इरशाद अली आज़ाद
केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हाल ही में कहा कि भारत अब कमजोर नहीं बल्कि दुनिया का ताकतवर देश बन गया है जो 2047 तक विश्व गुरु बनेगा। यानि आजकल फिर से भारत को विश्वगुरु, महाशक्ति और अखंड भारत बनाने इत्यादि जैसे नारे सुनने को मिल रहे हैं। दूसरे शब्दों में फिर से सपना दिखाया जा रहा है।याद कीजिए कि ऐसे नारे आप कब से सुन रहे हैं!
गौरतलब है कि यह नारा उन लोगों द्वारा दिया जा रहा है, वे लोग सपने दिखा रहे हैं, जो पिछले 8 वर्षों से केंद्र की सत्ता का सुख भोग रहे हैं लेकिन काम के नाम पर आज तक ऐसा कुछ भी नहीं किया जिसके सहारे जनता के बीच जा सकें। दरअसल भारतीय जनता पार्टी की केंद्र सरकार झूठे वादे और आश्वासनों के बल पर सत्ता में तो आ गई लेकिन देश को रसातल में पहुंचाने में कोई कसर बाक़ी नहीं रखा। हर नए दिन कभी बैंक प्राइवेट किए जा रहे हैं तो कहीं सार्वजनिक क्षेत्रों की बड़ी-बड़ी और नामी-गिरामी नवरत्न कंपनियों को बेचा जा रहा है।कभी देश के हवाई अड्डों को अपने चहेतों को सौंपा जा रहा है तो कभी रेलवे स्टेशनों को। गौर करने से यह बात बहुत आसानी से समझ में आ जाएगी कि भाजपा सरकार अंग्रेजों की लुटनीति पर चल रही है। यानि शासन करो और जनता का खून चूस कर अपना और अपने प्यादों का पेट भरो, बाकी लोगों के लिए दमन का हथियार है ही।
जनता को मालूम है कि आरएसएस और भाजपा का असली चाल चरित्र यही है। इससे वह कैसे दूर हो सकती है। आप जरा याद करें तो सारी चीजें सहसा आपके जहन में तैरने लगेंगी और एक एक करके आपकी नजरों के सामने आ जाएंगी। यानी संघ पोषित भारतीय जनता पार्टी की केंद्र सरकार भारत को उन्नति के बजाय गर्त में धकेल कर भारत का बेड़ा गर्क करने पर आमादा है। ऐसे में संघ और भाजपा को अपनी नाकामी को छुपाने के लिए धर्म,अखण्ड भारत और विश्व गुरु बनाने जैसे नारों का ही सहारा लेना पड़ रहा है। अगर ऐसा नहीं होगा तो शायद महंगाई से बदहाल और परेशान आम जनता सवाल पूछने लगेगी, बेरोजगारी से परेशान नौजवान सवाल पूछने लगेंगे, जीएसटी से परेशान व्यापारी सवाल पूछने लगेंगे जिसका जवाब इस सरकार के पास नहीं है। यदि लोग हवाई अड्डे, रेलवे स्टेशनों और सार्वजनिक क्षेत्रों की कंपनियों को बेचने का सवाल करेंगे तो यह संघी और जनविरोधी सरकार क्या जवाब देगी?ऐसे में अपनी नाकामी और कुकृत्य को छिपाने के लिए देश की जनता को एक नया सपना दिखाया जा रहा है।
यह विश्वगुरु भारत का नया मॉडल है। भारत की आर्थिक स्थिति रसातल में जा रही है, शिक्षा, स्वास्थ्य, मेडिकल, हॉस्पिटल की हालत बदतर है, जीडीपी ग्रोथ आकाश के बदले पाताल में जा चुका है। इसके विपरीत विश्वगुरु होने की बात की जा रही है क्योंकि अपराध, बलात्कार, लूट, दंगा की राजनीति में भारत का नाम ‘चमकाया’ जा रहा है, और चमकाने वाले यही लोग हैं।
भारत को विश्वगुरु बनाने का सपना दिखाने वाले प्रधानमंत्री ने भाषण दिया था कि किसानों की आय 2022 में दोगुनी होगी लेकिन 2022 में महंगाई दोगुनी हो गई और पूंजीपतियों की आमदनी 200 गुनी बढ़ गई।भाषणों में कहा गया कि सबको घर मिलेगा, हर साल 2 करोड़ युवाओं को रोजगार मिलने वाला था किंतु बदले में लाखों करोड़ों युवाओं का रोज़गार छीन लिया गया। एफडीआई और निजीकरण को खत्म करने वाले दिन दुगुनी रात चौगुनी की रफ्तार से एफडीआई को भी बढ़ावा दे रहे हैं और निजीकरण को भी।
ऐसे में सरकार की नीति और नीयत को समझने और उसका आंकलन करने के साथ ज़रूरी है कि सपनों के सौदागरों की नकेल कसने के लिए आगे आएं। 2047 का सपना दिखाने वालों से पूछना होगा कि वर्तमान में क्या कर रहे हो। सरकार वर्तमान में है। जनता ने वर्तमान के लिए चुना है। लोग महंगाई, बेरोज़गारी, भ्रष्टाचार की मार वर्तमान में झेल रहे हैं।रेल, हवाई जहाज, हवाई अड्डे, बैंक वर्तमान में बेचे जा रहे हैं, विधायक वर्तमान में खरीदे जा रहे हैं, वर्तमान में बीजेपी के हर जिलों में सुंदर कार्यलय बनवाए जा रहे, नेता और मंत्री का वर्तमान में हाई फाई जीवन यापन है और युवाओं तथा देशवासियों को सपना भविष्य का दिखाया जा रहा है। ये दरअसल भविष्य के सपने में धकेल कर वर्तमान को अंधेरे में रखने का जुगाड़ है जिसके माध्यम से संघ और भाजपा देश को उलझाकर रखना चाहती है और दूसरी तरफ देश को कंगाल बना रही है। इसलिए अगर आज सवाल करना छोड़ दिया तो आने वाली पीढ़ी को इसका खमियाजा भुगतना पड़ेगा।
(लेखक बिहार स्टेट शिया वक़्फ़ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन हैं)