पटना : मणिपुर में पांच विधायकों की टूट के बाद नीतीश कुमार की तल्खी देखने को मिली। उन्होंने कहा कि इसका हिसाब 2024 में हो जाएगा। विपक्षी एकजुटता की जरूरत है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जेडीयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में शामिल हुए। नीतीश कुमार के प्रधानमंत्री बनने के समर्थन नें नारेबाजी हो रही थी। मगर मणिपुर में विधायकों की टूट नीतीश को परेशान कर रही थी। पटना पार्टी ऑफिस की बैठक से बाहर निकलकर जब नीतीश कुमार मीडिया से मुखातिब हुए तो बिफर पड़े।
इस बयान के सामने आते ही नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने पलटवार करते हुए कहा कि नीतीश जी कहते हैं किसी पार्टी के जीतने वाले को अपनी तरफ लेना लोकतंत्र का हनन है ।तो वो खुद को और लालू जी को ही कटघरे में खड़ा कर रहे हैं ! आज की पीसी में आपके बगल में बिहार कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अशोक चौधरी खड़े थे तो वो कहां से आए हैं ? और हाल ही आपके सहयोगी तेजस्वी यादव ने AIMIM का विलय कराया तो क्या वो सही था ?उन्होंने कहा कि पूर्व में जो आपने दर्जनों विधायकों को लोजपा से , बसपा से , कांग्रेस से , राजद से तोड़ा तो क्या वह सब पुण्य का काम था ? इनका दोहरा चरित्र पता नहीं चलता। ये बयान भी बदलते रहते हैं और पाला भी ।आज लगातार नीतीश जी का जनाधार घट रहा है। 2010 में 115 पर थे, 2015 में 70 पर आए और 2020 में 43 पर । 2025 में यह आंकड़ा इकाई में रह जायेगा । ना जनता को विश्वास रहा ना जन प्रतिनिधियों को , उनका विश्वास हासिल करने के बजाय भाजपा को कोसने में लगे हैं । इससे कुछ हासिल नहीं होगा ।
इससे पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शनिवार को पटना में आयोजित जदयू के कार्यकारिणी की बैठक में शामिल हुए. बैठक में उन्हें पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा पार्टी को मजबूत करने का आह्वान किया. उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि हालात को लेकर सतर्क रहने की जरुरत है. बेहतर काम करें.नीतीश कुमार ने भाजपा पर हमला करते हुए कहा कि भाजपा का किसी दूसरे राज्य में पार्टी के विधायकों को तोड़ रही है. ये क्या स्वाभाव है. सभी देख रहे हैं. यह कौन सा स्वभाव है सभी देख रहे हैं. एक नए ढंग का काम किया जा रहा है. यह संवैधानिक काम है क्या, सभी बतावें. उन्होंने कहा कि अगर ऐसे स्थिति में देश की विपक्ष एक साथ जुटकर काम करती है तो परिणाण बेहतर देखने को मिलेगी.