशेष को खास मौका नहीं दिया गया है। यह आरोप गलत है कि हम आउटलेट्स हिंदू या मुस्लिम को देते हैं।
सुरक्षा बढ़ाई गई
लुलु मॉल में मुस्लिमों द्वारा नमाज पढ़े जाने के बाद मचे बवाल के बाद उसकी सुरक्षा को बढ़ा दिया गया है। शॉपिंग मॉल के प्रबंधन ने इसके हर फ्लोर पर सिक्योरिटी को बढ़ाते हुए 200 सुरक्षा गार्डों को तैनात कर दिया है। इसके साथ ही 1016 सीसीटीवी कैमरों को एक्टिव कर दिया है।मॉल प्रबंधन ने ये फैसलाकरणी सेना से जुड़े 10 लोगों को कस्टडी में लिए जाने के बाद लिया है। रिपोर्ट के मुताबिक, करणी सेना के लोग मॉल का बॉयकॉट करने वाले पोस्टर लिए हुए थे। इस बीच लखनऊ पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर ने एक्शन लेते हुए गोल्फ सिटी के एसएचओ अजय प्रताप सिंह को पुलिस लाइन अटैच कर लिया है। उनके स्थान पर शैलेंद्र गिरि को नया एसएचओ नियुक्त किया गया है। यहीं नहीं साउथ जोन के डीसीपी गोपाल चौधरी को क्राइम ब्रांच का डीसीपी बना दिया गया है।
मॉल प्रबंधन ने नमाज पढ़ने वालों के खिलाफ किया केस
इस बीच लुलु मॉल के प्रबंधन ने उन लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है, जिन्होंने कुछ दिन पहले इसके परिसर में नमाज अदा की थी। लुलु इंडिया शॉपिंग मॉल, लखनऊ के क्षेत्रीय निदेशक जयकुमार गंगाधर ने कहा, “प्रतिष्ठान में धार्मिक प्रथाओं में शामिल होना प्रतिबंधित है।”गंगाधर ने कहा कि कुछ स्वार्थी तत्व लुलु मॉल को निशाना बनाने की कोशिश कर रहे थे। मॉल प्रशासन ने पहले एक नोटिस जारी कर कहा था कि मॉल परिसर में किसी भी धार्मिक प्रार्थना की अनुमति नहीं दी जाएगी। लोगों द्वारा नमाज अदा करने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद यह नया निर्देश आया है। मॉल प्रबंधन ने दावा किया कि उसके यहाँ 80% से अधिक कर्मचारी हिन्दू हैं और बाकी मुस्लिम, ईसाई व अन्य हैं।
यूसुफ ने दुबई के रिटेल मार्केट का बदल दिया स्वरूप
मूल रूप से केरल के रहने वाले यूसुफ अली का जन्म 1955 में हुआ था. शुरुआती पढ़ाई पूरी करने के बाद 1973 में अबु धाबी चले गए, जहां उनके चाचा एम के अब्दुल्ला रहा करते थे जो कि लुलु ग्रुप ऑफ कंपनीज के चेयरमैन थे. पारिवारिक बिजनस जॉइन करने के बाद यूसुफ ने 1990 के दशक में पहले लुलु हाइपर मार्केट की शुरुआत की थी, यह वह दौर था जब यूएई का रिटेल सेक्टर बड़े बदलाव से गुजर रहा था. कहा जाता है कि यूसुफ लुलु ने दुबई के रिटेल मार्केट का कलेवर ही बदल दिया था. पारिवारिक बिजनस संभालने के बाद यूसुफ ने यूरोप और अमेरिका से फ्रोजन प्रोडक्ट का आयात करना शुरू किया. यह प्रोडक्ट न केवल अबु धाबी बल्कि मध्य पूर्व के अन्य देशों में भी बेचा जाने लगा.यूसुफ की कंपनी लुलु इंटरनेशनल का नेटवर्थ 4.7 बिलियन डॉलर है और इसका कारोबार यूरोप और अमेरिका सहित 22 देशों में फैला है. कंपनी का हेड क्वॉर्टर अबु धाबी में मौजूद है जिसके दुनियाभर में 193 स्टोर मौजूद हैं. यूसुफ का लुलु मॉल राजधानी लखनऊ के सुशांत गोल्फ सिटी में 11 एकड़ के दायरे में फैला हुआ है. बताया जाता है कि इसे बनाने में कंपनी ने दो हजार करोड़ रुपये खर्च किए थे.